ग्रेटर नोएडा। भाजपा के एमएलसी नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी की जमानत अर्जी पर सुनवाई कल यानि पांच जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी। जमानत मिलने तक उसे जेल में ही रहना होगा। कैलाश भाटी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्रबंधक पद पर रहते हुए तुस्याना गांव में लगभग 250 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में लिप्त रहने का आरोप है।इस मामले में पुलिस ने उसे 16 नवंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस ने उसके दो गुर्गे कमल और दीपक को भी जेल भेजा था।
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Tusyana land Scam
लगभग 250 करोड़ के तुस्याना भूमि घोटाले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी बनाई थी। एसआईटी की जांच में कैलाश भाटी समेत कई लोगों के घोटाले में शामिल होने की बात उजागर हुई थी। उसके बाद पुलिस ने बीती 16 नवंबर को कैलाश भाटी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
गौतमबुद्धनगर की लुक्सर जेल में बंद कैलाश भाटी की जमानत के लिए पहले जिला अदालत में अर्जी लगाई गई थी। लेकिन, कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। उसके बाद कैलाश भाटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत की गुहार लगाई है।
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गौरतलब है कि भाजपा नेता नरेन्द्र भाटी किसी ज़माने में उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद खास थे। समाजवादी पार्टी के टिकट पर नरेन्द्र भाटी दो बार विधायक बने। एक बार वह दर्जा प्राप्त मंत्री भी रहे। मुलायम सिंह की कृपा से वह विधान परिषद सदस्य भी रहे। वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सपा के प्रमुख चेहरे रहे हैं। एक समय था, जब गौतमबुद्धनगर जिले में समाजवादी पार्टी का मतलब नरेन्द्र भाटी था। पूरी पार्टी उनके इशारे पर नाचती थी। इन दिनों नरेंद्र भाटी भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) हैं।
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कैलाश भाटी इन्हीं नरेन्द्र भाटी का छोटा भाई है। अपने बड़े भाई की कृपा से ही कैलाश भाटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में मैनेजर के पद पर नौकरी पाई थी। इस पद पर रहते हुए कैलाश ने अनेक ‘खेल’ किए थे। इन दिनों वह यूपीसीडा कानपुर में तैनात है। सूत्रों का दावा है कि कैलाश भाटी का किया हुआ केवल तुस्याना भूमि घोटाला ही नहीं है, बल्कि वह अन्य घोटालों में भी लिप्त रहा है।