Noida : नोएडा । एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस (Amity Institute of Rehabilitation Sciences) द्वारा एशिया फैसफिक डाउन सिंड्रोम फेडेरेशन (Asia Pacific Down Syndrome Federation) के सहयोग से ‘डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के स्वतंत्र जीवन के लिए शिक्षा और सहायता सेवाओं के सर्वोत्तम अभ्यास’ पर दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन के समापन समारोह में डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन ऑफ मंगोलिया के चेयरमैन गैनजोरिग वानचिग, एमिटी लॉ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, एमिटी फांउडेशन फॉर डेवलपमेंट डिस्एबिलिटीस के प्रमुख डा एस के श्रीवास्तव और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस की निदेशक डा जंयती पुजारी ने अपने विचार रखे। समापन समारोह में डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन ऑफ मंगोलिया के चेयरमैन गैनजोरिग वानचिग ने संबोधित करते हुए कहा कि डाउन सिंड्रोंम वाले व्यक्तियों के लिए हमें विकलांग शब्द की बजाय अलग क्षमता के व्यक्ति शब्द का प्रयोग करना चाहिए। प्रकृति ने हर मनुष्य का निर्माण विशेष क्षमता के साथ किया है जो उन्हे अन्य लोगों से अनूठा बनाती है इसलिए एक दूसरे को भिन्नताओं के साथ अपनाए। बदलते समाजिक परिवर्तन में डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों का समावेश आवश्यक है।
एमिटी लॉ स्कूल नोएडा (Amity Law School Noida) के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय (Chairman Dr DK Bandyopadhyay) ने कहा कि एमिटी सदैव शिक्षण गुणवत्ता, शोध को प्रोत्साहित करने के साथ हर वर्ग के प्रति अपनी समाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस के अंर्तगत हम विशेष बच्चों के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करते है। छात्रों को हम प्रबंधक की बजाय नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करते है।
एमिटी फांउडेशन फॉर डेवलपमेंट डिस्एबिलिटीस के प्रमुख डा एस के श्रीवास्तव (Dr SK Srivastava, Head, Amity Foundation for Development Disabilities) ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन हमारे ज्ञान का विकास करते है और हम अपने विचारों से इसमें सहयोग भी करते है। हमें डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के शिक्षा के अधिकार, स्वतंत्र जीवन का समर्थन करना चाहिए।