विनय संकोची
Health: कैरिसा कैरेंडस वानस्पतिक(Carissa Carendus Botanical) नाम वाले एक झाड़ी नुमा पौधे पर गुलाबी सफेद रंग वाला एक छोटा सा चमत्कारी फल लगता है, जिसे करौंदा (Karounda) के नाम के रूप में जाना पहचाना जाता है। खट्टे स्वाद वाले करोंदा के बारे में बहुत से लोग जानते भी नहीं हैं, लेकिन जो लोग करोंदे के गुण और उपयोग से परिचित हैं, इसका नाम सुनते ही उनके मुंह में पानी आ जाता है। करोंदे को अंग्रेजी में जस्मीड फ्लावर्ड, संस्कृत में सुखेण, कृष्णापाक फल और करमर्द, बांग्ला में करकचा, तेलुगु में बाका, में करमंदी, मराठी में मरवंदी और हिंदी में करौंदा, करौंदी कहा जाता है। करोंदे का रंग सफेद सुर्ख और हरा होता है। यह रक्त पित्त और कफ को बढ़ाने वाला तो होता है, लेकिन अनेक रोगों/ विकारों के कारगर उपचार में सहायक भी होता है। करोंदा कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शर्करा, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, सेलेनियम, विटामिन सी, थायमिन, रायवोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन-बी6, फोलेट, कोलीन, विटामिन-ए, बीटा कैरोटिन, विटामिन-ई, विटामिन-के आदि पोषक तत्वों का खजाना भी होता है, इस छोटे से खट्टे फल को स्वास्थ्य के लिए उपयोगी और लाभकारी बनाते हैं।
आइए जानते हैं छोटे से करोंदे के बड़े गुणों के बारे में –
• करोंदे के रस में एंटी डाइबिटिक गुण पाए गए हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को घटाने में सहायक हो सकते हैं। करोंदे का सेवन टाइप टू डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है।
• बढ़ा हुआ बेड कोलेस्ट्रॉल अनेक गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। करोंदे में पॉली फेनोलिक और फ्लेवोनॉयड मौजूद होते हैं, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। इसी के साथ करोंदे के सेवन से बेड कोलेस्ट्रॉल को घटाने में भी मदद मिल सकती है, जिससे हृदय संबंधी रोग से बचाव हो सकता है।
• कैंसर एक डरावनी और गंभीर बीमारी है। करोंदा कैंसर की समस्या से बचाव में मदद कर सकता है। करोंदे के अर्क में एंटी कैंसर और कीमो प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो स्तन, प्रोस्टेट, फेफड़े पर और कोलन के ट्यूमर को बढ़ने से रोकने में सहायता कर सकते हैं।
• करोंदे का उपयोग कर मूत्र मार्ग के संक्रमण को दूर करने में सहायता मिल सकती है। करोंदे के जूस में प्रोएंथरोसिनेनिडिन कंपाउंड पाया जाता है, जो मूत्र मार्ग संक्रमण के कारक बैक्टीरिया को रोकने में कारगर भूमिका निभा सकता है।
• प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिसमें बार – बार पेशाब आने जैसी समस्या विशेष रूप से शामिल है। करोंदे के चूर्ण के सेवन से इस समस्या पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।
• करोंदे के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कारोंदे में विटामिन-सी और एंटी ऑक्सीडेंट तथा एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण को रोकने के साथ शरीर को बार-बार बीमार होने से बचाते हैं।
• करोंदे के सेवन से दांतों की मजबूती बढ़ने के साथ मसूड़े भी स्वस्थ और मजबूत होते हैं। कारोंदा सांस की दुर्गंध और पायरिया के संक्रमण को दूर करने में भी सहायक है।
• करोंदा वजन कम करने में सहायता कर सकता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण इसके सेवन के बाद पेट काफी समय तक भरा महसूस होता है, कुछ और खाने की इच्छा नहीं रहती, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
• करोंदे के सेवन से उदर संबंधी विकार कम होते हैं। कारोंदा कब्ज, गैस और एसिडिटी को दूर करने के साथ आंतों को स्वस्थ रखने में भी अच्छी भूमिका निभाता है।
• एनीमिया यानी खून की कमी को दूर करने में करोंदे का सेवन लाभकारी है। करोंदा लौह तत्व की प्रचुरता के कारण शरीर में खून की कमी को पूरा करने में सहायता करता है।
जरूरी बात : जिनको किसी भी चीज से एलर्जी है, उन्हें करोंदे का सेवन सोच समझ कर करना चाहिए। करोंदे का ज्यादा सेवन पेट में सूजन का कारण बन सकता है, कब्ज़ और दर्द जैसी समस्या हो सकती है। अर्थराइटिस, गाउट या अल्सर जैसी बीमारियों में करोंदा न खाने की सलाह दी जाती है।
विशेष : यहां करोंदे के गुण और उपयोग के बारे में विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है, जिसे चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं माना जा सकता है। हम करोंदे के किसी भी प्रयोग से लाभ का कोई दावा नहीं करते हैं। किसी भी रोग विशेष के उपचार में करोंदे का उपयोग बिना योग्य चिकित्सक के परामर्श के करना हानिकारक हो सकता है।