Wednesday, 26 March 2025

दिल्ली की जहरीली नदी को चमकाने का संघर्ष जारी, अब मैली यमुना की सुरक्षा करेगी सेना

Delhi News : दिल्ली में यमुना नदी की सफाई एक अहम मुद्दा रहा है। भाजपा सरकार ने इसे स्वच्छ और…

दिल्ली की जहरीली नदी को चमकाने का संघर्ष जारी, अब मैली यमुना की सुरक्षा करेगी सेना

Delhi News : दिल्ली में यमुना नदी की सफाई एक अहम मुद्दा रहा है। भाजपा सरकार ने इसे स्वच्छ और निर्मल बनाने का वादा किया था जिसे पूरा करने के लिए अब सेना की मदद ली जाएगी। इसके तहत इको टास्क फोर्स (ETF) का गठन किया जाएगा जो नदी की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। साल 2023 की शुरुआत में प्रादेशिक सेना (Territorial Army) की तैनाती की जाएगी ताकि यमुना को स्वच्छ और अविरल बनाने के सभी प्रयास सफल हो सकें।

यमुना सफाई पर बड़ा फैसला

दिल्ली में यमुना की सफाई का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर यमुना को विकसित करने का वादा किया था। भाजपा के सत्ता में आते ही तीन साल के भीतर इसे पूरी तरह स्वच्छ और निर्मल बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

सेना की निगरानी में होगी नदी की सुरक्षा

दिल्ली सरकार ने यमुना की सुरक्षा के लिए सेना की मदद लेने का फैसला किया है। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है जिसके तहत इको टास्क फोर्स (ETF) का गठन किया जाएगा। दिल्ली के जल, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा का कहना है कि, भाजपा सरकार अपने वादे के मुताबिक यमुना को निर्मल और अविरल बनाएगी। उन्होंने कहा कि, नदी के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण, अवैध खनन और औद्योगिक कचरे के निपटान को रोकना जरूरी है। इसके लिए सेना की मदद से इको टास्क फोर्स (ETF) तैनात की जाएगी।

सरकार ने नहीं उठाया था कोई ठोस कदम

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के तहत 2023 की शुरुआत में प्रादेशिक सेना (TA) की तैनाती की गई थी, लेकिन कुछ महीनों बाद इसे हटा दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यमुना और नजफगढ़ नाले की निगरानी के लिए प्रादेशिक सेना की बटालियन गठित करने का प्रस्ताव था, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिससे यह योजना ठप हो गई। अब भाजपा सरकार बनने के बाद इस योजना को फिर से लागू किया जा रहा है और इसे जल्द ही केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

दिल्ली में 22 किलोमीटर तक बहती है यमुना

दिल्ली में वजीराबाद बैराज से ओखला बैराज तक यमुना का 22 किलोमीटर लंबा हिस्सा बहता है। हालांकि, यह नदी की कुल लंबाई का केवल 2% है, लेकिन दिल्ली का 80% प्रदूषण इसी हिस्से में गिरता है। अनियोजित विकास, अतिक्रमण और सीवर का गंदा पानी गिरने से यमुना लगभग मृतप्राय हो चुकी है। इससे न केवल दिल्लीवासियों को पीने के पानी की समस्या हो रही है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दिक्कतें भी बढ़ गई हैं।

1990 से अब तक खर्च हो चुके हैं हजारों करोड़

यमुना को साफ करने के लिए 1990 से अब तक हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। कई योजनाएं बनीं लेकिन न तो यमुना साफ हो पाई और न ही अतिक्रमण पर रोक लग पाई। अब दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्र सरकार के सहयोग से इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

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