Thursday, 28 March 2024

Twin Tower Demolition : दो दिनों बाद शुरू होगा ट्विन टावर के मलबे का निस्तारण

Noida : नोएडा। सेक्टर-93ए में ध्वस्त हुए ट्विन टावर (Twin tower ) के मलबे का निस्तारण दो दिनों बाद शुरू…

Twin Tower Demolition : दो दिनों बाद शुरू होगा ट्विन टावर के मलबे का निस्तारण

Noida : नोएडा। सेक्टर-93ए में ध्वस्त हुए ट्विन टावर (Twin tower ) के मलबे का निस्तारण दो दिनों बाद शुरू होगा। यह निस्तारण सेक्टर-80 सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में होगा। ये प्लांट रैमकी कंपनी चला रही है। नोएडा का रोजाना का करीब 250 से 300 मीट्रिक टन मलबे का निस्तारण यहीं किया जाता है। यहां पर करीब 28 हजार मीट्रिक टन मलबे का निस्तारण किया जाएगा।

प्राधिकरण के ओएसडी डाक्टर अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि सुपरटेक और एडीफिस के बीच जो अनुबंध हुआ है, उसके तहत ट्विन टावर का मलबा सीएंडी वेस्ट मैनेजमेंट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एडीफिस की होगी। इसके लिए जो शुल्क लगेगा, वह एडिफिस कंपनी देगी। इसके अलावा सीएंडडी वेस्ट प्लांट में जो भी मलबा निस्तारित होगा, उसका प्रति घनमीटर के हिसाब से खर्चे का वहन सुपरटेक करेगा। बता दें कि सीएंडडी वेस्ट प्लांट में दो प्रोसेसिंग फीस है। पहला यदि मलबा कंपनी खुद उठाती है तो प्रोसेसिंग शुल्क 500 रुपये प्रति घनमीटर और यदि एडिफिस मलबा पहुंचाती है तो सुपरटेक को सिर्फ 156 रुपये प्रति घनमीटर प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा।

दो शिफ्टों में होगा काम:

प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक आरके शर्मा ने बताया कि प्लांट की क्षमता तो 800 मीट्रिक टन की है। लेकिन, नोएडा में मलबा निकलने के हिसाब से निस्तारित कराया जाता है। अब दो शिफ्टों में काम किया जाएगा, जिसके लिए मैन पॉवर को बढ़ाया जा सकता है। इस मलबे से टाइल्स, क्लिंकर, ईंट और अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे।

रोजाना ट्विन टावर की साइट से 250 मीट्रिक टन मलबा डंपर के जरिए साइट पर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 20 डंपर लगाए गए हैं। प्रति डंपर क्षमता 10 से 12 मीट्रिक टन की है। एनजीटी के नियमों का पालन करते हुए इस मलबे को ग्रीन शीट और उस पर पानी डालकर ले जाया जाएगा। ताकि धूल नहीं उड़े।

मलबे को सरिया से अलग करने का काम दोपहर में किया जाएगा। एडिफिस के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि दोपहर में सोसाइटी में लोग कम होते हैं। सरिया निकालने में शोर होगा। इसलिए ऐसे समय को चुना गया है, जिससे लोगों को परेशानी न हो। सरिया को अलग किया जाएगा और उसे अनुबंधति कंपनी को भेजा जाएगा। करीब 4 से 5 हजार मीट्रिक टन सरिया निकलेगा।

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