चंद्रास्वामी का शागिर्द निकला गाजियाबाद का नटवरलाल, चला रहा था ठगी का साम्राज्य

काल्पनिक देशों का राजदूत बन बैठा था ठग
हर्षवर्धन जैन खुद को 'West Artica', 'Saborga', 'Poulvia' और 'Londonia' जैसे काल्पनिक देशों का राजदूत या कॉन्सुल बताता था। वह गाजियाबाद के कविनगर इलाके में किराए पर लिए गए मकान में इन देशों के फर्जी दूतावास चला रहा था। STF की टीम ने उसे गिरफ्तार कर जब मकान की तलाशी ली तो अंदर से 44.7 लाख रुपये नकद, 34 रबर स्टैंप, 12 फर्जी राजनयिक पासपोर्ट, विदेशी मुद्रा, चार लग्जरी गाड़ियां और 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट बरामद की गईं।2011 में भी हो चुका है गिरफ्तार
एसटीएफ के मुताबिक, हर्षवर्धन जैन पहले भी विवादों में रह चुका है। वर्ष 2011 में उसके खिलाफ कविनगर थाने में अवैध सैटेलाइट फोन रखने का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि वह कभी तांत्रिक चंद्रास्वामी और हथियार डीलर अदनान खशोगी के संपर्क में रहा है। चंद्रास्वामी वही हैं जिनका नाम पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार के दौरान बड़े घोटालों में आया था और जिन्हें जेल तक जाना पड़ा था।यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश में मिला नटवरलाल का बाप, बना बैठा था देश का फर्जी राजदूत
फोटोशॉप के जरिए PM और राष्ट्रपति से जोड़ता था खुद को
हर्षवर्धन लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य बड़े नेताओं के साथ फोटोशॉप की गई तस्वीरों का इस्तेमाल करता था। पुलिस ने उसके पास से विदेश मंत्रालय की फर्जी मुहर, प्रेस कार्ड और कई देशों की सीलें भी बरामद की हैं। यही नहीं उसके कथित दूतावास में उन काल्पनिक देशों के झंडे भी लगे थे जो असली दूतावास जैसा भ्रम पैदा करते थे।ठगी और हवाला के नेटवर्क का खुलासा
एसटीएफ एसएसपी सुशील घुले ने बताया, "हर्षवर्धन फर्जी राजनयिक पहचान के जरिए लोगों से विदेश में नौकरी दिलाने, व्यापारिक डील कराने और हवाला ट्रांजेक्शन कराने का वादा करता था। उसका ठगी का नेटवर्क पिछले सात वर्षों से सक्रिय था।" पुलिस का कहना है कि आरोपी ने न सिर्फ दूतावास के नाम पर फर्जी संस्थाएं खड़ी की थीं, बल्कि हवाला और दलाली जैसे अवैध कारोबार भी इन्हीं के जरिए चला रहा था। इस पूरे मामले में अब नई एफआईआर दर्ज कर ली गई है और विस्तृत जांच जारी है।अगली खबर पढ़ें
काल्पनिक देशों का राजदूत बन बैठा था ठग
हर्षवर्धन जैन खुद को 'West Artica', 'Saborga', 'Poulvia' और 'Londonia' जैसे काल्पनिक देशों का राजदूत या कॉन्सुल बताता था। वह गाजियाबाद के कविनगर इलाके में किराए पर लिए गए मकान में इन देशों के फर्जी दूतावास चला रहा था। STF की टीम ने उसे गिरफ्तार कर जब मकान की तलाशी ली तो अंदर से 44.7 लाख रुपये नकद, 34 रबर स्टैंप, 12 फर्जी राजनयिक पासपोर्ट, विदेशी मुद्रा, चार लग्जरी गाड़ियां और 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट बरामद की गईं।2011 में भी हो चुका है गिरफ्तार
एसटीएफ के मुताबिक, हर्षवर्धन जैन पहले भी विवादों में रह चुका है। वर्ष 2011 में उसके खिलाफ कविनगर थाने में अवैध सैटेलाइट फोन रखने का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि वह कभी तांत्रिक चंद्रास्वामी और हथियार डीलर अदनान खशोगी के संपर्क में रहा है। चंद्रास्वामी वही हैं जिनका नाम पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार के दौरान बड़े घोटालों में आया था और जिन्हें जेल तक जाना पड़ा था।यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश में मिला नटवरलाल का बाप, बना बैठा था देश का फर्जी राजदूत
फोटोशॉप के जरिए PM और राष्ट्रपति से जोड़ता था खुद को
हर्षवर्धन लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य बड़े नेताओं के साथ फोटोशॉप की गई तस्वीरों का इस्तेमाल करता था। पुलिस ने उसके पास से विदेश मंत्रालय की फर्जी मुहर, प्रेस कार्ड और कई देशों की सीलें भी बरामद की हैं। यही नहीं उसके कथित दूतावास में उन काल्पनिक देशों के झंडे भी लगे थे जो असली दूतावास जैसा भ्रम पैदा करते थे।ठगी और हवाला के नेटवर्क का खुलासा
एसटीएफ एसएसपी सुशील घुले ने बताया, "हर्षवर्धन फर्जी राजनयिक पहचान के जरिए लोगों से विदेश में नौकरी दिलाने, व्यापारिक डील कराने और हवाला ट्रांजेक्शन कराने का वादा करता था। उसका ठगी का नेटवर्क पिछले सात वर्षों से सक्रिय था।" पुलिस का कहना है कि आरोपी ने न सिर्फ दूतावास के नाम पर फर्जी संस्थाएं खड़ी की थीं, बल्कि हवाला और दलाली जैसे अवैध कारोबार भी इन्हीं के जरिए चला रहा था। इस पूरे मामले में अब नई एफआईआर दर्ज कर ली गई है और विस्तृत जांच जारी है।संबंधित खबरें
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