Delhi News : एक तरफ आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, दूसरी अोर दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी तक 47 विधानसभा सीटों पर ही अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। कांग्रेस ने शाहीनबाग इलाके की विस सीट ओखला विधानसभा सीट छोड़कर दिल्ली के सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है। बस ओखला की ही सीट ऐसी ही जहां अभी तक कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। दरअसल ओखला सीट से कांग्रेस में तीन प्रबल महिलाओं ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। इन तीनों की अपनी अपनी क्षमता और ताकत से इनकार नहीं किया जा सकता। इसीलिए कांग्रेस कोई एक निर्णय नहीं ले पा रहा है।
क्या है इस सीट की खासियत
दरअसल सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान चर्चा में आया था शाहीनबाग का इलाका। यह इलाका ओखला विधानसभा सीट के तहत आता है, जहां देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे मुस्लिम रहते हैं। इसी इलाके में देश का नामाचीन विवि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय है, जिसके आसपास बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। 1993 से लेकर अभी तक ओखला सीट से मुस्लिम विधायक ही चुने जाते रहे हैं। हालांकि बीजेपी इस सीट पर अपने सारे घोड़े खोल लिए लेकिन कभी कमल नहीं खिला सकी है जबकि, मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का सियासी प्रयोग भी कर चुकी है। कांग्रेस की तीनों दावेदार इसी इलाके की मशहूर हस्तियां हैं।
एक समय कांग्रेस की सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था
2020 में ओखला विधानसभा सीट पर चुनावी सरगर्मी कम थी और सीएए-एनआरसी के विरोध की चर्चा ज्यादा थी। जामिया और शाहीन बाग इलाके में महीनों सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे। शाहीन बाग 2020 में देश भर में सीएए-एनआरसी विरोध का प्रोटेस्ट एक मॉडल बन गया था, जिसकी तर्ज पर ही देश के कई शहरों-कस्बों में महिलाएं, बच्चे और नौजवानों के आंदोलन शुरू किए थे। पूरे देश की निगाह इस क्षेत्र पर उस दौरान लगी रही। ओखला का इलाका एक समय कांग्रेस की सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था, लेकिन 2015 में केजरीवाल की लहर में कांग्रेस को यहां से करारी हार का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी के टिकट पर अमानतउल्ला खान विधायक चुने गए।
एमसीडी के चुनाव से ओखला का सियासी मिजाज बदला
सीएए-एनआरसी को लेकर यहां काफी समय तक आंदोलन होते रहे। ऐसे समय में अमानतउल्ला खान विधायक बनने में कामयाब रहे और कांग्रेस को मात खानी पड़ी। लेकिन एक बार फिर एमसीडी के चुनाव से ओखला का सियासी मिजाज बदल गया है, इस क्षेत्र में आने वाली चार पार्षद सीटों में से दो सीटें कांग्रेस जीतने में कामयाब रही थी। आम आदमी पार्टी सिर्फ एक वार्ड में ही अपना पार्षद बना सकी थी। ऐसे में कांग्रेस से कई नेता विधानसभा चुनाव में उतरने के फिराक में हैं, जिनमें तीन युवतियां प्रमुख हैं। इन देवियों के सहारे कांगे्रस क्षेत्र के बदले हुए मिजाज का फायदा उठा सकती है। आम आदमी पार्टी ने ओखला विधानसभा सीट पर अपने फॉयर ब्रांड मुस्लिम नेता और दो बार के विधायक अमानत उल्ला खान को टिकट देकर फिर से उतारा है। Delhi News
कांग्रेस में तीन महिला नेताओं में एक चुनने पर असमंजस
कांग्रेस से ओखला सीट पर 3 महिला नेता टिकट मांग रही हैं, जिसमें एक नाम इशरत जंहा, दूसरा आरफा खानम और तीसरी नाम अरीबा खान का है। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव समिति में इन्ही तीन नेताओं के नाम पर चर्चा की गई है। दिलचस्प बात यह है कि ओखला से कांग्रेस के टिकट से तीनों ही दावेदार मुस्लिम महिला हैं और तीनों ही तेज तर्रार मानी जाती हैं। इसीलिए एक के चुनाव करने को लेकर कांग्रेस उहापोह की स्थित से दो चार हो रही है। इन तीनों ही मुस्लिम महिलाओं की अपनी सियासी खासियत है, जिसके चलते कांग्रेस तय नहीं कर पा रही है कि किसे अमानतउल्ला खान के खिलाफ उतारा जाए। शाहीन बाग इलाके में एमसीडी के द्वारा चलाए जाने वाले बुलडोजर के खिलाफ, जिस एक महिला की तस्वीर चर्चा का केंद्र बन गई थी, यह महिला कोई और नहीं बल्कि आरफा खानम थीं, जिनके फैक्चर पैरों पर प्लास्टर चढ़ा था। इसके बाद भी बुलडोजर क सामने खड़ी नजर आई थीं। इसके बाद से आरफा लगातार ओखला क्षेत्र में एक्टिव नजर आती हैं और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी कर रखी है। Delhi News
इशरत जहां के दावे में भी है दम
इशरत जहां के दावे में भी है दम क्यों कि इशरत जहां उस समय सियासी चर्चा में आईं थी, जब उन्हें सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के खुरेजी क्षेत्र में इशरत, खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम, समीर अंसारी ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया था। दिल्ली पुलिस के सड़क खाली करने के निदेर्शों की अवहेलना करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद इशरत जहां दो साल तक जेल में रही। इशरत जहां जेल से जमानत पर बाहर हैं और उनकी शादी ओखला के पूर्व विधायक परवेज हासमी के बेटे से हुई है। इशरत जहां अब ओखला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं और कांग्रेस से टिकट मांग रही हैं। इससे पहले पूर्वी दिल्ली से पार्षद भी रह चुकी हैं।
तीसरी दावेदार अरीबा खान
कांग्रेस से टिकट की तीसरी दावेदार अरीबा खान है। अरीबा ओखला के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं। मौजूदा समय में अबु फजल (शाहीनबाग) सीट से पार्षद हैं। आसिफ मोहम्मद खान की सियासी विरासत को अरीबा आगे बढ़ाने में जुटी हैं, जिसके लिए विधानसभा चुनाव में ओखला से टिकट मांग रही हैं। हालांकि, कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा अरीबा के खिलाफ खड़ा है, जिसके चलते ही उनकी चुनौती बढ़ गई है। Delhi News
कांग्रेस के लिए तीनों देवियों में एक चुनना मुश्किल
कांग्रेस के लिए तीनों देवियों में एक चुनना बहुत मुश्किल है। तीनों की अपनी अपनी सियासी पकड़ है। कांग्रेस अमानत उल्ला खान के खिलाफ ऐसे चेहरे को उतारना चाहती है, जो मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में कर सके। इशरत जहां और आरफा के साथ मुस्लिम वोटों पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है, क्योंकि दोनों ने अपनी सियासी पहचान अपने दम पर बनाई है। अरीबा खान की सियासी पहचान उनके पिता के बदौलत है। इस तरह ओखला सीट पर तीनों मजबूत दावेदारी होने के चलते दूसरी लिस्ट में उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। जल्दी ही कांग्रेस ओखला सीट पर अपनी मंथन पूरी करके इस सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित कर देगी। Delhi News
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