नोएडा हिन्‍दी खबर, 14 फरवरी के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

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calendar14 Feb 2025 04:01 PM
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Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 14 फरवरी को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।

Noida News: समाचार अमर उजाला से

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “दस दिन पहले अवैध रूप से आए 11 बांग्लादेशी गिरफ्तार, बंगाल व बिहार के किशनगंज के रास्ते पहुंचे, पुलिस और एजेंसियां कर रहीं जांच” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल व बिहार के किशनगंज के रास्ते नोएडा आकर अवैध रूप से रहने वाले 11 बांग्लादेशी नागरिकों को कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से तीन आरोपियों को पुलिस ने बुधवार को पकड़ लिया था। तीनों की निशानदेही पर बृहस्पतिवार को आठ और बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी आरोपियों को देश की सीमा में अवैध रूप से घुसने के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान फखरूद्दीन उर्फ रोनी, रिहान, मोहम्मद मौमीन, मोहम्मद कामरूल, मोहम्मद कय्यूम उर्फ रिपोन, रविउल इस्लाम, राशिल, सोहेल राणा, सद्दाम हुसैन, सुजन और राजरहुल सलारपुर गांव में पिछले आठ दस दिनों से 11 बांग्लादेशी नागरिक एक ही कमरे में रह रहे थे। बुधवार रात तीन बांग्लादेशी सद्दाम हुसैन, सुजन और राजरहुल भंगेल में पुलिस को देखकर भाग गए और सलारपुर गांव में सुमित भाटी के घर की छत पर चढ़ गए। सुमित भाटी, उनके परिजन और किराएदारों ने मिलकर तीनों को घेर लिया। पकड़े जाने के डर से तीनों छत से कूद गए और घायल हो गए। इसके बाद तीनों को पकड़ लिया गया। तीनों से जब पुलिस ने पूछताछ की तब पता चला कि सभी बांग्लादेश के रहने वाले हैं। इन तीनों की निशानदेही पर इनके आठ साथियों को पुलिस ने सलारपुर से गिरफ्तार कर लिया। आठों की उम्र 18 से 24 वर्ष के बीच है। इनके पास से छह फर्जी आधार कार्ड और एक फर्जी पैन कार्ड बरामद हुआ। डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह का कहना है कि गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक दस दिन पहले नोएडा आए थे। पश्चिम बंगाल व बिहार के रास्ते नोएडा पहुंचे थे। इस मामले की जांच पुलिस के साथ विभिन्न एजेंसियां भी कर रही हैं।

Noida News:

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “खौलती दाल के भगोने में गिरे मासूम की मौत, घर में चल रही थी निकाह की तैयारियां, बन रहा था भोजन” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि बागपुर गांव स्थित निकाह के लिए आए मेहमानों के लिए बनाई जा रही दाल के भगोने में पांच साल का मासूम गिर गया। खौलती दाल के भगोने में गिरने से सूफियान पुत्र शाहिद बुरी तरह झुलस गया। परिजनों ने बच्चे को बिलासपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। चार दिन बाद बुधवार देर रात अस्पताल में भर्ती मासूम ने दम तोड़ दिया। बृहस्पतिवार को परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

अलीगढ़ निवासी शाहिद बागपुर गांव स्थित मोदी ईंट भट्टे पर मजदूरी करते हैं। 9 फरवरी की रात शाहिद के साले का निकाह था। घर पर मेहमान आए हुए थे। ईंट भट्टे के पास बने घर के बाहर दिन में मेहमानों के लिए दाल और चावल बन रहे थे। बड़े भगोने में दाल बन रही थी। शाहिद का बेटा सूफियान भी वहीं खेल रहा था। खेलते समय वह अचानक खौलती दाल के भगोने में गिर गया। आसपास मौजूद परिजनों ने दौड़कर उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह बुरी तरह झुलस गया। परिजनों ने उसे कस्बे के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। बुधवार देर रात बच्चे ने दम तोड़ दिया। बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम के बाद बच्चे का शव परिजनों को सौंप दिया गया। दनकौर कोतवाली प्रभारी के मुताबिक मामले में परिजनों ने किसी तरह की कार्रवाई से इन्कार किया है।

Hindi News:

अमर उजाला ने 14 फरवरी 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “छह लेन का हुआ एक मूर्ति गोल चक्कर, गोल चक्कर के डिजाइन को बदला, दोनों तरफ से 10-10 मीटर किया छोटा” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि ग्रेनो वेस्ट का एक मूर्ति गोल चक्कर चार लेन से छह लेन का हो गया है। तीन माह पहले गोल चक्कर को छोटा करने का काम शुरू किया गया था, जो लगभग पूरा हो गया है। गोल चक्कर को दोनों तरफ से 10-10 मीटर काटा गया है। उस जगह पर डामर की एक परत डाल दी गई है, इसके साथ वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। इससे गोल चक्कर पर लगने वाले जाम से निजात मिली है। हालांकि अभी यू-टर्न का निर्माण कार्य पूरा होना बाकी है। यू-टर्न बनने के बाद प्राधिकरण इस गोल चक्कर को भी बंद करेगा।

ग्रेनो वेस्ट में बढ़ती जाम की समस्या को कम करने के लिए प्राधिकरण ने किसान चौक पर अंडरपास बनाने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही शाहबेरी व एक मूर्ति गोल चक्कर के डिजाइन को भी बदला है। दोनों गोल चक्कर का आकार छोटा कर सड़क को चौड़ा किया गया है। शाहबेरी गोल चक्कर को छोटा करने का काम पिछले साल पूरा हो गया था। एक मूर्ति गोल चक्कर को भी छोटा करने का काम शुरू हुआ था, लेकिन पिछले दो माह से काम रुका हुआ था। अब प्राधिकरण ने गोल चक्कर पर डामर से सड़क का निर्माण करा दिया है। अफसरों ने बताया कि अभी एक परत डाली है। दूसरी परत भी जल्द डाल दी

Noida News: समाचार दैनिक जागरण से

दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 14 फरवरी 2025 का प्रमुख समाचार “हर साल दो लाख नवजात को घेर रहा सीएचडी, वक्त पर पहचानें” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि भारत में हर साल करीब दो लाख नवजात जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) से प्रभावित होते हैं। उत्तर भारत में यह रोग एक हजार जन्मे बच्चों में से आठ में मिलता है। इनमें वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट डा. शांतनु सिंघल (वीएसडी) सबसे आम है। सीएचडी जागरूकता सप्ताह पर फोर्टिस अस्पताल ग्रेटर नोएडा के विशेषज्ञों ने इसकी शुरुआती पहचान, मातृ स्वास्थ्य व उन्नत इलाज की महत्ता को रेखांकित कर वक्त पर उपचार व निदान के महत्व पर प्रकाश डाला।

अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा.शांतनु सिंघल ने बताया कि कई जन्मजात हृदय रोग नवजात अवस्था में पहचाने नहीं जाते, क्योंकि इनके लक्षण बहुत मामूली होते हैं। थकान, सांस लेने में कठिनाई, शरीर में सूजन जैसे संकेत अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। नियमित इकोकार्डियोग्राफी व नवजात की स्क्रीनिंग से इनका शीघ्र निदान संभव है। गर्भावस्था में वक्त पर निदान व विशेषज्ञ हृदय केंद्रों में रेफरल से सीएचडी से जुड़ी मृत्युदर व दिव्यांगता दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान कुछ प्रमुख कारक नवजातों में सीएचडी के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इनमें धूमपान, शराब का सेवन, हानिकारक रसायनों का संपर्क, अनियंत्रित मधुमेह व फोलिक एसिड की कमी शामिल हैं। वहीं, परिवार में सीएचडी का इतिहास, आनुवांशिक समस्याएं व डाउन सिंड्रोम भी जोखिम बढ़ा सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार, नियमित टीकाकरण, मधुमेह जैसी रोगों का प्रबंधन करने, तंबाकू व शराब से परहेज करने और पहली तिमाही के दौरान 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड का सेवन की सलाह दी जाती है।

दैनिक जागरण के 14 फरवरी 2025 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “पराली के धुएं से पर्यावरण बचाने को बनाए उत्पाद, विदेश तक धाक, भारत टेक्स एक्सपो में पानीपत की युवा उद्यमी आरुषि ने लगाया स्टाल” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में अक्टूबर से जनवरी तक प्रदूषण का स्तर चरम सीमा पर पहुंच जाता है। देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली-पर्यावरण संरक्षण एनसीआर के शहर शामिल होते हैं। इसमें पराली का धुआं सबसे बड़ा कारण है। इसी पराली से घरेलू सजावट के उत्पाद बना हरियाणा के पानीपत की युवा उद्यमी आरुषि मित्तल नया संदेश दे रही हैं। इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में हो रहे भारत टेक्स-2025 एक्सपो में आरुषि ने 'पराली बाई आरुषि' का स्टाल लगाकर लोगों को पराली के अन्य उपयोग के प्रति जागरूक कर रही हैं। उनके उत्पाद यूनाइटेड किंग्डम, फ्रांस, जर्मनी समेत अन्य यूरोप के देशों में धाक जमा रहे हैं। पर्यावरण के करीब व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते उनके उत्पाद एक्सपो में काफी पसंद किए जा रहे हैं। उनके उत्पादों को हरियाणा प्रदूषण बोर्ड, इटली के मिलान में मटेरियल रिसर्च अवार्ड, इंटरनेशनल काटन एडवाइजरी कमेटी की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।

पानीपत के प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता, तव आया आइडियाः आरुषि मित्तल ने बताया कि हरियाणा का पानीपत टेक्सटाइल हब है। यहीं कपड़ों का उत्पादन होने संग उनका बड़े पैमाने में रिसाइकिल भी किया जाता है। इससे पूरे शहर और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी रहता है। नाले के पानी लाल, नीले व काले रंग के हो गए हैं। पराली जलने के मामले भी काफी रहते हैं। पराली के धूएं से प्रदूषण का स्तर हमेशा अधिक रहता है। इसका बच्चों से लेकर बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसे देखकर काफी चिंता होती थी। दिल्ली स्थित एक फैशन इंस्टीट्यूट में पढ़ाई के दौरान पराली से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का आइडिया आया। इस पर शोध किया। उसी दौरान लंदन स्थित यूनिवर्सिटी आफ आर्ट्स में दाखिला हो गया। यहां शोध कार्य आगे बढ़ाया और पराली से उत्पाद बनाने का संकल्प लिया।

पराली से बने उत्पाद को भी कर रहीं रिसाइकिल आरुषि ने बताया कि एक हजार किलोग्राम पराली जलने से दो हजार किलो कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जित होता है। यानी जितनी पराली जलाएंगे उसका दोगुना प्रदूषण हवा में घुलेगा। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पराली के जलने से कितना प्रदूषण फैलता है। पराली से वह टेबल कवर, होम डेकोर, हाथ से बुने रग्स, टेक्सटाइल, लैंप, बास्केट, दरी, पेपर, मूर्ति बनाती हैं। इन उत्पादों को रिसाइकिल कर टैग्स, पेपर, पैकेजिंग मैटेरियल बनाती हैं। हरियाणा के पानीपत और उसके आसपास के गांवों की करीब 30 महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करा रही हैं। डेढ़ वर्ष में 3,300 किलोग्राम पराली से उत्पाद बना चुकी हैं। अब वह घरेलू बाजार में उत्पादों को उतार चुकी हैं। आरुषि ने बताया कि वह पराली के जलने से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्लेटफार्म के जरिये जागरूक भी करती हैं।

Noida News:

नोएडा न्‍यूज, 13 फरवरी के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

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नोएडा न्‍यूज, 13 फरवरी के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Wed 2
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calendar01 Dec 2025 03:20 PM
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Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 13 फरवरी को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।

Noida News: समाचार अमर उजाला से

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “डेढ़ दशक में होगी दो गुना आबादी, बढ़ाने होंगे संसाधन, मास्टर प्लान में 1650 टीडीपी कचरा निस्तारण व 364 एमएलडी पानी के लिए बन रही है कार्ययोजना” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि तेजी से बढ़ रही ग्रेटर नोएडा की आबादी डेढ़ दशक में चार गुना तक होने की उम्मीद है। मास्टर प्लान-2041 लागू करने के साथ ही ग्रेनो औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अब वर्ष 2041 तक की आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधनों को तैयार करने में जुट गया है। पेयजल, बिजली, सड़क और सीवेज के साथ ही अस्पताल, स्कूल सहित अन्य सुविधाओं के लिए फेज-1 और फेज-2 में जमीनों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। मूलभूत जरूरतों से जुड़े ज्यादा संसाधनों को चार से पांच गुना तक बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। ग्रेनो की आबादी वर्तमान में 20 लाख के आसपास आंकी जा रही है। प्राधिकरण के मास्टर प्लान के अनुसार वर्ष 2026 में यहां की आबादी 25 लाख, वर्ष 2036 में 35 लाख और वर्ष 2041 में 40 लाख पहुंच जाएगी। ऐसे में प्राधिकरण अब पूरी तरह से खुद को वर्ष 2041 की आबादी के लिए तैयार करने में जुट गया है। कारण, नोएडा एयरपोर्ट का व्यावसायिक संचालन अप्रैल 2025 से शुरू होने की उम्मीद है। वर्तमान में यमुना सिटी में बसावट नहीं होने से इसका सबसे ज्यादा लाभ ग्रेनो को मिलने की उम्मीद है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिएग्रेनो प्राधिकरण अपने संसाधनों को अपग्रेड करने के साथ ही ज्यादा आबादी के लिए तैयार कर रहा है। ग्रेनो के मास्टर प्लान 2021 में सड़कों के किनारे सभी आवासीय सेक्टर विकसित किए जा रहे हैं।

मौजूदा भूमि उपयोग में विकसित आवासीय क्षेत्र 4665.57 हेक्टेयर है, जबकि मास्टर प्लान 2021 ग्रेनो में प्रस्तावित 4992.3 हेक्टेयर है। माना जा रहा है कि नोएडा और दिल्ली सहित कई पड़ोसी शहरों की अपेक्षा ग्रेनो में जमीन की कीमतें कम हैं। आवासीय भूमि की बाजार में सबसे अधिक मांग है और इसे मास्टर प्लान 2041 में आबादी के विस्तार के लिए विकसित भी किया गया है।

Noida News:

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “मेजर नितिन रावत को मिला सेना पदक” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि ग्रेनो के सेक्टर पी-4 की एचएससीसी सोसाइटी निवासी मेजर नितिन रावत को सेना पदक (वीरता) से नवाजा गया है। राची (झारखंड) में बुधवार को आयोजित पूर्वी कमान अलंकरण समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष गंगवार मौजूद रहे।

पिता केपीएस रावत ने बताया कि 19 जुलाई 2023 को तड़के 3:30 बजे सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के कई टेंट में आग लग गई थी। उस दिन मेजर नितिन रावत सियाचिन बेस कैंप में हेलिकॉप्टर पायलट के तौर पर तैनात थे। उनको घटना वाली पोस्ट पर भेजा गया। उन्होंने 17000 फीट ऊंचाई पर फंसे 5 घायल जवानों को निकाला और हेलिकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया। उनकी इस वीरता के लिए उन्हें सेना पदक दिया गया है। पुरस्कारों की घोषणा 26 जनवरी को हुई थी और बुधवार को रांची में वितरण हुआ। पिता ने बताया कि नितिन का बड़ा भाई और उनकी पत्नी भी सेना में मेजर हैं। वे भी सेवानिवृत्त जवान हैं।

Hindi News:

अमर उजाला ने 13 फरवरी 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “164 पट्टे खारिज, ग्राम सभा में दर्ज होगी 980 बीघा जमीन, हाईकोर्ट ने गुलावली गांव में 1990 में 164 पट्टों के आदेश को किया खारिज”  शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुलावली गांव में 164 पट्टों के आवंटन के आदेश को खारिज कर दिया है। वर्ष 1990 में अपात्रों के नाम पट्टों का आवंटन किया गया था। हाईकोर्ट ने 980 बीघा जमीन को वापस ग्राम सभा के नाम दर्ज करने का भी आदेश दिया है। जमीन की कीमत इस समय करीब 400 करोड़ से अधिक है। वहीं गुलावली गांव के पट्टों का एक और केस अभी विभिन्न न्यायालय में विचाराधीन है। 1989 में गुलावली गांव की ग्राम पंचायत ने ग्राम सभा की 980 बीघा जमीन पर 164 पट्टों का प्रस्ताव तैयार किया था। मई 1990 में एसडीएम सिकंदराबाद ने प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी, लेकिन दूसरे पक्ष ने जून, 1990 में एडीएम बुलंदशहर की कोर्ट में आवंटन को चुनौती दी। आरोप लगाया कि अपात्रों को पट्टों का आवंटन किया गया। ज्यादातर लोग ग्राम सभा के निवासी नहीं हैं। वर्ष 1994 में एडीएम कोर्ट ने पट्टों के आवंटन के आदेश को खारिज कर दिया। मेरठ कमिश्नर कोर्ट ने भी एडीएम बुलंदशहर के आदेश को सहीं ठहराया, लेकिन बोर्ड ऑफ रेवन्यू से पट्टों के आवंटन के आदेश को बहाल कर दिया गया। गांव के दूसरे पक्ष ने बोर्ड ऑफ रवेन्यू के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पट्टों का आवंटन निरस्त कर दिया है। साथ ही जिला प्रशासन को पट्टों की जमीन फिर से ग्राम सभा के नाम दर्ज कराने का आदेश दिया है।

Noida News: समाचार दैनिक जागरण से

दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 13 फरवरी 2025 का प्रमुख समाचार “2041 में 40 लाख जनसंख्या के लिए संसाधनों की तैयारी में जुटा प्राधिकरण” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि ग्रेटर नोएडा के फेज-दो के लिए मास्टर प्लान 2041 के तहत क्षेत्र को 40 लाख की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा। मास्टर प्लान-2041 लागू होने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लोगों की मूलभूत जरूरतों के लिए संसाधनों को तैयार करने पर काम शुरू है।

ग्रेटर नोएडा की वर्तमान में करीब 20 लाख आबादी है। प्राधिकरण के मास्टर प्लान के अनुसार वर्ष 2026 में ये आबादी 25 लाख, वर्ष 2036 में 35 लाख और वर्ष 2041 में 40 लाख तक पहुंच जाएगी। प्राधिकरण ने 2041 मास्टर प्लान के तहत अनुमानित जनसंख्या के मद्देनजर संसाधनों को तैयार करने की शुरुआत कर दी है। वर्तमान में शहर में ठोस कूड़ा प्रबंधन के तहत 300 टीडीपी प्रतिदिन निस्तारण की व्यवस्था हो रही है। 2041 में इसे दो हजार टीडीपी करने की योजना है। वहीं ग्रेटर नोएडा फिलहाल पानी की उपलब्धता 326 एमएलडी प्रतिदिन है। 40 लाख की जनसंख्या के लिए 690 एमएलडी पानी की जरूरत होगी। पानी की अतिरिक्त 364 एमएलडी मांग को देखते हुए गंगाजल से पाइपलाइन व हिस्सेदारी को लेकर अभी से तैयारी शुरू है। वर्तमान में शहर में 174 एमएलडी सीवेज निस्तारित हो रहा है। 40 लाख की जनसंख्या में 690 एमएलडी पानी की खपत में 552.16 एमएलडी सीवेज निकलने का आकलन है। इसके लिए 378 एमएलडी सीवेज के निस्तारण को प्लांट तैयार होगा। बिजली आपूर्ति के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जाएगा। मानक के तहत 15 हजार की आबादी पर एक 11 केवी का सब स्टेशन स्थापित होगा। एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि ग्रेटर नोएडा फेज-दो के लिए मूलभूत सुविधाओं के लिए अभी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत है। इसको लेकर. विस्तृत कार्ययोजना तैयार हो रही है।

दैनिक जागरण के 13 फरवरी 2025 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “कासना की भट्टी में जलकर 1.25 करोड़ का गांजा राख” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि  जिला न्यायालय से अनुमति लेकर बुधवार को पुलिस प्रशासन ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में गांजा तस्करों से बरामद 646 किलो गांजे को जलाकर नष्ट कराया। नष्ट कराए गांजे की कीमत एक करोड़ 25 लाख रुपये आंकी गई है। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी व डीसीपी नार्कोटिक्स अशोक कुमार, सहायक पुलिस आयुक्त ट्विंकल जैन व वर्णिका सिंह की उपस्थिति में सात थानों में पंजीकृत 134 अभियोगों से संबंधित कुल 646.705 किलो गांजे को नष्ट कराया गया। सभी मामले कोर्ट में विचाराधीन है। जिले में पहली बार गांजे को कराया गया नष्टः जिले में पहली बार गांजे को नष्ट कराया गया है। अभी तक बुलंदशहर ले जाकर गांजे को नष्ट किया जाता था। इसके लिए कासना साइट पांच स्थित औद्योगिक इकाई नेशनल वुड प्रोडक्ट्स का चयन हुआ। दरअसल, गांजे को प्रदूषण विभाग द्वारा स्वीकृत चिमनी या भट्ठी में ही जलाकर नष्ट करने का प्रविधान है, ताकि प्रदूषण कम फैले। कासना के नेशनल वुड प्रोडक्ट्स में भट्ठी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने जिले में ही नष्ट कराने का फैसला लिया। लंबे समय से गांजे को डिस्पोज करने के लिए जगह की तलाश की जा रही थी।

दैनिक जागरण के 13 फरवरी के अंक में “यमुना एक्सप्रेसवे पर एक माह में चार हजार वाहनों ने तोड़ी अधिकतम गति की सीमा” शीर्षक से भी समाचार प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर 15 फरवरी से वाहनों के लिए गति सीमा 100 किमी प्रतिघंटा होगी। मौसम में बदलाव व कोहरे का प्रभाव लगभग समाप्त है। ऐसे में वाहनों की गति सीमा को पहले की तरह 100 किमी प्रतिघंटा कर दी जाएगी। वहीं, गति सीमा में कमी का वाहन चालकों पर कोई खास असर नहीं हुआ। चालकों ने गति सीमा को तोड़ एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरा। पिछले एक माह में एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा का उल्लंघन करने पर चार हजार से अधिक वाहनों का चालान हुआ व 86 लाख से अधिक का जुर्माना लगा।

यमुना प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेसवे पर सर्दियों में कोहरे से होने वाले हादसे रोकने को गति सीमा में बदलाव किया था। एक्सप्रेसवे पर 15 दिसंबर से दो माह के लिए वाहनों की अधिकतम गति सीमा 100 किमी प्रतिघंटा से घटाकर 75 किमी प्रतिघंटा कर दी गई थी। 15 फरवरी से एक्सप्रेसवे पर एक बार फिर अधिकतम गति सीमा 100 किमी प्रतिघंटा होगी। इससे अधिक रफ्तार पर वाहन चलाने वालों का चालान होगा। वहीं, वाहन चालकों ने अधिकतम गति सीमा की जमकर धज्जियां उड़ाईं। 15 जनवरी से 10 फरवरी के बीच करीब चार हजार वाहन चालकों ने एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा 75 किमी प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार से वाहन दौड़ाए। यातायात पुलिस ने उनके खिलाफ चालान की कार्रवाई की। साथ ही 86.64 लाख रुपये जुर्माना किया। यमुना एक्सप्रेसवे के प्रबंधक जेके शर्मा का कहना है कि 15 दिसंबर से 15 फरवरी के लिए एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा में, परिवर्तन किया गया था। मौसम साफ होने से दृश्यता की अब कोई समस्या नहीं है। इसलिए 15 फरवरी से वाहनों की अधिकतम गति सीमा पूर्व की भांति हल्के वाहन के लिए 100 किमी प्रतिघंटा व भारी वाहनों के लिए 80 किमी प्रतिघंटा लागू होगी।

नोएडा हिन्‍दी खबर, 12 फरवरी के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

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Wed 1
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calendar12 Feb 2025 04:15 PM
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Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 12 फरवरी को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।

Noida News: समाचार अमर उजाला से

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “ओएनजीसी के सेवानिवृत्त जीएम से 1.79 करोड़ ठगे, सोशल मीडिया पर परिचय के बाद युवती ने की जालसाजी ” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि साइबर जालसाज ने ओएनजीसी के रिटायर्ड जीएम से 1.79 करोड़ की ठगी की है। सोशल मीडिया पर परिचय के बाद महिला ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। ओएनजीसी के सेवानिवृत्त जीएम ने पुलिस को दी शिकायत बताया में पिछले साल सोशल मीडिया पर एक युवती की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी। दोनों के बीच बातचीत हुई। युवती ने बताया कि उसके पिता 2022 में सेवानिवृत हुए हैं और वह आपको जानते हैं। युवती ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। इसके बाद युवती की तरफ से उन्हें वॉट्सऐप नंबर दिया गया। कुछ दिन बात करने बाद उसने फॉरेक्स एक्सचेंज में रुपये लगाकर कई गुना तक रिटर्न के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उसने कुछ लोगों के प्रोफाइल भी दिखाए और उन्हें निवेश के सेफ होने के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें साइट के  माध्यम को रुपये को यूएस डॉलर में बदलकर आगे निवेश के लिए कहा गया।

शुरुआत में उन्हें अच्छा रिटर्न साइट पर दिखाया गया। इसके बाद पीड़ित से लगातार रकम निवेश करवाती रही। युवती के झांसे में आकर 2 महीने में 1 करोड़ 79 लाख 88 हजार 334 रुपये लगा दिए। इसके बाद उनसे 14 लाख रुपये और निवेश करने के लिए कहा गया। ऐसा नहीं होने पर अकाउंट ब्लॉक होने के बारे में बताया गया। इसके बाद ठगों ने 20 लाख रुपये मांगे। तब उन्हें इस पर थोड़ा शक हुआ तो पीड़ित ने सवाल करना शुरू किया। इसके बाद जालसाजों ने अकाउंट ब्लॉक कर दिया। डीसीपी साइबर सेल प्रीति यादव ने बताया कि रमेश कुमार नामक एक शख्स की शिकायत पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

Noida News:

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “एयरपोर्ट के पास एनसीआर का पहला व्यावसायिक केंद्र बनेगा, यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे कॉरपोरेट हब के साथ 776 हेक्टेयर में बनेगा सीबीडी” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि ग्रेनो औद्योगिक विकास प्राधिकरण एनसीआर का पहला सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट बिजनेस (सीबीडी) बनाएगा। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे 776 हेक्टेयर जमीन पर कॉरपोरेट हब बनाने की योजना है। सीबीडी में दिल्ली की तर्ज पर एयरोसिटी को भी विकसित किया जाएगा।

केंद्रीय व्यावसायिक जिला (सीबीडी) को बोड़ाकी के मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब, दादरी के मल्टी मॉडल टर्मिनल के साथ ही 130 मीटर रोड से भी बेहतर कनेक्टिविटी दी जाएगी। सेंटर को लाइव, प्ले और वर्क की अवधारणा पर मूर्त रूप दिया जाएगा। मास्टर प्लान 2041 लागू होने के बाद ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब सीबीडी के लिए जमीन चिह्नित करने में जुट गया है। यमुना एक्सप्रेस के किनारे और नोएडा एयरपोर्ट के पास इस प्रमुख परियोजना के लिए जमीन की व्यवस्था की जाएगी। यहां उच्च-स्तरीय कार्यालय स्थान, रेस्तरां, होटल, वित्तीय संस्थान सहित व्यापार को बढ़ावा देने वाले अत्याधुनिक साधन-संसाधन मुहैया कराया जाएगा। इन सुविधाओं को विकसित करने के लिए इस सीबीडी में मिश्रित भू उपयोग के हिसाब से तैयार किया जाएगा। इसमें आवासीय विकास के साथ-साथ खुदरा, कार्यालय, होटल और अन्य व्यावसायिक उपयोगों का मिश्रण शामिल होगा। इसके पीछे कम लागत पर अधिक व्यावसायिक अवसर पैदा करने और ग्रेटर नोएडा के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

Hindi News:

अमर उजाला ने 12 फरवरी 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “औद्योगिक सेक्टर साइट-4 और 5 में बनेंगे वेंडिंग जोन, यूपीसीडा ने दोनों सेक्टरों में जगह की चिह्नित, बजट तैयार कर जल्द शुरू होगा काम”  शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टर साइट 4 और 5 में वेंडिंग जोन बनाएगा। दोनों सेक्टर में वेंडिंग जोन बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। बजट तैयार किया जा रहा है। बजट तय होने के बाद काम शुरू होगा। वेंडिंग जोन बनने के बाद सेक्टर के अतिक्रमण को हटाया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर को जोन में जगह दी जाएगी।

ग्रेटर नोएडा में यूपीसीडा के चार औद्योगिक सेक्टर हैं। इनमें साइट-बी व सी और 4 व 5 शामिल हैं। इन सेक्टर में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। उद्योगों के बाहर रेहडी व ठेली वाले खड़े रहते हैं। जगह-जगह ढाबे बन चुके हैं। किसी भी जगह अस्थायी दुकान लगा ली जाती है। इन सभी से उद्यमी परेशान हैं। उनका कहना है कि अतिक्रमण के कारण सेक्टरों में आपराधिक वारदात बढ़ी हैं। उद्यमियों की इस समस्या को देखकर यूपीसीडा ने दो सेक्टर साइट-4 व 5 में वेंडिंग जोन बनाने का फैसला लिया है। अफसरों ने बताया कि वेंडिंग जोन बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। साइट-4 में वेनिस मॉल के पास वेडिंग जोन बनाया जाएगा। वहीं, साइट-5 की गली नंबर तीन में यूपीसीडा की जमीन खाली है। वहां भी वेंडिंग जोन बनाया जाएगा। एक वेंडिंग जोन में करीब 60 से 70 स्ट्रीट वेंडर को जगह दी जाएगी। अफसरों ने बताया कि वेंडिंग जोन बनने के बाद सेक्टर के अंदर से अतिक्रमण और अवैध स्ट्रीट वेंडर को हटाया जाएगा।

Noida News: समाचार दैनिक जागरण से

दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 12 फरवरी 2025 का प्रमुख समाचार “विद्युत विभाग की ओटीएस योजना का लाभ उठाने में सरकारी विभाग फिसड्डी” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि विद्युत विभाग की ओटीएस योजना अंतिम चरण में है, लेकिन इस योजना का लाभ उठाने में आम लोगों के साथ ही सरकारी विभाग भी फिसड्डी साबित हो रहे हैं। जेवर में अभी तक 24 हजार उपभोक्ताओं में से मात्र 4,070 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है। इस योजना के प्रति आम लोग ही नहीं बल्कि सरकारी विभाग भी उदासीन हैं। जेवर तहसील के आवासीय परिसर का 90 लाख का बिल बकाया था, जिसपर 70 प्रतिशत सरचार्ज छूट के बाद 22 लाख रुपये की छूट मिलनी थी, लेकिन योजना का लाभनहीं उठाया गया।

विद्युत विभाग ने 15 दिसंबर को पुराने बिजली के बकाया बिलों पर सरचार्ज में 100 प्रतिशत की छूट देते हुए ओटीएस (एकमुश्त समाधान योजना) लागू की थी। जेवर में सरकारी विभागों के अलावा 24 हजार उपभोक्ताओं पर 73 करोड़ रुपये के बिजली बिल बकाया थे। विद्युत विभाग ने इन उपभोक्ताओं को ओटीएस योजना के लिए पात्र मानते हुए योजना में पंजीकरण कराने के लिए खूब प्रचार प्रसार किया। योजना का तृतीय चरण भी समाप्त होने जा रहा है, लेकिन 24 हजार उपभोक्ताओं में से कुल 4,070 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराते हुए नौ करोड़ का भुगतान किया है। विद्युत विभाग ने तहसीलदार जेवर को दिसंबर में पत्र भेजते हुए बताया कि आपके तहसीलदार आवासीय परिसर पर 90 लाख का बिल बकाया चल रहा है, जिसपर ओटीएस के तहत वर्तमान में जमा कराने पर 22 लाख 76 हजार की छूट मिल रही है, लेकिन पत्र का आजतक न तो कोई जवाब मिला व न ही 22 लाख की धनराशि की छूट ली। ऐसा नहीं है कि अकेले तहसील आवासीय परिसर का बिल बकाया है वर्तमान में तहसील कार्यालय पर आठ लाख 14 हजार का बकाया है। सरकारी विभाग नहीं जमा कर रहे विद्युत विभाग के पांच करोड़ बकायाः वर्तमान में अधिक शिक्षा विभाग पर बकाया है, जिसमें प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के संचालित स्कूलों पर दो करोड़ 35 लाख, पंचायती राज व पशुधन विभाग पर एक करोड़ 24 लाख, प्रशासन पर एक करोड़, चिकित्सा विभाग पर 10 लाख, पुलिस पर सात लाख, सहकारिता विभाग पर 10 लाख सहित पांच करोड़ का बकाया है।

दैनिक जागरण के 12 फरवरी 2025 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “रेडियोलाजिस्ट की अघोषित 'छुट्टी' ने करा दी मरीजों की मैराथन, परेशान, जिला अस्पताल का मामला, रेडियोलाजिस्ट के चार पद स्वीकृत, तैनात सिर्फ दो” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सेक्टर-39 के जिला अस्पताल में मरीजों को एक्सरे या रिपोर्ट के लिए रेडियोलाजी विभाग में कई दिनों तक मैराथन करनी पड़ती है। आरोप है कि अस्पताल में कई वर्षों से चार में से सिर्फ दो रेडियोलाजिस्ट ही तैनात हैं। इनमें से किसी की अद्योषित छुट्टी या आकस्मिक अवकाश पर जाने से मरीजों पर दोहरी मार पड़ती है।

आरोप है कि मरीजों को कई दिन बाद मंगलवार को मोबाइल पर एक्सरे की रिपोर्ट देकर लौटा दिया। वहीं, कई मरीज कागजी रिपोर्ट के लिए परेशान नजर आए। मामले में सीएमएस ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मेरठ मंडल में अपर निदेशक को पत्र लिखा हैं। एक्सरे कराने अस्पताल पहुंची रीता का आरोप था कि 27 जनवरी को पति के हाथ में चोट लगने पर एक्सरे कराया था। डाक्टरों ने दो दिन बाद रिपोर्ट लेने के लिए कहा था। वह अस्पताल आईं तो पता चला कि रेडियोलाजिस्ट डा. जैनेंद्र कुमार झा 28 जनवरी से छुट्टी पर चले गए हैं, जबकि दूसरी रेडियोलाजिस्ट डा. निरूपमा आत्रेय को आकस्मिक  अवकाश लेना पड़ा। ऐसे में 50-60 मरीजों को एक्सरे रिपोर्ट के लिए परेशान होना पड़ा। मामले में कई परेशान मरीज सीएमओ से भी मिले। उनसे रिपोर्ट न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी। कार्यवाहक सीएमओ डा. ललित कुमार ने मरीजों को जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उधर, सीएमएस ने भी मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक को पत्र लिखकर रिक्त दो पदों पर जल्द भर्ती कराने और अवकाश पर गए रेडियोलाजिस्ट को तत्काल डयूटी ज्वाइन के आदेश पारित करने की मांग की। सीएमएस डा. रेनू अग्रवाल का कहना है कि रेडियोलाजिस्ट 28 जनवरी से 7 फरवरी तक छुट्टी पर थे। इसी बीच दूसरी रेडियोलाजिस्ट को भी आकस्मिक अवकाश लेना पड़ा।

दैनिक जागरण के 12 फरवरी के अंक में “औसतन 3 मिनट 23 सेकेंड में पीड़ित तक पहुंच रही गौतमबुद्ध नगर पुलिस, मिला दूसरा स्थान ” शीर्षक से भी समाचार प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस पीड़ितों तक औसतन तीन मिनट 23 सेकेंड में भी पहुंच जा रही है। पुलिस की ओर से फरवरी के शुरुआती 10 दिनों का डाटा साझा किया गया है। उधर, पुलिस टीमों ने जरूरतमंद लोगों को भी रैन बसेरे तक पहुंचाने में महती भूमिका निभाई। गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट डायल 112 पुलिस को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है।

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन और डीसीपी यातायात व डायल 112 के नोडल अधिकारी राम लखन सिंह की देखरेख में पीआरवी वाहन सुविधा का संचालन किया जा रहा है। पीड़ितों तक कम समय में त्वरित सहायता पहुंचाने की दिशा में कमिश्नरेट पुलिस प्रयासरत है। एक फरवरी से 10 फरवरी के बीच विभाग को 9930 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इन शिकातयों के मामले में पुलिस टीम को पीड़ितों तक पहुंचने में औसतन समय तीन मिनट 23 सेकेंड रहा। उधर, सर्द मौसम में खुले आसमान के नीचे रात गुजराने वाले लोगों को लेकर भी कमिश्नरेट पुलिस संवेदनशील रही। 10 दिनों में रात के समय रास्तों, फुटपाथ, बस स्टैंड आदि स्थानों पर सोने वाले लगभग 36 बेसहारा लोगों तक पहुंच बनाई गई। यूपी 112 टीम ने रैन बसेरा पहुंचाया गया। लोगों ने भी पुलिस की सराहना की। डीसीपी लखन सिंह यादव ने बताया कि पुलिस की ओर से पीआरवी वाहनों के रूट चार्ट पर भी काम किया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में डायल 112 पर ज्यादा सूचनाएं आती हैं। उन क्षेत्रों में पीआरवी वाहन की संख्या के साथ भ्रमण का समय भी बढ़ाने पर जोर है ताकि पीड़ितों को जल्दी पुलिस सहायता प्राप्त हो सके।

नोएडा शहर की न्‍यूज, 11 फरवरी के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

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