Noida News :
अंजना भागी
Noida News : शहर में घूमता आईना चेतना मंच का सतत चलने वाला एक अभियान है। इस अभियान के तहत हम आपको नोएडा शहर के अलग-अलग सेक्टरों की विशेषताओं, समस्याओं एवं समाधान के विषय में अवगत कराते हैं। इसी कड़ी में आज यहां प्रस्तुत है। नोएडा के सबसे बड़े सेक्टरों में शामिल सेक्टर-19 का पूरा हाल-चाल। आपको पहले भी बताया जा चुका है कि जैसे आईना कभी झूठ नहीं बोलता ठीक उसी प्रकार शहर में घूमता आईना भी वही दिखाता है जो वास्तव में सच होता है।
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वर्ष-1979 में बसना शुरू हुए सेक्टर-19 में 3 ब्लॉक हैं ए, बी और सी। इस सेक्टर में कुल मिलाकर 2,382 मकान हैं। इस सेक्टर की आबादी 24000 हजार है। यह सैक्टर दिल्ली के निकटतम है, लगभग 1 किलोमीटर लम्बे तथा आधा किलोमीटर चौड़े क्षेत्रफल में बसा हुआ है। सैक्टर में 17 बड़े, मध्यम, छोटे, हर प्रकार के हरे-भरे पार्क हैं। यहां डबल स्टोरी एलआईजी, एमआइजी (हाउसिंग) अलग-अलग साइज के प्लॉट हैं। अब लगभग सभी प्लॉटों पर घर बने हुए हैं।
सेक्टर-19 की विशेषता
इसी सेक्टर में नोएडा शहर का मुख्य डाकघर भी स्थापित है साथ ही यहां पर सिटी मजिस्ट्रेट का कार्यालय भी आबाद है। यहां नर्सरी से लेकर कक्षा-12 तक के कई विद्यालय हैं। इस सेक्टर से चंद कदम की दूरी पर ही डी एम ऑफिस तथा सम्पूर्ण नोएडा में मशहूर सनातन धर्म मंदिर भी इसी सेक्टर में स्थापित है। दिल्ली के बहुत नजदीक होने के कारण तथा मेट्रो व अन्य मुख्य बसों के द्वारा दिल्ली से अच्छी कनेक्टिविटी होने के कारण लोग यहां रहना पसंद करते हैं। आरडब्ल्यूए की मांग पर प्राधिकरण ने सेक्टर की पांचों ग्रीन बेल्टों को पार्कों की तरह से विकसित किया है। ग्रीन बेल्ट में बैठने के लिए बेंच हैं। कूड़ेदान लगे हैं, पैदल सैर करने वालों के लिए फुटपाथ हैं तथा एंट्री गेट भी है। आरडब्लूए की सतर्कता के कारण सेक्टर की ग्रीन बेल्ट पर आज तक किसी भी तरह की कोई भी एंक्रोचमेंट नहीं है । सेक्टर-19 नोएडा का एक व्यावसायिक केंद्र भी है यहां पर अलग-अलग प्रकारों की व्यापारिक गतिविधियां भी होती हैं।
सेक्टर-19 में नहीं है समस्याओं की कमी
यदि बात समस्याओं की हो तो समस्याओं का तो इस सेक्टर में अंबार ही लगा है। इस सेक्टर में शनि बाजार के नाम से एक बड़सस सा ग्राउंड है प्रत्येक शनिवार को यहां एक अव्यवस्थित बाजार लगता था जो यहां के नागरिकों की आंखों की किरकिरी बना हुआ था। अब शनि बाजार लगना तो बंद हो गया है किन्तु इस बाजार स्थल पर लगा रहने वाला आवारा पशुओं का जमावड़ा यहां के नागरिकों का सिरदर्द बना हुआ है। इसी प्रकार की अनेक छोटी-बड़ी समस्याएं सेक्टर का स्वरूप बिगाड़ रही हैं। कुछ लोगों ने अपने घरों के बाहर अवैध रूप से दुकानें खोलकर सेक्टर की सुंदरता का सत्यानाश करने का काम किया है। इस सेक्टर में आस-पास के सेक्टरों से आकर मटरगश्ती करने वाले मनचले युवकों की भी एक समस्या है। ये मनचले आमतौर पर दिन के दोपहर में महिलाओं कस साथ छेडछाड़ करते हुए देखे जा सकते हैं। इस सेक्टर के विषय में यहां की आरडब्ल्यूए के संयुक्त सचिव कृष्णा शर्मा का कहना है कि हमारे सेक्टर में बरसात में बी ब्लॉक से जलभराव को निकालने के लिए एक पंप लगाया गया है। प्राधिकरण के निर्देश पर इस पंप के द्वारा आज कल नाले का पानी सेक्टर-18 के नाले में डाल दिया जाता है। उनका कहना है कि यह पानी हर रोज निकाला जाना जरूरी है।
आरडब्ल्यूए के उपाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा का कहना है कि गंदे नाले का नवीनीकरण का काम तो थोड़ा जल्दी ही किया जाना चाहिए। कृष्णा शर्मा के अनुसार सेक्टर में हवा और बिजली का तो चोली दामन का साथ है। कभी पेड़ों की कटाई के बहाने तो कभी पेड़ तार के ऊपर गिर गया या कभी ट्रांसफार्मरों की मेंटेनेंस चल रही है के नाम पर सेक्टर-19 में घंटों बिजली गुल
रहती है।
आरडब्ल्यूए के दूसरे उपाध्यक्ष एन.सी. वरुण का मानना हैं कि सेक्टर-19 में लगभग 1 साल पहले सीवर लाइन डाली गई थी। पर कहीं-कहीं सीवर लाइन को फ्लैटों के साथ जोड़ा ही नहीं गया। जैसे कि बी-48, बी-128, सी-196, यहां तो हालात बहुत ही खराब हैं। घर के सीवर के साथ सीवर लाइन जोड़ी ही नहीं गई है। घर का सीपेज नीचे गड्ढे में फैल रहा है। रेजिडेंट्स बार-बार आरडब्लूए को कभी नोएडा अथॉरिटी को शिकायत करते हैं। चक्कर-पे-चक्कर लगा रहे हैं। प्राधिकरण से कुछ कर्मचारी आकर देख भी जाते हैं। सीवर लाइन जैसी की तैसी ही बनी हुई है।
आरडब्ल्यूए के संयुक्त सचिव विरेन्द गुप्ता के अनुसार सेक्टर-19 के अंदर की सडक़ें डांबर तथा आरसीसी से बनी हैं। अब इन दोनों की ही हालत खराब है। सडक़ों पर गहरे गड्ढे हैं। चलो तो ऐसा लगता है जैसे कि सेक्टर-19 में नहीं बल्कि किसी गांव में घूम रहे हों।
इसी सेक्टर के रहने वाले एम. एल. प्रताप के अनुसार गर्मियों में पानी की समस्या तो बहुत ही ज्यादा है। पानी कभी भी गंदा आने लगता है। कभी प्रेशर कम, तो कभी पानी कम समय के लिए आता है। तो कभी समय पर नहीं आता। फिर भी पहले चला जाता है। सैक्टर-19 में पानी स्ंबंधिंत परेशानी का सबसे बड़ा कारण है आधे सेक्टर के लिए पानी यूजीआर सेक्टर-27 से आता है। यदि 27 की लाइट चली जाए तो सैक्टर के आधे हिस्से से पानी गायब हो जाता है। आधे सेक्टर-19 के लिए पानी आता है सैक्टर-19 के यूजीआर से अब यदि सैक्टर-19 की लाइट चली जाए तो सैक्टर-19 वाले आधे भाग का पानी गायब हो जाता है। हरे भरे पार्क हैं फिर भी जनसंख्या के हिसाब से हरित स्थानों की कमी ही है। इससे निवासियों के लिए ताजी हवा और मनोरंजन के अवसरों की कमी है।
यातायात की समस्या
यह सैक्टर पीक आवर्स के दौरान भारी ट्रैफिक समस्या से जूझता है, जिससे यात्रियों को देरी होने से निराशा भी झेलनी पड़ती है। सार्वजनिक परिवहन भी सीमित हैं यद्यपि बसें और ऑटो-रिक्शा, इसका विकल्प होते हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं यानि सरकारी अस्पताल या क्लीनिक भी सेक्टर में मौजूद नहीं हैं।
सुरक्षा की दृष्टिï से
सेक्टर-19 बड़ा सेक्टर है। जिसमें कुछ मुख्य ऑफिस, मशहूर सनातन धर्म मंदिर, स्कूल, नर्सिंग होम शनि बाजार ग्राउंड है। इन सबको देखते हुए सेक्टर-19 को सुरक्षा की तो अत्यधिक आवश्यकता है। यहां की आरडब्ल्यूए का मानना है कि हमारे यहां पुलिस पेट्रोलिंग बिल्कुल भी नहीं है। सिर्फ पीसीआर वैन घूमती है। आरडब्लूए की मांग है गर्मियों की दोपहर में तो कम से कम पुलिस पेट्रोलिंग होनी ही चाहिए। यहां दिनदहाड़े 13-14 साल के लडक़े सैक्टर के अंदर घुस आते हैं। जिम में बैठे रहते हैं और कभी भी कहीं किसी भी घर से साइकिल उठाकर ले जाते हैं। छोटी- मोटी उठाईगिरी तो यहां पर चलती ही रहती है।
ये हैं आरडब्लूए पदाधिकारी
अध्यक्ष आर.सी. गुप्ता, महासचिव लक्ष्मी नारायण, उपाध्यक्ष-एन.सी. वरुण, उपाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष राम कुमार शर्मा, संयुक्त सचिव कृष्णा शर्मा, राजकुमार चौहान एवं एम.एल. प्रताप कार्यकारिणी सदस्य हैं।