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Discovery of Radium : आज के ही दिन विज्ञान जगत को प्रयोगशाला में मिला था चमकने वाला अनोखा तत्व

Discovery of Radium

वर्ष 1902 में आज के ही दिन यानी 21 दिसंबर को विज्ञान जगत को एक नायाब तोहफा मिला जो कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज़ भी सम्भव बना सकता था और यह तत्व था रेडियम। रेडियम की खोज (Discovery of Radium) का पूरा श्रेय मैडम मैरी क़्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी को जाता है। रेडियम की खोज ने मैडम क्यूरी को दो नोबल पदक भी दिलाये। यह खोज़ पूरी दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व घटना थी।

आइये जानते हैं रेडियम तत्व की खोज कैसे हुई?

लगभग चार सालों की कड़ी मेहनत के बाद मैरी और पियरे को अपनी प्रयोगशाला में पीचब्लेंड के साफ किये कुछ हिस्से में कुछ चमकते हुए टुकड़े दिखायी पड़े जिसका परमाणु भार 226 था। जब इस मूल तत्व की उन्होंने जांच की तब उन्होंने पाया कि रेडियम के केंद्र में ढेर सारे न्यूट्रॉन और प्रोटान उपस्थित थे। पूरे विश्व भर में Discovery of Radium ने हलचल पैदा कर दी थी किन्तु फ्रांस देश में मैरी और पियरे को उनकी इस नायाब खोज के लिए शुरुआती दौर में ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिला था।

उनका जीवन पहले की भांति ही साधारण तरीके से चल रहा था। पियरे पूर्व की भांति ही एक साधारण शिक्षक के पद पर कार्यरत थे और मैरी अभी भी विश्वविद्यालय में जाने के प्रयास में लगी हुई थीं। हालांकि कुछ ही दिनों में हर ओर इसकी चर्चा होने लगी ओर वर्ष 1903 में मैरी और पियरे दोनों को एक साथ नोबल पुरस्कार दिया गया। इसके बाद वर्ष 1911 में भी मैडम मैरी क्यूरी को पुनः इस खोज (Discovery of Radium) के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कैंसर में कैसे सहायक है रेडियम?

कैंसर जैसी असाध्य बीमारी को उस दौर में आसान बनाने का कार्य Discovery of Radium ने ही किया। वैज्ञानिकों के मुताबिक रेडियम तत्व अक्सर अपने क्लोराइड या ब्रोमाइड यौगिक में पाया जाता है और यह दवा में रेडॉन नाम की गैस उत्पन्न करता है जिससे कैंसर के इलाज़ में मदद मिलती है। आज भी इस बीमारी के इलाज में प्रयोग की जाने वाली दवाओं में रेडियम तत्व की उपस्थिति पायी जाती है।

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