Noida News : उत्तर प्रदेश की हाईटेक सिटी नोएडा की आबोहवा तो इन दिनों खराब हो ही रही है, यहां पानी भी जिंदगी नहीं मौत बांट रहा है। यह बात हम नहीं बल्कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लैब की रिपोर्ट कह रही है। नोएडा के विभिन्न स्थलों से पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए तो पता चला कि नोएडा के पानी का TDS लेवल 500 मिलिग्राम प्रति लीटर है, नोएडा शहर की कुछ जगहों पर टीडीएस लेवल 2500 मिलिग्राम प्रति लीटर तक पाया गया है।
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आपको बता दें कि इंडिया टुडे की टीम ने नोएडा के पानी की गुणवत्ता को परखने के लिए नोएडा के आबादी वाले इलाकों और सोसायटी से पानी के सैंपल लिए थे। पानी के इन सैंपल को नेशनल एक्रेडिशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरी (NABL) तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मान्यता प्राप्त लैब में जांच के लिए भेजा। जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा है। पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि नोएडा के पानी का TDS लेवल 500 से लेकर 2500 मिलिग्राम प्रति लीटर तक है।
विशेषज्ञों का मत है कि पानी में कैल्सियम कार्बोनेट की तय मात्रा 200 मिलिग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए, अनुमति प्राप्त सीमा 600 मिलिग्राम है, लेकिन सैंपल की जांच में यह 845 मिलिग्राम प्रति लीटर निकला है।
क्लोराइड्स के लिए तय सीमा 250 मिलिग्राम प्रति लीटर है, लेकिन जांच रिपोर्ट में 708 मिलिग्राम निकला है। कैल्सियम के लिए 75 मिलिग्राम प्रति लीटर तय सीमा है, किंतु 186 मिलिग्राम प्रति लीटर पाया गया है। मैग्नीशियम भी तय सीमा से तीन गुना ज्यादा मात्रा में पाया गया।
स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक
स्वस्थ शरीर के लिए पानी में खनिजों और रसायनों की मात्रा संतुलित होनी चाहिए। लेकिन यही खनिज और रसायन अगर तय सीमा से ज्यादा मात्रा में हो जाए तो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के तौर पर पानी में कैल्सियम की अधिक मात्रा कब्ज और किडनी में स्टोन पैदा करती है। क्लोराइड सोडियम के साथ मिलकर ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है। फ्लोराइड की अधिक मात्रा से दांतों का रंग खराब होता है और दांत टूटने लगते हैं। फ्लोरोसिस हो जाता है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
आपको बता दें कि नोएडा में पानी की सप्लाई के लिए दो स्रोत है। पहला गंगा जल, जो नोएडा प्राधिकरण द्वारा पाइप लाइन के जरिए सप्लाई किया जाता है। पानी का दूसरा स्रोत भूजल है।
Noida News – क्यों नुकसानदायक हो रहा पानी
नोएडा की मिट्टी दो मिनरल्स बेहद कॉमन हैं। मैग्नीशियम और कैल्सियम। इनकी वजह से नोएडा का पानी कठोर और नुकसानदायक होता जा रहा है। जिसका रेंज 108 मिलिग्राम प्रतिलीटर से लेकर 838 मिलिग्राम प्रतिलीटर की बीच है। यह जलस्रोत पर निर्भर करता है कि उसकी कठोरता कितनी ज्यादा होगी।
नोएडा में सीधे नल से पानी पीना खतरनाक है। इसलिए नोएडा के नागरिक अपने घरों में RO का पानी पीते हैं। RO मशीन टीडीएस को नियंत्रित तो करती हैं और पानी की कठोरता को भी कम करती है। लेकिन कई बार पानी से जरूरी मिनरल्स को खत्म या कम भी कर देती हैं।
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