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आतिशबाजी ने इस बार हवा में कम घोला जहर, दिल्ली-NCR में अभी भी दम घोंटू हवा

New Delhi News

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New Delhi News : दिल्ली और एनसीआर में इस बार हवा दमघोंटू नहीं रही है। इस बार हवा में आतिशबाजी का जहर कम घुला है। दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 227 दर्ज किया गया है। जबकि एनसीआर में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा खराब रही।

पिछले साल से कम है प्रदूषण

दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या बनी हुई है, लेकिन आतिशबाजी के बावजूद हवा थोड़ी कम जहरीली रही। दिल्ली से लेकर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद तक प्रदूषण फैला हुआ है। दिवाली के दूसरे दिन दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 227 पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में आता है। हालांकि, यह पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर है, लेकिन अभी भी स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी जानकारी

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है। लोधी रोड के आसपास वायु गुणवत्ता 227 पर है, जो खराब श्रेणी में आता है। अक्षरधाम मंदिर के पास धुएं की परत छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार वायु गुणवत्ता बहुत खराब बनी हुई है। कई जगहों पर प्रदूषण के कारण लोगों को काफी समस्याए भी हो रही है।

आतिशबाजी से नहीं पड़ा प्रभाव

दिवाली पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में जमकर आतिशबाजी हुई। कई जगहों पर कूड़ा जलाने के मामले सामने आए। इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा और नोएडा में वायु गुणवत्ता का सूचकांक खासा बेहतर रहा। दिवाली के एक दिन बाद भी वायु प्रदूषण पिछले पांच साल में सबसे कम रहा। दिवाली की दिन चली हवा को इसका कारण बताया जा रहा है। एनसीआर में दिवाली पर आतिशबाजी करने पर भी रोक है। इसके बाद भी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में बृहस्पतिवार को दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की गई। आशंका थी कि पिछले वर्षों की तरह दिवाली के अगले दिन वायु प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 258 और नोएडा का एक्यूआई 274 रहा है। जो पांच वर्षों में सबसे कम है। कोरोना काल में भी दिवाली के एक दिन बाद के प्रदूषण का स्तर इस वर्ष के मुकाबले ज्यादा था।

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