Ayodhya Dispute : अयोध्या विवाद का सच : अयोध्या विवाद जैसे मामले से मुलायम सिंह को काफी नुकसान हुआ, पर इस घटना की सच्चाई आज मैं बताता हूं। पूरी घटना के विषय में मुझे लगता है सभी सत्य नहीं जानते हैं…
अयोध्या में हुआ गोली कांड दुखदाई जरूर था:
उसका दुःख सबको है। यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि किसी को भी उस विवादित ढांचे को नुकसान करने न दिया जाए और अयोध्या में यथास्थिति बनाए रखी जाए। इसीलिए यूपी सरकार के निर्देश यूपी पुलिस को थे कि वहां पर किसी को जाने न दिया जाए, पर जब बड़ी संख्या में लोगों ने वहां अफरा-तफरी जैसा माहौल बना दिया और जबरदस्ती अंदर घुसने लगे, पुलिस वालों के संग हाथपाई पर उतर आए, तब पुलिस यथास्थित बनाने के लिए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ही गोली चलाई, जिसमें 17 लोगों की जान गई थी। लेकिन, बीजेपी ने इसको बढ़ा-चढ़ाकर बहुत झूठा प्रचार किया।
Ayodhya Dispute :
इस घटना से कुछ दिन पूर्व मुलायम सिंह ने कुछ साधुओं को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें छोड़ने के लिए बीपी सिंह ने उप-गृहमंत्री राम लाल राही को लखनऊ भेजा। यदि मुलायम सिंह उन्हें छोड़ दें तो साधुआंे से बातचीत के माध्यम से अयोध्या समस्या का हल निकाल लें, लेकिन मुलायम सिंह ने उनकी कोई बात नहीं मानी। उसके बाद में बीपी सिंह ने मुझे, सांसद संतोष भारती के माध्यम से बुलवाया और मुलायम सिंह से उन साधुओं को छोड़ने के लिए मुझे लखनऊ भेजा।
मैं गया और मुलायम सिंह से सारा घटनाक्रम बताया तो मुलायम सिंह ने हमसे कहा कि वे साधु अगर मैंने छोड़ दिये तो वो सब अंडरग्राउंड हो जायेंगे और मेरे लिए समस्या खड़ी कर देंगे। लेकिन, जब मैंने उनसे बातचीत की और कहा कि आप प्रधानमंत्री की बात मानिये वर्ना इतिहास में लिखा जाएगा कि मुलायम सिंह की हठ के कारण बातचीत का रास्ता नहीं खुल पाया। कुछ देर के बाद उन्होंने मेरी बात मान ली और साधुओं को छोड़ दिया। इस बात की सूचना टेलीफोन पर प्रधानमंत्री जी को स्वयं दे दी, लेकिन मुलायम सिंह का अंदेशा सही निकला। सब साधु अंडरग्राउंड हो गए और गोलीकांड की भूमिका तैयार कर दी।
समाजवाद का मानना है कि धर्म को राजनीति से दूर रखना चाहिए और ये बात सिर्फ मुलायम सिंह ही नहीं, लोहिया जी, गांधी जी स्वयं कहा करते थे।
(इन पंक्तियों के लेखक उदय प्रताप सिंह जाने माने साहित्यकार, पूर्व सांसद व देश के प्रसिद्ध समाजवादी नेता हैं।)