गाजियाबाद न्यूज। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद में पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने घोषणा की है कि जिस तरह से देवबंद के दारुल उलूम में इस्लाम धर्म की शिक्षा दी जाती है, ठीक उसी तरह सनातन धर्म सिखाने वाले सनातन वैदिक ज्ञानपीठ विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इस विश्वविद्यालय में केवल और केवल सनातन धर्म की शिक्षा दीक्षा दी जाएगी।
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आपको बता दें कि गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित प्रीतम फार्म हाउस में दो दिवसीय सनातन कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के दौरान श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने सनातन वैदिक ज्ञानपीठ बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दाखिला लेने वाले बच्चों को सिर्फ सनातन धर्म की शिक्षा-दीक्षा दी जाएगी। कहा कि जैसे इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए दारुल उलूम देवबंद है, ठीक उसी तरह सनातन वैदिक ज्ञानपीठ होगी।
अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि वैदिक विद्यापीठ निर्माण के लिए हमारे पास जगह की कोई कमी नहीं है। असम में 1200 बीघा जमीन पर काफी दिनों से विवाद चल रहा है। इस विवाद को सुलझाने के लिए हमारी असम के मुख्यमंत्री से बातचीत भी हो चुकी है। इसके अलावा कश्मीर, डोडा, ऊधमपुर आदि शहरों में काफी जमीनें हैं। हमें सिर्फ लोगों का मानसिक और शारीरिक योगदान चाहिए। जरूरत पड़ी, तब आर्थिक योगदान लेंगे। उन्होंने बताया कि इस पर कुल 250 करोड़ का खर्च आएगा।
डासना देवी मंदिर की तरफ से डॉ. उदिता त्यागी ने सवा-सवा लाख रुपए के दो चेक श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक को सौंपे। गाजियाबाद के ही अक्षित त्यागी ने 51 लाख रुपए चंदा देने की घोषणा की। इस तरह सभी सनातनियों के सहयोग से सनातन वैदिक ज्ञानपीठ का निर्माण होगा। इसके लिए भिक्षा यात्रा भी शुरू कर दी गई है।’
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