Friday, 29 November 2024

Super Exclusive: एक कलियुगी पिता की करतूत सुनकर आप का भी कलेजा दहल जाएगा, बाप के होते हुए भी अनाथ है बेटा

Super Exclusive नई दिल्ली/गाजियाबाद। कलयुग में कुछ भी हो सकता है। यह एक ऐसा युग है जिसमें इंसान और इंसानियत…

Super Exclusive: एक कलियुगी पिता की करतूत सुनकर आप का भी कलेजा दहल जाएगा, बाप के होते हुए भी अनाथ है बेटा

Super Exclusive नई दिल्ली/गाजियाबाद। कलयुग में कुछ भी हो सकता है। यह एक ऐसा युग है जिसमें इंसान और इंसानियत की गिरावट की कोई सीमा नहीं है। इंसानियत की बहुत बड़ी गिरावट का एक मामला चेतना मंच के सामने आया है। इस चौंका देने वाले मामले में 40 सालों से बिना पिता के रह रहा एक बेटा व पति के जिंदा रहते हुए भी विधवा का जीवन बिता रही एक पत्नी ने कलियुगी पिता व पति से अपना हक मांगा है। (Super Exclusive)

Super Exclusive Chetna Manch

गाजियाबाद शहर की वसुंधरा कालोनी के मकान नं. 3/1180 में रहने वाले संजय सिंह ने गाजियाबाद के न्यायालय (कोर्ट) में एक मुकदमा दायर किया है। यह मामला अतिरिक्त सिविल जज की अदालत में दायर किया गया है। इस मामले में 48 वर्षीय संजय सिंह ने अपने पिता से पिता का नाम व माता श्रीमती बालेश्वरी देवी के लिए पति का नाम मांगा है। अदालत में दायर इस अनोखे मामले में संजय सिंह का कहना है कि वह सदर तहसील गाजियाबाद में पिछले 25 वर्षों से वकालत कर रहा है। उनके तीन बच्चे हैं जिनके नाम जतिन चौधरी, कनिष्का चौधरी व गरिमा सिंह हैं। मेरी मां का नाम श्रीमती बालेश्वरी देवी (70 वर्ष) है। मेरी मां मूलरूप से ग्राम सादोपुर जनपद गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली है। उनका विवाह 53 वर्ष पूर्व महेन्द्र सिंह चौधरी पुत्र स्व. सरजीत सिंह निवासी म.नं. 1346 गुलजारी गली, ग्राम कोटला मुबारकपुर, नई दिल्ली के साथ हुआ था।

 

Super Exclusive
कलियुगी पिता- महेंद्र सिंह चौधरी व दूसरी मां आशा

संजय सिंह आगे कहते हैं कि मेरे नाना फौजी थे और उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी के समय खूब दान-दहेज दिया था। मेरी मां की शादी 8 मई 1970 को हुई थी। उसके दो साल बाद गौना हुआ। संजय बताते हैं कि 1975 में मेरा जन्म हुआ। जब मैं महज सवा महीने का था तो मेरे पिता ने दूसरी शादी कर ली। क्योंकि मेरी मां कम पढ़ी-लिखी थी। मेरे पिता ने कॉलेज में अपने साथ पढऩे वाली आशा नामक महिला से दूसरी शादी की थी। आशा के पिता एक रसूखदार अफसर थे और वह कस्टम विभाग में बड़े अधिकारी थे। दूसरी शादी के बाद मेरे पिता ने मात्र सवा महीने की उम्र में उन्हें घर से निकाल दिया। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के समझाने के बावजूद भी मेरे पिता ने मां को अपने साथ नहीं रखा। जिसके चलते मेरी परवरिश ननिहाल में हुई। मेरी मां ने बेहद विपरीत परिस्थितियों में कष्ट भरा जीवन व्यतीत करते हुए मुझे बड़ा किया है।

Super Exclusive
संजय सिंह की मां- श्रीमती बालेश्वरी देवी

अपनी मां को न्याय दिलाने के लिए तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए मैंने वकालत की पढ़ाई की। अब अपना हक पाने के लिए मैंने न्यायालय की शरण ली है। मेरे इस कदम को उठाते ही मेरे पिता ने न्यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया कि उन्हें झूठी योजना के तहत फंसाकर परेशान किया जा रहा है। इसलिए याचिका को खारिज कर दिया जाए। उन्होंने याचिका की सुनवाई दिल्ली में कराने की अदालत से प्रार्थना की। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी याचिका को स्वीकार नहीं किया गया।

संजय सिंह ने अदालत को बताया कि मेरे पिता की दूसरी पत्नी से तीन बच्चे हैं जो काफी रसूखदार हैं। दूसरी पत्नी से दो बेटे भूपेन्द्र सिंह व धर्मेन्द्र सिंह हैं। जबकि बेटी वर्षा सिंह दादरी से पूर्व विधायक स्व. महेन्द्र सिंह भाटी के छोटे बेटे निशीत सिंह के साथ ब्याही गई है।

वर्षा सिंह की ननद शुभ्रा उत्तराखंड के लंढोरा रियासत के राजकुमार व रूडक़ी से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के साथ ब्याही गई है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पिता दबंग व बाहुबली किस्म के व्यक्ति हैं और वह किसी भी तरह मुझे व मेरी मां को हमारा अधिकार देना नहीं चाहते।

Super Exclusive
बेटा- संजय सिंह (एडवोकेट)

संजय सिंह ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि उनका तथा उनके पिता का डीएनए कराया जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

इस मार्मिक कहानी को पढक़र आप अवश्य ही अंदर तक हिल गए होंगे। हम शीघ्र ही इस केस के और भी तथ्यों से आपको अवगत कराएंगे और केस के सभी पात्रों से भी एक-एक करके आपको मिलाएंगे।

यह भी पढ़े – 

ND Tiwari : संबंध के 46 साल बाद बेटे ने मां को दिलाया था पत्नी का अधिकार

नोएडा ग्रेटरनोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Related Post