Greater Noida News : केन्द्र की योजना के विरोध में धरना प्रदर्शन

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:32 AM
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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा । केद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वïान पर आज भारत बंद की घोषणा की गयी है। इसको लेकर आज भारतीय किसान यूनियन ने सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधाल ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। गौतमबुद्धनगर कलेक्ट्रेट पर भाकियू प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना के नेतृत्व में धरना दिया गया। इस दौरान देश के राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा गया। ज्ञापन में देश के जवान और किसान के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली अग्निपथ योजना को रद्द करने की मांग की गयी है।धरने को संबोधित करते हुए पवन खटाना ने कहा कि केन्द्र सरकार की सेना में भर्ती को लेकर लाई गई अग्निपथ योजना सेना में जाने वाले युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सेना में किसान व गरीब तबके के परिवार के बच्चे जाते हैं न कि किसी राजनेता व उद्योगपति के बच्चे। सरकार अब किसान व गरीब के इस सपने को भी तोडऩा चाहती है।सेना में भर्ती सिर्फ  4 साल के कांटै्रक्ट की नौकरी होगी। इन अस्थाई कर्मचारियों को न तो कोई रैंक दिया जाएगा न ही 4 साल के बाद कोई ग्रेच्युटी या पेंशन। उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती के सपने देखने वाले युवाओं और देश के किसान परिवारों के साथ केन्द्र सरकार का बड़ा धोखा है अग्निपथ योजना। भारतीय किसान यूनियन केन्द्र की इस योजना को रदद करने की मांग करती है।धरने में भाकियू जिलाध्यक्ष अनित कसाना, एनसीआर उपाध्यक्ष मटरू नागर, महानगर अध्यक्ष परविंदर अवाना, बेली भाटी, अंकुर शर्मा, जयवीर भाटी, जेपी नागर, सुभाष सिलारपुर, सुरेंद्र ढाक, रविंद्र चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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Noida News : जुमे की नमाज को लेकर सतर्कता ड्रोन से रखी नजर, चप्पे-चप्पे पर पुलिस

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Jun 2022 09:14 PM
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Noida :  नोएडा । आज जुमे की नमाज और भारतीय किसान यूनियन के भारत बंद के मद्देनजर कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस पूरी तरह से मुस्तेद दिखाई दी। संवेदनशील इलाकों, मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों, यमुना एक्सप्रेसवे और जिला कलेक्ट्रेट सहित मुख्य स्थानों पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। अराजक तत्वों पर निगाह रखने के लिए पुलिस  ने ड्रोन कैमरों की भी मदद ली। पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर आलोक सिंह ने कल जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के कड़े निर्देश दिए थे। उन्होंने स्वयं नोएडा जोन में फ्लैग मार्च कर लोगों से संवाद भी स्थापित किया था। उन्होंने लोगों से आपसी सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने का भी आह्वान किया था। पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर आज सुबह से ही मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में दंगा निरोधक उपकरणों के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया। मस्जिदों के बाहर भी भारी मात्रा में पुलिस बल मुस्तैद दिखाई दिया। मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है। वही भारतीय किसान यूनियन के भारत बंद के आह्वान को देखते हुए पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस वे व जिला कलेक्ट्रेट पर भी सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं। जिले के तीनों जोन के डीसीपी के नेतृत्व में पुलिस बल लगातार गश्त कर रहा है।
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Noida News : डीएलसी ने शासन के आदेश को दिखाया ठेंगा

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userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:36 PM
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16 जून को तत्काल मुख्यालय कार्यभार ग्रहण करने के थे आदेश Noida : नोएडा। कभी-कभी कमाऊ वाली कुर्सी के मोह में अधिकारी इतने धृतराष्ट्र  हो जाते हैं कि वे शासन के आदेश को भी ठेंगे पर रखने से नहीं डरते हैं। ऐसा ही मामला नोएडा में तैनात उपश्रमायुक्त (डीएलसी) का प्रकाश में आया है। सर्वविदित है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों के मद्देनजर शासन ने 16 जून को एक कार्यालय आदेश जारी करके उपश्रमायुक्त वंदना को तत्काल प्रभाव से कानपुर स्थित श्रमायुक्त मुख्यालय में संबद्घ करने के निर्देश दिए थे। यह कार्यालय आदेश उपसचिव सत्यवान सिंह द्वारा जारी किए गए थे। उसमें कहा गया था कि वंदना तत्काल प्रभाव से कानपुर में जाकर कार्यभार ग्रहण करें। इसके बाद भी उप श्रमायुक्त ने 20 जून को 20-25 लाख रुपए के कंपनियों के खिलाफ जारी की गई आरसी को वापस लेने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखे। सभी पत्र उप श्रमायुक्त वंदना द्वारा नोएडा स्थित उप श्रमायुक्त कार्यालय से 21 तथा 22 जून को डिस्पैच किए गए हैं। उप श्रम आयुक्त ने जिला कलेक्टर को 20 जून को सुपरशील फ्लैक्सिबल होज लिमिटेड के खिलाफ जारी 187491 रूपये की आरसी रोककर उप श्रमायुक्त कार्यालय को वापस करने का पत्र लिखा। इसी तरह इसी कंपनी पर जारी 1302666 रूपये की आरसी रोक कर कार्यालय को वापस करने का पत्र लिखा। इसके अलावा उप श्रमायुक्त ने 20 जून को इसी तरह करीब एक दर्जन कंपनियों के खिलाफ जारी आरसी रोकने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखे। सवाल यह है कि शासन ने 16 जून को तत्काल प्रभाव से उप श्रमायुक्त  को कानपुर श्रम आयुक्त कार्यालय जाकर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद भी उन्होंने आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई। 16 जून के बाद उप श्रमायुक्त को किसी भी विभागीय कामकाज करने का कोई अधिकार नहीं था। लेकिन उन्होंने इन आदेशों की अनदेखी कर ऐसा किया।कुछ मजदूर संगठनों का आरोप है कि उप श्रमायुक्त ने यह कार्य या तो किसी बड़े राजनीतिक दबाव के तहत किया है या कंपनी प्रबंधन से पैसे लेकर किया है। शासन इस मसले पर क्या कार्यवाही करेगा यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन फिलहाल उपश्रमायुक्त की यह करतूत विभाग में चर्चा का विषय बनी हुर्ई है।