GHAZIABAD NEWS: राजेन्द्र नगर के लोगोें ने अवैध निर्माण के खिलाफ खोला मोर्चा

Capture 17
GHAZIABAD NEWS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Jan 2023 09:01 PM
bookmark
GHAZIABAD NEWS: गजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की विकसित राजेंद्र नगर कालोनी में बिल्डर लीक से हट कर निर्माण कर रहे हैं। इसको लेकर लोगों में रोष व्याप्त है और उन्होंने किए जा रहे निर्माण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विरोध करने पर समाज विशेष के लोगों के द्वारा अभद्रता की जाती है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि शिकायत के बाद भी बिल्डर के खिलाफ किन कारणों से एक्शन नहीं हो रहा है।

GHAZIABAD HINDI NEWS

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कुछ बिल्डरों के द्वारा स्वीकृत नक्शे के विपरित कुछ भी एरिया छोड बगैर बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। जीडीए में बाकायदा लिखित शिकायत किए जाने के बाद भी संबंधित बिल्डर पर एक्शन नहीं लिया जा रहा है। राजेश यादव ने कहा कि पिछले कुछ समय से पसौंडा के समाज विशेष के लोग बिल्डर गतिविधि में सक्रिय हो गए है तथा लीक से हटकर बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। राजेंद्र नगर सेक्टर दो के भूखंड संख्या 2/105 पर यदि पडताल हो तो उजागर होगा कि बिल्डर के द्वारा भूखंड के शत प्रतिशत एरिया को कबर करते हुए बिल्डिंग का निर्माण कर लिया गया है। विरोध करने पर समाज विशेष के लोगों के द्वारा अभद्रता की जाती है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि शिकायत के बाद भी बिल्डर के खिलाफ किन कारणों से एक्शन नहीं हो रहा है।

GDA NEWS: नक्शा पास करने की प्रक्रिया सरल करने पर बल

DELHI SAMACHAR: छेड़छाड़ का आरोप लगा दिल्ली को बदनाम कर रही मालीवाल:मीनाक्षी

News uploaded from Noida
अगली खबर पढ़ें

GDA NEWS: नक्शा पास करने की प्रक्रिया सरल करने पर बल

Gda office 4
GHAZIABAD NEWS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Jan 2023 08:45 PM
bookmark
GDA NEWS: गजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सचिव बृजेश सिंह ने नक्शा पास सरलीकरण को लेकर शासन के पास पांच सूत्रीय सुझाव भेजे हैं। उन्होंने कहा है, किसी भी टाउनशिप अथवा बिल्डर आदि का नक्शा सरल तरीके से स्वीकृति के लिए शासन स्तर से कई तरह से सिस्टम में बदलाव करना होगा। तभी आम लोगों को इसका लाभ मिल पाएगा।

GHAZIABAD GDA NEWS

जीडीए सचिव ने आवास बंधु के निदेशक को भेजे लेटर के माध्यम से स्पष्ट किया कि आन लाइन मानचित्र स्वीकृति के उपरांत आवेदक को शुल्क जमा किए जाने हेतु डिमांड पत्र स्वतः चला जाता है,लेकिन आवेदक स्तर से शुल्क जमा कराने की कोई समय सीमा निर्धारित न होने के कारण मानचित्र लंबित रहते है। आवेदक स्तर पर शुल्क जमा करने के लिए समय सीमा का निर्धारण किया जाना आवश्यक है। साथ ही आवेदक स्तर पर लंबित आपत्तियों के निस्तारण हेतु समय सीमा निर्धारित किया जाना उचित होगा। प्राधिकरण सचिव ने ये भी सुझाव दिया कि प्रायः यह भी तथ्य सामने आ रहे है कि आवेदक के मानचित्रों पर लगी आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया जाता,बल्कि पुनःआवेदन कर दिया जाता है। पोर्टल पर ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि पोर्टल पर जब तक पूर्व आवेदन का निस्तारण न हो जाए। पुनःआवेदन न किया जा सकें। शासन द्वारा 20 जून 2019 के आदेश के माध्यम से प्रत्येक पटल पर तकनीकी परीक्षण हेतु पर्याप्त समय दिया गया है,जबकि 26 जून 2021 के आदेश के माध्यम से सहायक अभियंता/नगर नियोजक स्तर पर समय सीमा को संशोधित करते हुए 4 व 3 दिवस से घटाकर 1-1 दिवस कर दिया गया,जो कि पर्याप्त नहीं है। चूंकि मानचित्र स्वीकृति से पूर्व अवर अभियंता द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर पत्रावली सहायक अभियंता/नगर नियोजक को अग्रेतर करनी होती है,ऐसे मंे तकनीकी परीक्षण किया जाना संभव नहीं है। ऐसे में सहायक अभियंता/नगर नियोजक स्तर समय सीमा पूर्व की भांति 3 से 4 दिन दिया जाना उचित होगा। प्राधिकरण सचिव ने शासन के सामने ये भी सुझाव दिया कि प्राधिकरण व शासन स्तर पर आनलाइन पोर्टल पर निवेश मित्र,हाई ओबीपीएस व लाॅरिस्क की श्रेणियों में स्वीकृत मानचित्रों के सापेक्ष कुल जमा धनराशि का वर्षवार विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहां जाता हैलेकिन उनके द्वारा बताया जाता है कि इस प्रकार को कोई विवरण पोर्टल पर उपलब्ध न होनेे के कारण दिया जाना संभव नहीं है। साथ ही अवगत है कि शासन को प्रेषित किए जाने वाले एमपीआर के विभिन्न प्रारूपों पर वांछित सूचना पोर्टल पर उपलब्ध नहीं करायी जाती है,जिसका भी प्राविधान पोर्टल पर किया जाना आवश्यक है। इसके साथ साथ मानचित्र स्वीकृति हेतु साफट वेक कंपनी द्वारा साफट वेयर पर मानचित्रों की स्क्रूटनी प्रभावी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2008 यथा संशोधित तथा अन्य नियमों के अनुसार की जाती है। स्क्रूटनी के उपरांत भी मानचित्रों में कतिपय नियमों का परीक्षण नहीं किया जाता है,जिस कारण मानचित्र स्वीकृति के समय अवर अभियंता अथवा उच्च स्तर पर परीक्षण किए जाने पर उक्त कमियां आवेदक कोसूचित की जाती है। पोर्टलद्वारा मानचित्र स्क्रूटनी पूर्ण रूप से न किए जाने के कारण प्राधिकरण द्वारा अनावश्यक रूप से आवेदकों को आपत्तियां प्रेषित की जा रही है। पार्टल पर प्राप्त मानचित्रों की स्क्रूटनी प्रभावी उपविधि एवं नियमों के अनुरूप किए जाने हेतु पोर्टल पर कतिपय सशोधन आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यूपीओबीपीएएस पोर्टल पर 26 जून 2019 का शासनादेश लागू होेने के बाद आनलाइन की जा रही है,लेकिन पोर्टल संचालन में अभी भी कठिनाईयां आ रही है। ऐसे में उचित होगा कि शमन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को आफ लाइन ही रखा जाना चाहिए तथा शमन मानचित्र की स्वीकृति को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कामयाब होने के बाद ही प्रदेश के सभी प्राधिकरणा में लागू किया जाए, ताकि जनसामान्य को कठिनाई का सामना न करना पड़े साथ—साथ प्राधिकरण को वित्तीय हानि भी न हो।

DELHI SAMACHAR: छेड़छाड़ का आरोप लगा दिल्ली को बदनाम कर रही मालीवाल:मीनाक्षी

News uploaded from Noida
अगली खबर पढ़ें

breaking news : ग़ाज़ियाबाद में रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया इन्जीनियर

29 8
Barking news
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Jan 2023 02:24 AM
bookmark

Barking news : ग़ाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद ज़िले से एक बड़ी ख़बर आ रही है। यहाँ ग्रामीण अभियंत्रण सेवा RES विभाग में तैनात एक जूनियर इंजीनियर JE को सरकारी काम के बदले रिश्वत लेते हुए सतर्कता विभाग की टीम ने रंगे हाथों गिरफ़्तार कर लिया है। पकड़े गए इंजीनियर का नाम सुभाष शर्मा है। आरोप है कि सुभाष शर्मा आए दिन सरकारी काम के बदले रिश्वत वसूल रहा था।

breaking news

इसी कड़ी में एक नागरिक ने इस आशय की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजीलैंस पोर्टल पर कर दी। लखनऊ से सीधे मेरठ में तैनात सतर्कता विभाग को गुपचुप तरीक़े से जूनियर इंजीनियर सुभाष शर्मा को गिरफ़्तार करने के काम पर लगाया। सतर्कता विभाग ने ग़ाज़ियाबाद के जिलाधिकारी आर के सिंह को विश्वास में लेकर आज दोपहर को रिश्वतखोर JE को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। सतर्कता विभाग की तहरीर के आधार पर मुक़दमा दर्ज करके सुभाष शर्मा को जेल भेज दिया गया है।

चेतना मंच से बात करते हुए ग़ाज़ियाबाद के जिलाधिकारी आरके सिंह ने इस कार्यवाही की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में JE को निलंबित करने समेत तमाम अग्रिम कार्यवाही पूरी क़ानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही है।

आपको बता दें कि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग RES ग्रामीण क्षेत्र में विकास के कार्यों के टैंडर आदि करके तमाम विकास कार्य कराता है। इन्हीं टैन्डरों में बड़े पैमाने पर धाँधली की जाती है सुभाष शर्मा लंबे अरसे से ग़ाज़ियाबाद में तैनात था उस पर विकास कार्यों में अनेक धाँधली करने के आरोप लगते रहे हैं।

Delhi Metro : दिल्ली मेट्रो ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगे 70000 करोड़ रुपये

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

News uploaded from Noida