14 मार्च वर्ष 2018 में 76 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह देने वाले महान वैज्ञानिक Stephen Hawking की आज पांचवी पुण्यतिथि पर पूरा विश्व उन्हें और उनकी थ्योरीज़ को याद कर रहा है। वर्ष 1971 में दुनिया को ब्लैक होल जैसे रहस्यमयी पिंड के बारे में जानकारी देने वाले Stephen Hawking ने वर्ष 1974 में अपनी ब्लैक होल थ्योरी भी लोगों के समक्ष रखी। उन्होंने लोगों को यह सिद्ध करके दिखाया कि ब्लैक होल क्वांटम प्रभाव के कारण ही पृथ्वी पर ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। विज्ञान के क्षेत्र में नयी खोज करने और उन्हें सिद्ध करने की योग्यता को देखते हुए कैंब्रिज जैसी विश्व विख्यात यूनिवर्सिटी में मैथ्स के प्रोफेसर के तौर पर भी नियुक्त किया गया था।
Stephen Hawking
हमेशा अपनी किताबों को बेस्ट सेलर की सूची में लाकर रखने वाले स्टीफन हॉकिंग ने अपनी एक पुस्तक “अ ब्रीफ हिस्ट्ररी ऑफ टाइम” में आसान भाषा में बिग बैंग थ्योरी और ब्लैक होल के बारे में जानकारी दी जिसके कारण वे काफी प्रचलित भी हुए। लेकिन इसके विपरीत ही उन्हें इस पुस्तक के कारण बहुत सारे लोगों की आलोचना भी झेलनी पड़ी। इसके पीछे कारण यह था कि स्टीफ़न हॉकिंग ने ईश्वर के अस्तित्व पर टिप्पणी देते हुए कहा कि ब्रह्माण्ड ने ईश्वर जैसी कोई भी चीज नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने पृथ्वी पर बढ़ती हुई आबादी को मानव जीवन के लिए खतरा बताया। उनका कहना था कि अगर लगातार ऐसे ही मानव जनसंख्या बढ़ती रही तो एक दिन पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधन खत्म हो जाएंगे और पृथ्वी एक आग का गोला बन जाएगी। वहीं आज बढ़ते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को भी उन्होंने मानव जाति के लिए किसी खतरे से कम नहीं बताया था।
गंभीर बीमारी ने छीन ली आवाज़
Stephen Hawking की विलक्षण बौद्धिक क्षमता के आगे न्यूरोडीजेनेरेटिव जैसी गंभीर बीमारी ने भी अपने घुटने टेक दिए। उन्होंने व्हील चेयर पर बैठे- बैठे और स्पीच जनरेटिंग उपकरण का प्रयोग करते हुए दुनिया के सामने कई वैज्ञानिक सिद्धांत रखे और उन्हें सत्यापित करके भी दिखाया।