Wednesday, 21 May 2025

कैसे एक हड़ताल ने बदल दी दुनिया? जानिए विश्व मजदूर दिवस का असली इतिहास

World Labour Day: हर साल 1 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस’ या ‘मई दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।…

कैसे एक हड़ताल ने बदल दी दुनिया? जानिए विश्व मजदूर दिवस का असली इतिहास

World Labour Day: हर साल 1 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस’ या ‘मई दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन श्रमिकों के अधिकारों, संघर्षों और योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। इसकी शुरुआत एक ऐतिहासिक हड़ताल से हुई थी, जिसने दुनिया भर में श्रमिक आंदोलनों की दिशा बदल दी।

मजदूर दिवस का इतिहास: 1886 की शिकागो हड़ताल और हेमार्केट घटना

1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने 8 घंटे कार्यदिवस की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया। 1 मई को लगभग 80,000 मजदूरों ने ‘8 घंटे काम, 8 घंटे आराम, 8 घंटे मनोरंजन’ के नारे के साथ मार्च निकाला। इस आंदोलन में देशभर से लगभग 3,50,000 मजदूरों ने भाग लिया।

4 मई को शिकागो के हेमार्केट स्क्वायर में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने बम फेंका, जिससे 7 पुलिसकर्मी और 4 नागरिक मारे गए। इस घटना के बाद कई मजदूर नेताओं को गिरफ्तार किया गया और उनमें से चार को फांसी दी गई। इस घटना को ‘हेमार्केट नरसंहार’ के नाम से जाना जाता है और यह मजदूर आंदोलन का एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया।

World Labour Day: 1 मई को ही क्यों चुना गया?

1889 में पेरिस में आयोजित ‘द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय’ सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि हेमार्केट घटना में मारे गए मजदूरों को श्रद्धांजलि दी जा सके और 8 घंटे कार्यदिवस की मांग को वैश्विक स्तर पर उठाया जा सके। तब से, यह दिन दुनिया भर में श्रमिकों के संघर्ष और अधिकारों की याद में मनाया जाता है।

भारत में कब ही मजदूर दिवस की शुरुआत, जाने महत्व

भारत में पहली बार मजदूर दिवस 1 मई 1923 को चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में मनाया गया। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान के नेता सिंगरावेलू चेट्यार ने इसकी शुरुआत की। इस दिन को ‘लेबर डे’ के रूप में मान्यता दी गई और तब से यह भारत में भी श्रमिकों के अधिकारों और योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

World Labour Day: 2025 की थीम:

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) हर साल मजदूर दिवस के लिए एक थीम निर्धारित करता है। 2025 की थीम है: “सामाजिक न्याय और सभी के लिए गरिमापूर्ण कार्य”।

इस थीम का महत्व:

समान अवसर: सभी श्रमिकों को बिना किसी भेदभाव के समान अवसर प्रदान करना।

न्यायपूर्ण वेतन: श्रमिकों को उनके कार्य के अनुसार उचित वेतन सुनिश्चित करना।

सुरक्षित कार्यस्थल: श्रमिकों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण प्रदान करना।

सामाजिक सुरक्षा: श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देना।

यह थीम विशेष रूप से उन श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण है जो असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं और जिन्हें अक्सर उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है।

मजदूर दिवस केवल एक अवकाश नहीं है, बल्कि यह श्रमिकों के संघर्षों, बलिदानों और उपलब्धियों की याद दिलाता है। 1886 की शिकागो हड़ताल और हेमार्केट घटना ने दुनिया भर में श्रमिक आंदोलनों को प्रेरित किया और आज भी यह दिन हमें श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और उनके सम्मान की आवश्यकता की याद दिलाता है। 2025 की थीम ‘सामाजिक न्याय और सभी के लिए गरिमापूर्ण कार्य’ हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने समाज में श्रमिकों के लिए कितनी समानता और न्याय सुनिश्चित कर पा रहे हैं।

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