Stock Market: बाजार में गिरावट के साथ शुरू हुआ कारोबार, सेंसेक्स 340 अंक लुढ़का

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calendar02 Dec 2025 12:08 AM
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Stock Market: दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट का असर मंगलवार को घरेलू बाजार पर होना शुरू हो गया था। BSE Sensex 340.88 अंक यानी 0.55 फीसदी की गिरावट के बाद 61,465.31 अंक के स्तर पर कारोबार जारी थे। इसी तरह NSE Nifty पर 104.10 अंक यानी 0.57 अंक की गिरावट करने के बाद 18,316.35 अंक के स्तर पर कारोबार जारी था। NSE Nifty पर शुरुआती कारोबार के दौरान मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के शेयरों में सबसे ज्यादा 1.49 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार हो गया था। इसके अलावा डॉक्टर रेड्डीज (Dr Reddy's), हिंडाल्को (Hindalco), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) और एसबीआई लाइफ (SBI Life) के शेयरों में लाल निशान के साथ कारोबार हुआ।

इन शेयरों में हुई उछाल

निफ्टी पर अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के शेयरों में सबसे ज्यादा 1.16 फीसदी के उछाल के साथ कारोबार हो रहा था। इसी तरह एक्सिस बैंक (Axis Bank), एसबीआई (SBI) और हीरो मोटोकॉर्प (Hero Motocorp) के शेयरों में बढ़त के साथ ट्रेडिंग हो रही थी।

एशियाई शेयर बाजार लुढ़के

मंगलवार को अधिकतर एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट का रुख देखा गया। इसकी वजह ये है कि निवेशक चीन में कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों को वापस लिए जाने में कई तरह की दिक्कतों की उम्मीद है। वहीं, उनमें इस बात को लेकर भी चिंता है कि अमेरिका में ब्याज दरों में 2023 में वृद्धि देखी गई।
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Banking News: इक्रा ने बैंकिंग क्षेत्र का परिदृश्य ‘सकारात्मक’ किया

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calendar01 Dec 2025 11:15 AM
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Banking News: मुंबई। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बैंकिग क्षेत्र के परिदृश्य को सोमवार को ‘सकारात्मक’ कर दिया। संपत्ति वृद्धि अच्छी रहने, संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और पूंजी बफर मजबूत होने के मद्देनजर परिदृश्य में सुधार किया गया है।

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एजेंसी ने कहा कि 2023-24 के अंत तक सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिहाज से परिसंपत्ति की गुणवत्ता चार प्रतिशत पर पहुंच जाएगी जो एक दशक का सर्वश्रेष्ठ स्तर होगा। 2022-23 में बैंकिंग प्रणाली में कर्ज वृद्धि 15.2-16.1 प्रतिशत रहेगी, लेकिन 2023-24 में यह धीमी पड़कर 11-11.6 प्रतिशत पर आ जाएगी। कर्ज वृद्धि में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकारी बैंकों की होगी। निजी क्षेत्र के बैंकों की बाजार हिस्सेदारी नरम पड़ेगी। एजेंसी का अनुमान है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज वृद्धि 2022-23 में 13.4-14.1 प्रतिशत, 2023-24 में 9.5-10.1 प्रतिशत रहेगी। वहीं निजी क्षेत्रों के बैंकों के लिए यह क्रमश: 14.5-15.5 प्रतिशत और 12.6-13.5 प्रतिशत रहेगी। एजेंसी के उपाध्यक्ष अक्षय चौकसे ने संवाददाताओं को बताया कि परिसंपत्ति गुणवत्ता के नजरिये से देखा जाए तो सकल गैर निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) कम होकर चार प्रतिशत पर और शुद्ध एनपीए एक प्रतिशत से नीचे आ जाएगा। प्रणाली का जीएनपीए 2021-22 में छह प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 1.7 प्रतिशत था। इक्रा ने कहा कि 2023-24 के अंत तक सरकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए घटकर 1.3-1.6 प्रतिशत और निजी बैंकों का 0.8-0.9 प्रतिशत रह जाएगा। पूंजी पर्याप्तता पर एजेंसी ने कहा कि 2023-24 में 10-12 प्रतिशत की परिसंपत्ति वृद्धि हासिल करने के लिए बड़े कोष को लगाने की जरूरत नहीं होगी। एजेंसी ने कहा कि बैंक अच्छी लाभप्रदता के जरिये अपनी वृद्धि के लिए पूंजी खुद बनाएंगे और सरकार को इन्हें चलाने के लिए धन देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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Business News : पांच साल में 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाता में डाला गया : सरकार

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calendar19 Dec 2022 11:17 PM
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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि पिछले पांच वित्त वर्षों में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को बट्टे खाते में डाला और इन ऋणधारकों से वसूली की प्रक्रिया जारी है। गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) वाले खातों से वसूली और बट्टे खाते में डालना एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है।

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वित्त मंत्री ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्ष में 4,80,111 करोड़ रुपये की वसूली की, जिनमें बट्टे खाते में डाले गए 1,03,045 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है।

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सदन में प्रश्नकाल के दौरान सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक से मिली सूचना के मुताबिक, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने पिछले पांच वर्षों में 10,09,511 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले हैं। उन्होंने कहा कि कर्ज को बट्टे खाते में डालने से ऋणधारकों को फायदा नहीं मिलता है और वसूली की प्रक्रिया जारी रहती है।