नई दिल्ली: स्टूडेंट्स को टेंशन (UGC Rules) लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब वे एक साथ डिग्री ले सकते है। छात्रों को अब एक ही विश्वविद्यालय से या अलग-अलग संस्थानों से समान करने के बाद स्तर के दो पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ प्रत्यक्ष तरीके से पढ़ाई कर लिया था। उन छात्रों को अनुमति देने का फैसला किया जा चुका है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC Rules) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की है। सरकार ने पहली बार इस तरह का फैसला लिया है। आयोग इस संबंध में जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने जा रहा है और शिक्षण सत्र 2022-23 से छात्रों को यह विकल्प मिलना शुरू हो जाता है।
यूजीसी लंबे वक्त से कर रहा था योजना
कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में जनकारी दिया है कि, ‘‘नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गयी घोषणा मुताबिक और छात्रों को विविध कौशल प्राप्त करने देने के लिए यूजीसी नये दिशानिर्देश लाने की कोशिश करनी चाहिए। जिसमें किसी अभ्यर्थी को एक साथ प्रत्यक्ष तरीके (फिजिकल मोड) से दो डिग्री कार्यक्रम की पढ़ाई करने की अनुमति मिल जाती है। डिग्री कार्यक्रम या तो एक ही विश्वविद्यालय से या अलग-अलग विश्वविद्यालय से करने के बाद फायदा लेते है.’’
2012 में समिति की हुई थी शुरुआत
आयोग (Commission) ने 2012 में भी इस विचार पर अध्ययन को लेकर देख जाए तो समिति बनाई थी और विचार-विमर्श हुआ था लेकिन अंतत: इस विचार को छोड़ा जा चुका है। कुमार ने कहा कि छात्रों द्वारा एक ही समय पर अपनाये गये दो कार्यक्रम एक स्तर का होना जरूरी है। उदाहरण के लिए वे दो स्नातक या दो स्नातकोत्तर (पीजी) या दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक साथ किया जा सकता है।
यूजीसी द्वारा तैयार मसौदा दिशानिर्देशों के अनुसार बात करे तो छात्र तीन तरीके से दो पूर्णकालिक डिग्री पाठ्यक्रम कर फायदा ले सकते है। पहला तो वे प्रत्यक्ष तरीके से दोनों अकादमिक कार्यक्रमों में पढ़ाई कर फायदा ले सकते बशर्ते दोनों कार्यक्रमों का समय एक दूसरे के आड़े नहीं आना चाहिए। दूसरे तरीके में वे एक कार्यक्रम प्रत्यक्ष तरीके वाले और दूसरा ऑनलाइन या दूरस्थ प्रकार से करने के बाद फायदा ले सकते है।