Ghaziabad News : विश्व भारती पब्लिक स्कूल में अंग्रेजी में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ




UP News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में दो सगे भाईयों द्वारा फर्जी तरीके से सेना में नौकरी करते रहने का मामला सामने आया है। यह दोनों सगे भाई गाजियाबाद के रहने वाले बताए जाते हैं। दरअसल, फर्जी नौकरी करने वाले दोनों सगे भाईयों से सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की गई। किसी को शक न हो, इस लिए ठग दोनों भाईयों के एकाउंट में 12 हजार रुपये भी डालते रहे। अब जब मामले का भंडाफोड़ हुआ तो मेरठ पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच शुरु कर दी है।
जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद जिले के रहने वाले मनोज की जान पहचान मुजफ्फरनगर निवासी राहुल हो गई। राहुल मेरठ में टेरिटोरियल आर्मी में सिपाही है। राहुल ने अपने दोस्त दौराला निवासी बिट्टू के साथ मिलकर मनोज को भरोसा दिलाया कि वह सेना में उसकी नौकरी लगवा सकता है। राहुल ने मनोज को बताया कि बिट्टू सेना में कर्नल है। इसके बाद राहुल ने मनोज और उसके भाई को सेना में भर्ती कराने का विश्वास दिलाया।
इसके बाद दोनों ठग राहुल और बिट्टू ने सेना में नौकरी के नाम पर दोनों भाईयों से करीब 16 लाख रुपये ले लिए। पैसे लेने के बाद दोनों भाई नौकरी के लिए दबाव बनाने लगे। इसके बाद राहुल ने मनोज को बाजार से वर्दी खरीद कर दे दी। इतना ही नहीं सेना की एक फर्जी आईडी भी बनवा दी और बतौर ऑफिस में फॉलोअर के रूप में तैनाती करा दी।
मनोज को शक न हो इसके लिए समय-समय पर बिट्टू कर्नल की वर्दी पहनकर वीडियो कॉल भी करता रहा। इस बीच मनोज के खाते में हर महीन 12 हजार रुपये भी डालता रहा। जब मनोज ने कर्नल से मिलकर किसी और सेक्शन में डालने की जिद करने लगा तो राहुल बहाने करने लगा। राहुल ने कर्नल को विदेश जाने की बात कहकर मिलने से टालता रहा। इस पर मनोज को शक होने लगा, इसके बाद मनोज ने पुलिस से शिकायत की।
बताया जाता है कि मनोज की शिकायत पर मेरठ पुलिस ने आर्मी की दिल्ली यूनिट से संपर्क साधा। इसके बाद आर्मी की दिल्ली यूनिट ने पूरे मामला का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों राहुल और बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही दोनों के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी। एसपी सिटी मेरठ पीयूष सिंह ने कहा कि राहुल ने खुद को सेना में सिपाही बता कर 16 लाख रुपये ठग लिए। इसमें तीन लोग संलिप्त पाए गए। राहुल और बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं राजा नाम का एक शख्स फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।
UP News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में दो सगे भाईयों द्वारा फर्जी तरीके से सेना में नौकरी करते रहने का मामला सामने आया है। यह दोनों सगे भाई गाजियाबाद के रहने वाले बताए जाते हैं। दरअसल, फर्जी नौकरी करने वाले दोनों सगे भाईयों से सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की गई। किसी को शक न हो, इस लिए ठग दोनों भाईयों के एकाउंट में 12 हजार रुपये भी डालते रहे। अब जब मामले का भंडाफोड़ हुआ तो मेरठ पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच शुरु कर दी है।
जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद जिले के रहने वाले मनोज की जान पहचान मुजफ्फरनगर निवासी राहुल हो गई। राहुल मेरठ में टेरिटोरियल आर्मी में सिपाही है। राहुल ने अपने दोस्त दौराला निवासी बिट्टू के साथ मिलकर मनोज को भरोसा दिलाया कि वह सेना में उसकी नौकरी लगवा सकता है। राहुल ने मनोज को बताया कि बिट्टू सेना में कर्नल है। इसके बाद राहुल ने मनोज और उसके भाई को सेना में भर्ती कराने का विश्वास दिलाया।
इसके बाद दोनों ठग राहुल और बिट्टू ने सेना में नौकरी के नाम पर दोनों भाईयों से करीब 16 लाख रुपये ले लिए। पैसे लेने के बाद दोनों भाई नौकरी के लिए दबाव बनाने लगे। इसके बाद राहुल ने मनोज को बाजार से वर्दी खरीद कर दे दी। इतना ही नहीं सेना की एक फर्जी आईडी भी बनवा दी और बतौर ऑफिस में फॉलोअर के रूप में तैनाती करा दी।
मनोज को शक न हो इसके लिए समय-समय पर बिट्टू कर्नल की वर्दी पहनकर वीडियो कॉल भी करता रहा। इस बीच मनोज के खाते में हर महीन 12 हजार रुपये भी डालता रहा। जब मनोज ने कर्नल से मिलकर किसी और सेक्शन में डालने की जिद करने लगा तो राहुल बहाने करने लगा। राहुल ने कर्नल को विदेश जाने की बात कहकर मिलने से टालता रहा। इस पर मनोज को शक होने लगा, इसके बाद मनोज ने पुलिस से शिकायत की।
बताया जाता है कि मनोज की शिकायत पर मेरठ पुलिस ने आर्मी की दिल्ली यूनिट से संपर्क साधा। इसके बाद आर्मी की दिल्ली यूनिट ने पूरे मामला का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों राहुल और बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही दोनों के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी। एसपी सिटी मेरठ पीयूष सिंह ने कहा कि राहुल ने खुद को सेना में सिपाही बता कर 16 लाख रुपये ठग लिए। इसमें तीन लोग संलिप्त पाए गए। राहुल और बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं राजा नाम का एक शख्स फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी थी। मजेदार बात यह है कि यह हत्या चार साल पहले की गई थी। चार साल बाद खुलासा हुआ है कि पति की हत्या करने के बाद महिला ने शव को अपने पति के घर में छह फीट गहरे गड्ढ़े में शव को दबा दिया था। महिला के प्रेमी ने उसने पति के सिर पर पहले गोली मारी थी और उसके बाद उसका एक हाथ कुल्हाड़ी से काट दिया था। काटे हुए हाथ को जंगल में फेंक दिया गया था, ताकि अगर वो पुलिस को बरामद भी हो तो लगे कि ये कोई और घटना है।
गाजियाबाद एसएसपी ने पुराने कुछ अनसुलझे कैसे उसको दोबारा खुलवाया था। जिनकी जांच अलग-अलग टीम को दी गई थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने चार साल पहले गायब हुए गाजियाबाद निवासी चंद्रवीर के मामले पर काम करते हुए उसकी बेटी से बातचीत की तो पता चला कि पड़ोस में रहने वाले एक अंकल उसके घर में लगातार आते जाते हैं। बेटी ने उन्हीं पर शक जताया। क्राइम ब्रांच चंद्रवीर के पड़ोस में रहने वाले अरुण और अनिल को हिरासत में लिया और उससे जो कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सारी घटना पुलिस के सामने उगल दी। पुलिस ने जब प्रेमी के घर जाकर गड्ढा खुदवाया तो उसमें शव के अवशेष मिले। इनको डीएनए टेस्ट के लिए भिजवा दिया गया है।
पुलिस अधिकारी इस पर बताते हैं कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी ने एक पूरी योजना तैयार की थी। हत्यारोपी प्रेमी रिमी ने अपने घर में पहले ही 6 फीट का गड्ढा खोदकर तैयार कर दिया था। पूरी प्लानिंग के बाद ही उन्होंने चंद्रवीर को मौत के घाट उतारा है। हत्यारोपी रिमी ने पुलिस को बताया कि उसके और चंद्रवीर की पत्नी के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चला आ रहा था। मृतक चंद्रवीर इसका विरोध करता था, जिस कारण हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था।
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी थी। मजेदार बात यह है कि यह हत्या चार साल पहले की गई थी। चार साल बाद खुलासा हुआ है कि पति की हत्या करने के बाद महिला ने शव को अपने पति के घर में छह फीट गहरे गड्ढ़े में शव को दबा दिया था। महिला के प्रेमी ने उसने पति के सिर पर पहले गोली मारी थी और उसके बाद उसका एक हाथ कुल्हाड़ी से काट दिया था। काटे हुए हाथ को जंगल में फेंक दिया गया था, ताकि अगर वो पुलिस को बरामद भी हो तो लगे कि ये कोई और घटना है।
गाजियाबाद एसएसपी ने पुराने कुछ अनसुलझे कैसे उसको दोबारा खुलवाया था। जिनकी जांच अलग-अलग टीम को दी गई थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने चार साल पहले गायब हुए गाजियाबाद निवासी चंद्रवीर के मामले पर काम करते हुए उसकी बेटी से बातचीत की तो पता चला कि पड़ोस में रहने वाले एक अंकल उसके घर में लगातार आते जाते हैं। बेटी ने उन्हीं पर शक जताया। क्राइम ब्रांच चंद्रवीर के पड़ोस में रहने वाले अरुण और अनिल को हिरासत में लिया और उससे जो कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सारी घटना पुलिस के सामने उगल दी। पुलिस ने जब प्रेमी के घर जाकर गड्ढा खुदवाया तो उसमें शव के अवशेष मिले। इनको डीएनए टेस्ट के लिए भिजवा दिया गया है।
पुलिस अधिकारी इस पर बताते हैं कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी ने एक पूरी योजना तैयार की थी। हत्यारोपी प्रेमी रिमी ने अपने घर में पहले ही 6 फीट का गड्ढा खोदकर तैयार कर दिया था। पूरी प्लानिंग के बाद ही उन्होंने चंद्रवीर को मौत के घाट उतारा है। हत्यारोपी रिमी ने पुलिस को बताया कि उसके और चंद्रवीर की पत्नी के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चला आ रहा था। मृतक चंद्रवीर इसका विरोध करता था, जिस कारण हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था।