Thursday, 28 March 2024

Personality : ‘मेरी क्या सबकी ही बीवी ऐसी है’

‘मेरी क्या सबकी ही बीवी ऐसी है’ के लेखक प्रवीण कुमार इन दिनों खूब चर्चाओं में हैं। सैकड़ों कवि सम्मेलनों…

Personality : ‘मेरी क्या सबकी ही बीवी ऐसी है’

‘मेरी क्या सबकी ही बीवी ऐसी है’ के लेखक प्रवीण कुमार इन दिनों खूब चर्चाओं में हैं। सैकड़ों कवि सम्मेलनों व मुशायरों में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुके कवि प्रवीण राही के विषय में आपको भी जानना चाहिए। आज हम यहां इस प्रसिद्ध साहित्यकार से आपका विधिवत परिचय करा रहे हैं।

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इस युवा साहित्यकार का नाम प्रवीण कुमार है, किन्तु साहित्य की दुनिया में उन्हें प्रवीण राही के नाम से जाना जाता है। पिता प्रेम कुमार सिंह व माता प्रतिमा देवी सिंह के सुपुत्र राही का जन्म 31 अगस्त 1985 में हुआ था। पढ़ाई-लिखाई में विशेष प्रतिभा के धनी प्रवीण का विवाह अंजू सिंह से हुआ है। अंजू सिंह भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) की अधिकारी हैं। आपने सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके शेर- ‘उनकी नजरें सीसीटीवी जैसी हैं, मेरी क्या सबकी बीवी ऐसी है’ तथा ‘चढ़ता है दोस्तों जब इश्क का बुखार, पैरासीटामोल भी हो जाता है बेकार’ जैसे कुछ शेर पढ़े व सुने होंगे। उक्त दोनों ही शेर कविवर प्रवीण राही के हैं।

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उनकी पुस्तक ‘अंजुमन’ एक सारगर्भित कविता संग्रह है। ‘धूप के आर-पार’ शीर्षक से प्रकाशित लघु कथा संग्रह भी विशेष पठनीय है। शीघ्र ही उनका एक गजल संग्रह भी प्रकाशित होने वाला है। कविवर प्रवीण राही को युवा लघु कथाकार सम्मान, व्यंग्य भूषण गौरव सम्मान, काव्य धारा मंच सम्मान, बृज विभूति सम्मान, सारस्वत सम्मान, काव्य रत्न, काव्य क्रिट, काव्य सरिता, काव्य सारथी, युवा श्रेष्ठ जैसे विशिष्ट सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। देश के जाने-माने कवि हरिओम पंवार हों, सुनील जोगी अथवा अरुण जेमनी, अनेक बड़े कवियों एवं साहित्यकारों ने विभिन्न मंचों पर इस युवा प्रतिभा की खुलकर प्रशंसा की है।

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