Sunday, 19 January 2025

सरकारी तंत्र का सबसे बड़ा झूठ : मासूम बच्चे के दोनों हाथ काटने वाले अवैध अस्पताल पर फर्जी सील

Noida News : गौतमबुद्धनगर जनपद के सरकारी तंत्र का सबसे बड़ा झूठ सामने आया है। जिले के जेवर कस्बे में…

सरकारी तंत्र का सबसे बड़ा झूठ : मासूम बच्चे के दोनों हाथ काटने वाले अवैध अस्पताल पर फर्जी सील

Noida News : गौतमबुद्धनगर जनपद के सरकारी तंत्र का सबसे बड़ा झूठ सामने आया है। जिले के जेवर कस्बे में एक 6 वर्षीय मासूम बच्चे के दोनों हाथ काटने के लिए जिम्मेदार अस्पताल पर सील लगाने का दावा किया जा रहा है। डीएम से लेकर नोएडा कमिश्नरी की पुलिस तक दावा कर रही है कि अस्पताल को सील कर दिया गया है जबकि वह अवैध अस्पताल बदस्तूर इस समय भी चल रहा है।

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क्या है पूरा प्रकरण ?

आपको बता दें कि 29 जून को चेतना मंच ने ” जेवर में अवैध रुप से बने अस्पाल ने छीन लिए एक मासूम के दोनो हाथ” शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। समाचार में बताया गया था कि जेवर कस्बे में चौधरी मेडिकेयर अस्पताल स्थित है। 23 जून को इस अस्पताल में दस्तमपुर गांव के रहने वाले सौरभ की पत्नी सीमा की डिलीवरी हुई थी। घर में नया मेहमान (बच्चा) आने से पूरे परिवार में खुशियां मनाई जा रही थीं। इसी खुशी में शरीक होने के लिए 6 वर्ष का बच्चा माधव अपने पिता योगेश के साथ अस्पताल गया था।

दरअसल सीमा माधव की बुआ हैं। वह बच्चा अपनी बुआ व नवजात शिशु को देखने गया था। बुआ व शिशु से मिलकर यह बच्चा माधव अस्पताल की बालकनी में खेल रहा था। उस बालकनी के ठीक ऊपर बिजली की 11 हजार वोल्टेज (हाईटेंशन) की लाइन जा रही है। अचानक मासूम माधव उस बिजली की लाइन की चपेट में आ गया। बिजली का करंट इतना भयंकर था कि मासूम बच्चे के दोनों हाथ बस्ट (फट गए) हो गए। खुशी के माहौल में चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।

परिवार वाले अपने कुछ मित्रों की मदद से आनन-फानन में बच्चे को ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल सांईस (एम्स) में ले गए। मासूम माधव के पूरे शरीर में जहर फैलना शुरू हो गया था। उसकी जान बचाने के लिए एम्स के डाक्टरों को मासूम बच्चे माधव के दोनों हाथ काटने पड़े। यह बच्चा इस समय एम्स में जीवन और मौत से गुजर रहा है।

मासूम बच्चे का जीवन बर्बाद करने वाले अस्पताल मालिक को बचा रही है पुलिस, राजनेताओं का भी संरक्षण

सरकारी तंत्र का सफेद झूठ

इस घटना के चेतना मंच में प्रकाशित होने के बाद गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया कि अस्पताल का निरीक्षण किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के डा. जेएस लाल ने अपनी टीम के साथ अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद बाकायदा सरकारी बयान जारी किया कि अस्पताल नियमों के विरुद्ध चल रहा था इस कारण हमने चौधरी मेडिकेयर अस्पताल को सील कर दिया है। इसी प्रकार का एक जवाब चेतना मंच के ट्विट पर नोएडा पुलिस कमिश्नरी के आफिसियल एकाउंट से भेजा गया जिसमें कहा गया है कि अस्पताल को सील कर दिया गया है। देखें पुलिस का ट्विट …

पूरी तरह से खुला है अस्पताल

जिला प्रशासन व पुलिस कमिश्नरी के सच को परखने के लिए शनिवार की शाम को चेतना मंच की टीम ने चौधरी मेडिकेयर अस्पताल का निरीक्षण किया तो टीम के होश उड़ गए। जिस अस्पताल को पूरा सरकारी तंत्र अवैध अस्पताल बताकर सील करने की कहानी प्रचारित कर रहा है वह अस्पताल बाकायदा मरीज भर्ती कर रहा है, डॉक्टर मरीज देख रहे हैं, अस्पताल के आपरेशन थियेटर में आपरेशन चल रहे हैं यानि पूरा अस्पताल बाकी सब दिनों की तरह अवैध कमाई करने में लगा हुआ है। नीचे आप वीडियो में साफ देख सकते हैं कि जिस अस्पताल को प्रशासनिक तंत्र सील किया हुआ बता रहा है, वह अस्पताल किस प्रकार से गुलजार है। चेतना मंच के पास अस्पताल में काम होते हुए सबूत के तौर पर एक बड़ा वीडियो मौजूद है जिसे आप चेतना मंच के यूटूब चैनल पर देख सकते हैं।

डिप्टी सीएमओ की टीम पर लगे सवालिया निशान

इस पूरे प्रकरण में पूरे प्रशासनिक तंत्र से लेकर डिप्टी सीएमओ तक पर बड़ा सवालिया निशान लग रहा है। दरअसल, डिप्टी सीएमओ डा. जेएस लाल के नेतृत्व में जिला शिकायत अधिकारी राकेश ठाकुर व नवीन कुमार राजौरिया की टीम चौधरी मेडिकेयर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची थी और अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन यहां पर सवाल यह पैदा हो रहा है कि जब अस्पताल को सील कर दिया गया तो वह सील कहां गई। पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवालिया निशान यह भी है कि जब अस्पताल को सील कर​ दिया गया था तो अस्पताल कैसे खुला हुआ है और मरीज कैसे अंदर बाहर आ जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि केवल कागजों में ही अस्पताल को सील किया गया, वास्तविक रुप से अस्पताल में ‘सेटिंग गेटिंग’ करके पूरा खेल किया गया है। जिस मासूम 6 वर्षीय बच्चे माधव के दोनों हाथ इस अवैध अस्पताल के कारण काट दिए गए उस बच्चे के चाचा ललित ने भी चेतना मंच से बातचीत करते हुए बाकायदा वीडियो में यह गवाही दी है कि अस्पताल पर कोई सील नहीं लगाई गई। अस्पताल में रोज की तरह की पूरा काम चल रहा है।

चेतना मंच की खबर का असर : मासूम बच्चे का जीवन बर्बाद करने वाला अवैध अस्पताल हुआ सील

Noida News – डीएम बड़ा या चौधरी मेडिकेयर ?

इस प्रकरण में यह सवाल भी बहुत जोर शोर से उठ रहा है कि गौतमबुद्धनगर जिले में तैनात डीएम मनीष कुमार वर्मा बड़े है अथवा अवैध रुप से चल रहे चौधरी मेडिकेयर अस्पताल के मालिक डा. अजीत चौधरी बड़े हैं। यह सवाल इसलिए जरुरी हो जाता है कि जिलाधिकारी के आदेश पर सील किए गए अस्पताल में सील कहीं नजर ही नहीं आ रही है। सबकुछ वैसे ही चल रहा है, जैसे रोज चलता था। जबकि यह साबित हो चुका है कि यह अस्पताल पूरी तरह से अवैध है। Noida News

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