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सुपरटेक बिल्डर घोटाला: दर्जनों नामी बिल्डर्स हैं आर.के. अरोड़ा के गिरोह में, “भाई जी” के दरबार में चढ़ता था “मोटा चढ़ावा”

सुपरटेक बिल्डर घोटाला

सुपरटेक बिल्डर घोटाला

 

सुपरटेक बिल्डर घोटाला: नौएडा का नामी बिल्डर आर.के. अरोड़ा इस समय सलाखों के पीछे है। ई.डी. ने उसे मनी लॉड्रिंग के जुर्म में गिरफ्तार किया है। बात यहीं तक खत्म नहीं होती। नौएडा व ग्रेटर नौएडा में प्रॉपर्टी के बाजार पर नजर रखने वालों का मानना है कि आर.के. अरोरा ने एक संगठन के नाम पर बिल्डरों का पूरा गिरोह बना रखा है। इस गिरोह में एक दर्जन से भी अधिक बिल्डर्स शामिल हैं। जानकारों का साफ मत है कि यदि सुपरटेक के मालिक आर.के. अरोड़ा के प्रकरण की ठीक से जांच हुई तो इस मामले में कई राजनेता, बड़े अफसर व खाकपति से करोड़पति बने दर्जनों तथाकथित बिल्डर्स भी जेल जाएंगे। जांच एजेंसी से जुड़े एक अफसर ने चेतना मंच को बताया कि बिल्डरों का यह घोटाला अरबों रूपये का है। इन बिल्डरों के कारनामो के कारण घर खरीदने का सपना देखने वाले लाखों लोग इनके जाल में फंसकर बर्बाद हो गए हैं। फ्लैट खरीददारों की मोटी रकम भी डूब गई और उन्हें घर भी नहीं मिले।

10 प्रतिशत का खेल

सुपरटेक बिल्डर घोटाला: आपको बता दें कि नौएडा, ग्रेटर नौएडा व आसपास के क्षेत्र में आजकल गली-गली में बिल्डर्स दिखाई देते हैं। इन बिल्डरों के पैदा होने का सिलसिला दरअसल 10 प्रतिशत वाले खेल से शुरू हुआ था। आपको बता दें  कि क्या था यह 10 प्रतिशत वाला खेल। दरअसल, यह खेल वर्ष-2010 में शुरू हुआ था। उस समय उत्तर प्रदेश में सुश्री मायावती की सरकार थी। प्रदेश में सरकार तो मायावती की थी ,किन्तु उनके नाम पर नौएडा व ग्रेटर नौएडा में सरकार चलाते थे सुश्री मायावती के चर्चित भाई आनंद कुमार। उन्हीं दिनों नौएडा व ग्रेटर नौएडा में बड़ी मात्रा में ग्रुप हाउसिंग (बिल्डर फ्लैट) की योजना के नाम पर हजारों एकड़ भूमि का आवंटन किया जा रहा था। नौएडा व ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण ने आवंटन का यह नियम था कि जमीन आवंटन के लिए बाकायदा योजना घोषित की जाएगी। योजना की घोषणा के बाद जो कंपनी अथवा व्यापारी आवेदन करता था उन्हें जमीन की कीमत का 10 प्रतिशत धनराशि आवेदन फार्म के साथ प्राधिकरण में जमा करानी होती थी।

Supertech Scam: जमीन का आवंटन होने के तीन महीने के अंदर उसे 20 प्रतिशत राशि और देनी होती थी। इस प्रकार 30 प्रतिशत राशि देने के बाद ही किसी बिल्डर को विधिवत भूमि मिलती थी। अपनी मुख्यमंत्री बहिन सुश्री मायावती की हनक से उनके भाई आनंद कुमार ने उस वक्त के सबसे पॉवरफुल अफसर माने जाने वाले नौएडा के चेयरमैन सरदार मोहिंदर सिंह से यह नियम बनवा दिया कि प्राधिकरण को मात्र 10 प्रतिशत धनराशि देकर कोई भी बिल्डर वाला भूखंड ले सकता है। शर्त यह होती थी कि उस बिल्डर को एक “मोटा चढ़ावा” पहले “भाई जी” के दरबार में चढाना होता था। यह “चढ़ावा” आर.के. अरोडा के गिरोह में शामिल एक दर्जन बिल्डरों के माध्यम से चढाया जाता था। इस प्रकार छोटी-छोटी पूंजी के दम पर सैकड़ों प्रॉपर्टी डीलर व दूसरे व्यवसाय से जुड़े हुए अनेक लोग रातोंरात “चढ़ावा” चढ़ाकर बिल्डर प्लॉट हथियाने में कामयाब हो गए। भूखंड मिलते ही लम्बे-चौड़े, बडे-बड़े विज्ञापन छपवाकर घर खरीदने के इच्छुक लोगों को सपने दिखाए गए। विज्ञापनों के जाल में फंसकर लाखों लोगों ने फ्लैट बुकिंग के नाम पर बिल्डरों को खूब धन दिया। बुकिंग कराने वाले ये बेचारे आज तक फंसे हुए हैं। बुकिंग से हजारो करोड़ रूपये कमाकर “चढ़ावा” चढ़ाने वाले खाकपति से करोड़पति बनते चले गए।

प्राधिकरण के करोड़ों रूपये हैं बकाया

Supertech Builder Scam: “चढ़ावा” चढ़ाकर प्राधिकरणों को मात्र 10 प्रतिशत की राशि देने वाले बिल्डरों पर नौएडा, ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण व यमुना विकास प्राधिकरण के लाखों करोड़ रूपए बकाया है। अकेले सुपरटेक बिल्डर के ऊपर 3500 करोड़ रूपये की राशि बकाया है। इसी प्रकार उनके गिरोह में शामिल दूसरे एक दर्जन बिल्डरों के ऊपर 42000 करोड़ रूपए इन प्राधिकरणों के बकाया हैं। नौएडा व ग्रेटर नौएडा में हर आम व खास नागरिक यह जानता है कि यदि इन बिल्डरों की ठीक से जांच हुई तो यह मामला बिल्डरों तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह मामला नेताओं से लेकर बड़े-बड़े अफसरों तक जाएगा। यह अलग बात है कि पूरी ईमानदारी से जांच होने को लेकर अनेक आशंकाएं मौजूद हैं। हम इस प्रकार की तमाम गतिविधियों से आपको अपडेट करते रहेंगे।

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