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Noida News : बिसरख पुलिस की लापरवाही से तीन साल तक छुपता रहा खूंखार हत्यारा

जगदीश शर्मा

थाना बिसरख पुलिस की लापरवाही से चार लोगों की हत्या करने वाला एक खूंखार हत्यारा तीन सालों तक सलाखों के पीछे जाने से बचता रहा। 3 वर्ष पूर्व एक महिला और 2 मासूम बच्चों की गुमशुदगी के मामले में थाना बिसरख पुलिस की लापरवाही उजागर होने के बाद एक बार फिर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

   थाना बिसरख क्षेत्र के चिपयाना बुजुर्ग की पंच विहार कालोनी के मकान संख्या 51 से एक महिला व दो बच्चों के नरकंकाल मिलने के बाद थाना बिसरख पुलिस की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यू ंतो थाना बिसरख में तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही पहले भी उजागर हो चुकी है। लेकिन इस मामले में थाना पुलिस ने बड़ी लापरवाही बरती। एक महिला कांस्टेबल के प्यार में पागल राकेश पुत्र बनवारी निवासी नौगंवा, जनपद अलीगढ ने 14 फरवरी 2018 को अपनी पत्नी रतनेश, पुत्री अवनी (3 वर्ष) तथा पुत्र अर्पित (डेढ़ वर्ष) की मकान के बेसमेंट में बुलाकर लोहे की राड से प्रहार कर हत्या कर दी और उनके शवों को मकान के बेसमेंट में दफन कर उस पर ऊपर से सीमेंट का पक्का फर्श बना दिया। रतनेश के पिता मोतीलाल निवासी नगला कलुआ थाना मारहरा जनपद एटा ने थाना बिसरख में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई।

थाने में अपराध संख्या 710/18, धारा-364, 498ए, 504, 506 व डीपी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। मामले की विवेचना के दौरान आरोपी राकेश को थाना बिसरख पुलिस द्वारा कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया और हर बार खूंखार हत्यारा पुलिस को बरगलाता रहा। पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए इस शातिर हत्यारे ने अपने परिवार के साथ मिलकर गांव के ही अपने जैसे दिखने वाले दोस्त राजेन्द्र उर्फ कलुआ पुत्र दिलीप सिंह को पहले शराब पिलाई और फिर गंडासे से उसकी हत्या कर पहचान छुपाने के लिए सिर व हाथों के पंजे काटकर तथा उसे अपने कपड़े पहनाकर व उसके पास अपना पहचान पत्र फेंक दिया। राजेन्द्र का शव थाना ढोलना क्षेत्र के ग्राम मासपुर के जंगल में रेलवे लाइन के पास मिला। शातिर राकेश ने अपने भाई राजीव कुमार के साथ षडय़ंत्र रचकर अपनी हत्या का नाटक रचा और अपने ससुरालियों को इसका जिम्मेदार ठहराया। बाद में राकेश, दिलीप शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी कुशीनगर के नाम से आधार कार्ड बनवाकर हरियाणा के मछरौली गांव में मजदूरी व बाद में राज मिस्त्री बनकर रहने लगा। मगर कासगंज पुलिस की एक सावधानी ने पूरा षडय़ंत्र खोल कर रख दिया।

      रेलवे लाइन पर मिले शव की सही तौर पर पहचान न होने के कारण पुलिस ने राजेन्द्र उर्फ कलुआ का डीएनए सैम्पल आगरा में कराया जहां से पुलिस को बड़ा सुराग हाथ लगा और उसने खूंखार हत्यारे राकेश को गिरफ्तार कर लिये। राकेश की निशानदेही पर रतनेश व उसके दोनों बच्चों के कंकाल मकान से बरामद हुए।

      इस सनसनीखेज हत्या के खुलासे में थाना बिसरख पुलिस की भूमिका पूरी तरह गायब रही और बीते तीन सालों में इस थाने की पुलिस गुमशुदा रतनेश व उसके दोनों बच्चों को नहीं ढूंढ पाई।

     पीडि़त रतनेश के पिता मोतीलाल का कहना है कि यदि थाना बिसरख पुलिस ने मेरी बेटी व उसके मासूम बच्चों को खोजने में गंभीरता दिखाई होती तो चार लोगों की हत्या करने वाला राकेश काफी पहले कानून के शिकंजे में आ चुका होता।

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