नोएडा । फेलिक्स अस्पताल की दृष्टि रोग विशेषज्ञ डॉ दीप्ति मित्तल ने विश्व दृष्टि दिवस पर मरीजों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों में धुंधला दिखने या फिर सिर दर्द की शिकायत बढ़ती जा रही है। जो लोग पिछले काफी समय से घर के अंदर ही बैठकर काम या पढ़ाई कर कर रहे हैं, उनमें भी आंखों को लेकर समस्या बढ़ी है।
फेलिक्स अस्पताल की डॉ दीप्ति ने बताया कि आंखें कुदरत का ऐसा नायाब तोहफा हैं, जिनकी वजह से हम अपने आस-पास के खूबसूरत-रंगीन नजारे देख पाते हैं। इस डिजिटल दुनिया में क प्यूटर, टीवी, लैपटॉप और मोबाइल पर लगातार टिकी आंखें भी थकने लगती हैं। ऐसे में अक्सर आंखों में जलन, खुजली, ड्राईनेस का एहसास होता है। वहीं, जो लोग बार बार कॉन्टैक्ट-लेंस का इस्तेमाल करते हैं वह भी इन समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं। चूंकि कोरोना संक्रमण ने भी आंखों पर भी बुरा असर डाला है और आंखों में नमी यानि की ड्राई आई सिंड्रोम में कमी हो गई है। जिससे आंसू सूख रहे हैं, कम बन रहे हैं। नजर कमजोर हो गई है। इसमें तेज रोशनी बर्दाश्त नहीं होती है। जांच करने पर आंखों की टियर फिल्म यानि तरल पदार्थ से बनी परत में दिक्कत मिली है।
सावधानी
करकराहट, जलन और आंखों में सूजन पर विशेषज्ञ को दिखाएं। चिकित्सक के परामर्श पर आंखों में नियमित ल्युब्रिकेंट डालें। आंखों को रगड़े नहीं, इससे कार्निया पर जख्म हो सकते हैं। मोबाइल, कंप्यूटर समेत इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का कम इस्तेमाल करें।
बचाव
आंखों को ज्यादा गर्म या ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचाएं। हेयर ड्रायर, एयर कंडीशनर और हीटर से निकलने वाली गर्म हवा से आंखों को बचाएं। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करते हुए कुछ वक्त के लिए आंखों को आराम दें। प्रोटेक्टिव सनग्लास लगाकर धूप में निकले। स्मोकिंग से दूर रहें। ताजा फल, सब्जियां, साबुत अनाज और नट्स का सेवन करें। डाइट में बादाम, केला, किशमिश, अंजीर और एवोकाडो शामिल करें।