Delhi News : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में एक अहम बदलाव की सुगबुगाहट है। जीएसटी परिषद अब चार की जगह तीन टैक्स स्लैब की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सूत्रों के मुताबिक, 12 फीसदी के स्लैब को पूरी तरह खत्म कर सिर्फ 5%, 18% और 28% के स्लैब रखने की तैयारी चल रही है। Delhi News
क्यों हटाया जा सकता है 12% टैक्स स्लैब?
इस बदलाव के पीछे विचार है टैक्स सिस्टम को सरल और व्यवहारिक बनाना। विशेषज्ञों और अफसरों का मानना है कि 12% की दर अब अप्रासंगिक हो चुकी है। ऐसे में परिषद की अगली बैठक में इस स्लैब को खत्म कर इससे जुड़ी वस्तुओं और सेवाओं को 5% या 18% के स्लैब में शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। यह निर्णय राजस्व न्यूट्रल माना जा रहा है, यानी इससे सरकारी आय में कोई खास बदलाव नहीं आएगा। Delhi News
कौन-कौन सी वस्तुएं हैं 12% स्लैब में?
वर्तमान में जिन उत्पादों पर 12% टैक्स लगता है, उनमें शामिल हैं, कंडेंस्ड मिल्क, कैवियार और इसके विकल्प, 20 लीटर बोतल में पैक पानी, सॉसेज, फलों के रस वाले पेय, मेयोनीज, करी पेस्ट, जमी हुई सब्जियां, पनीर, सूखे मेवे, नमकीन, जैम-जेली, टूथ पाउडर, दूध पिलाने की बोतलें, कालीन, छाते, टोपी, साइकिल, विशिष्ट बर्तन, लकड़ी-बेंत के फर्नीचर, पेंसिल-क्रेयॉन, जूट-कॉटन बैग तथा 1000 से सस्ते जूते शामिल हैं। संगमरमर और ग्रेनाइट ब्लॉक, डायग्नोस्टिक किट सेवाएं भी प्रभावित होंगी। इसके अलावा कुछ सेवाएं भी इस स्लैब में आती हैं जैसे नॉन-इकोनॉमी एयर टिकट, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्टेशन, रोज 7500 रुपये तक के होटल रूम व कंस्ट्रक्शन वर्क और पेशेवर सेवाएं भी शामिल हैं। Delhi News
क्या कहती है रिपोर्ट?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री समूह के पास सलाह देने वाले अधिकतर विशेषज्ञ इस बदलाव के पक्ष में हैं। केंद्र सरकार के साथ-साथ अधिकांश राज्यों ने भी इसका समर्थन किया है। परिषद की पिछली बैठक दिसंबर 2024 में हुई थी और अगली बैठक जून या जुलाई 2025 में संभावित है। टैक्स दरों में सुधार की दिशा में बनी मंत्री समूह की कमान इस समय बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी संभाल रहे हैं। यह समूह 2021 में लखनऊ में हुई 45वीं जीएसटी बैठक के बाद बना था। Delhi News