Thursday, 28 November 2024

कतरा कतरा दिन गुजरा, लम्हा लम्हा रात हुई

Ghaziabad : गाजियाबाद। पिकिंश फाउडेशन (Pinkish Foundation)की साहित्यिक शाखा, ‘स्वरा’ के तत्वावधान में आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर काव्य…

कतरा कतरा दिन गुजरा, लम्हा लम्हा रात हुई

Ghaziabad : गाजियाबाद। पिकिंश फाउडेशन (Pinkish Foundation)की साहित्यिक शाखा, ‘स्वरा’ के तत्वावधान में आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर काव्य समारोह का आयोजन नेहरू नगर स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में किया गया। कार्यक्रम को सुचारू रूप से करने के लिए सुप्रसिद्ध कवयित्री मंजु ‘मन’ ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की।

दीप प्रज्ज्वलन के बाद पंकज त्रिपाठी ने मधुर कंठ से देवी सरस्वती की वंदना की। द्य काव्य पाठ की शुरुआत संध्या सेठ के उत्सव गीत से हुई। क्रार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर साहित्यकार डॉ. रमा सिंह ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर गजलों के सम्राट गोविंद गुलशन और अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सुरेन्द्र सिंघल मौजूद थे। आजादी के गीतों के साथ-साथ डॉ. रमा सिंह ने कहा, प्यार की ये आंच भी क्या आंच है, अच्छे-अच्छों को पसीना आ गया। डॉ. सुरेन्द्र सिंघल ने अपने हर शेर पर दाद बटोरी। साथ ही उन्होंने आजादी को कुछ इस तरह याद करते हुए दिल छू लेने वाली इन पंक्तियों को सुनाया- साल 75 हुए थे, जब हम पिंजरे से आजाद हुए थे, खुली हवा में सांस तो ली, पर पिंजरा अन्दर रहा हमारे। पंख हमारे उड़ना भूल चुके थे तब तक, हमने फिर से उड़ना सीखा। इस अनंत आकाश को फिर से शुरू कर दिया नापना हमने।

हमेशा की तरह मन मोह लेने वाले शेर और गजलों पर गोविंद गुलशन ने खूब तालियां बटोरीं। हौसलों को बुलंद करती उनकी गजल के अशआर- हम ऐसे जांबाज हैं कश्ती साफ बचा ले जाते हैं, चाहत के फूलों को उनकी धूप न लगने देना तुम, कुछ ऐसे पौधे भी हैं जो छावं में पाले जाते हैं। सुप्रसिद्ध गीतकार इंद्रजीत सुकुमार की पंक्तियों- कल कतरा कतरा दिन गुजरा, कल लम्हा लम्हा रात हुई, बाहर से आंखे पथराईं, लेकिन भीतर बरसात हुई, ने सबका मन मोह लिया। नई कविता सुनाने वाली मंजु ‘मन’ ने आजादी के बाद की कविता से काव्य समारोह को जोशीला बना दिया। रितेश वर्मा का शेर- और तो क्या गलत हुआ मुझ से, एक दुश्मन से दोस्ती की है, ने भी खूब दाद बटोरी।

मनीष श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि एडवोकेट नवीन शर्मा, अक्षयवर नाथ तथा निवेदक टीम पिकिंश फाउंडेशन से ख्याति गुप्ता, युवा इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष, संस्था की सह-संस्थापक शालिनी गुप्ता एवं पिंक टॉक की निदेशक रुचि जैन ने भी महफिल का भरपूर आनंद लेते हुए श्रोताओं की खूब हौसला अफजाई की। स्वरा की वरिष्ठ प्रबंधक तरुणा पुंडीर ‘तरूनिल’ एवं इंदु मिश्रा ‘किरण’ ने सुन्दर काव्य पाठ भी किया। कार्यक्रम का उम्दा संचालन देवेन्द्र शर्मा ‘देव’ ने किया। मुक्ता मिश्रा, निधि बंसल ने भी अपनी कविताओं से सबका मन मोह लिया। समसामयिक विषयों पर लिखने वाली डॉ. माला कपूर के गीत से देशभक्ति का जज्बा हर समय दिल में जगाए रखने का आह्वान किया।

पिकिंश फाउंडेशन की टीम और स्तुतिबाउल के सीईओ मनीष श्रीवास्तव ने आमंत्रित कवयित्रियों एवं कवियों को सम्मान पत्र और उपयोगी आध्यात्मिक भेंट प्रदान की। साथ ही देवेन्द्र शर्मा देव एवं संध्या सेठ ने कार्यक्रम में उल्लेखनीय योगदान दिया। कार्यक्रम का समापन पंकज त्रिपाठी के देशभक्ति गीत के बाद समवेत स्वर में हाथ में झंडा लेकर राष्ट्रगान से किया गया।

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