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IIT Mumbai : हाईकोर्ट ने खारिज की 18 वर्षीय किशोर की याचिका

IIT Mumbai

HC dismisses 18-year-old boy's plea

मुंबई। बंबई हाईकोर्ट ने तकनीकी गड़बड़ी के कारण संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस्ड का ऑनलाइन प्रपत्र जमा कराने में विफल रहे 18 वर्षीय किशोर को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे संस्थान देश में उत्कृष्ट तकनीकी अध्ययन के केंद्र हैं और इसके लिए छात्रों को खोजने की प्रक्रिया अनुशासन पर आधारित है।

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कोर्ट ने नहीं माना याची का तर्क

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याचिकाकर्ता अथर्व देसाई ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह एक ग्रामीण इलाके में रहता है, जहां बार-बार बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसीलिए वह तय समय सीमा में ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करा पाया। याचिकाकर्ता ने अदालत से यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसके पंजीकरण को स्वीकार किया जाए और उसे चार जून को जेईई-एडवांस्ड की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। आईआईटी के संयुक्त प्रवेश बोर्ड ने इस आधार पर दलील का विरोध किया कि उसके रिकॉर्ड के अनुसार, देसाई ने ऑनलाइन प्रपत्र भरने के लिए निर्धारित समय सीमा के एक दिन बाद पोर्टल पर पहली बार लॉग-इन किया था और इसलिए उसे कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए।

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आईआईटी के तर्क को कोर्ट ने स्वीकार किया

न्यायमूर्ति अभय अहूजा और न्यायमूर्ति मिलिंद साठाये की अवकाशकालीन पीठ ने 24 मई को दिए अपने आदेश में आईआईटी के तर्क को स्वीकार किया। कोर्ट ने कहा कि वह देश के लाखों मेधावी छात्रों के व्यापक हित में संस्थान द्वारा अपनाए गए अनुशासन को भंग नहीं कर सकता। आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई। अदालत ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आईआईटी, एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और अन्य संस्थान भारत में तकनीकी अध्ययन के उत्कृष्ठ केंद्र हैं। इस देश में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को खोजने की प्रक्रिया अनुशासन पर आधारित है और अनुशासन शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। आईआईटी द्वारा जारी सूचना विवरणिका के अनुसार, जेईई-एडवांस्ड के लिए पंजीकरण की समय सीमा 30 अप्रैल से सात मई तक थी।

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उम्मीदवारों को दी गई अवधि पर्याप्त

अदालत ने कहा कि यह इंटरनेट संबंधी गड़बड़ी और विद्युत आपूर्ति की समस्या को देखते हुए भी पंजीकरण करने के लिए सभी उम्मीदवारों को दी गई पर्याप्त लंबी अवधि है। उसने कहा कि देसाई के लॉगिन विवरण के अनुसार, उसने पहली बार आठ मई को पोर्टल पर लॉग इन किया था। वह पोर्टल पर नौ बार सफलतापूर्वक लॉग इन करने में सफल रहा था। पीठ ने कहा कि हम यह समझने में विफल हैं कि याचिकाकर्ता पिछले आठ दिन की उस अवधि में पोर्टल पर लॉग इन क्यों नहीं कर पाया, जब पंजीकरण हो रहा था। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

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नियम सभी अभ्यर्थियों के लिए बाध्यकारी है

कोर्ट ने कहा कि देसाई के इस तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि वह इंटरनेट की गड़बड़ी या बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण निर्धारित समय सीमा में परीक्षा के लिए पंजीकरण नहीं करा पाया। पीठ ने यह भी कहा कि देसाई ने अपनी शिकायत के निवारण के लिए एक बार भी आईआईटी के प्रवेश बोर्ड से संपर्क करने का प्रयास नहीं किया। उसने कहा कि जेईई-एडवांस्ड के परीक्षार्थियों के लिए निर्धारित नियम सभी अभ्यर्थियों के लिए बाध्यकारी हैं और उसने याचिका को खारिज कर दिया।

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