Noida / Agra: नोएडा/आगरा। अखिल भारतवर्षीय ब्राहमण महासभा ने आगरा में अनाथ हुए बच्चे श्याम को कम से कम 20 लाख रूपए का मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही सभा ने यह दावा भी किया है कि देश के 85 प्रतिशत ब्राहमण गरीब व बेहद निर्धन हैं।
अखिल भारतवर्षीय ब्राहमण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पीतांबर शर्मा ने एक पत्र में यह मांग की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में श्री शर्मा ने लिखा है कि समाचार पत्रों द्वारा व आगरा में कार्यरत ब्राहमण सभा की टीम द्वारा सूचना मिली की आगरा के सिकन्दरा की आवास-विकास कालोनी की ईडब्ल्यूएस मकान नं-1040 में रहने वाले सोनू शर्मा, उसकी पत्नी गीता शर्मा ने अपनी पुत्री सृष्टि सहित पंखे से लटकर आत्महत्या कर ली। एक मात्र लड़का (उम्र 10 वर्ष) श्याम किसी तरह बच पाया है। वहां पर एक लिखा हुआ सुसाईट नोट भी मिला है जिसमें आर्थिक तंगीय व बेरोजगारी का जिक्र है और दुखी होकर आत्महत्या करने की बात लिखी है।
पत्र में आगे कहा गया है कि हम बार-बार कहते हैं कि ब्राह्म्ïण जिसको शासन जन्म से अमीर मानता आया है वास्तव में गरीब होता है। हमें ऐसा पद और जाति नहीं चाहिए जिससे हमें ब्राहमण होने का दंश झेलने पर आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़े।
देश में सर्वे के अनुसार 15 प्रतिशत ब्राहमण सम्पन्नता की श्रेणी में आते हैं और 85 प्रतिशत ब्राह्मण गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। क्योंकि वो ब्राहमण है तो जाति के आधार पर वह जन्म से अमीर और सवर्ण की श्रेणी में आ जाते है और आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते है दो आज के युग में अभिशाप है। जबकि सरकार गरीबों को रोजगार व अन्न वितरित कर रही है परन्तु ब्राहमण सरकार द्वारा किये गये लाभों से ब्राहमण होने की वजह से ही लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
श्री शर्मा ने पत्र में मांग की है कि हम ब्राह्मण सभा की और से आपको विशेष निवेदन करते हैं कि आगरा में हुये इस कान्ड में बचे एक मात्र बच्चा श्याम (10) वर्ष को कम से कम 20 लाख रूपया आर्थिक मदद के तौर पर दिये जाएं और उसकी पढ़ाई हेतु फीस माफी के भी आदेश पारित किये जाएं।