नोएडा में अपराध का बढ़ता ग्राफ, बदमाश बेखौफ कर रहे है लूटपाट

Noida News 9
Noida News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 09:47 PM
bookmark
Noida News : नोएडा में बाइक सवार लुटेरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। वे रोज लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। हाल ही में, थाना सेक्टर-49 और सेक्टर-113 क्षेत्र में लुटेरों ने मोबाइल और सोने की चेन लूट ली, जिसकी शिकायत पीड़ितों ने पुलिस से की है। घटना 19 अक्तूबर की है, लेकिन पुलिस ने 6 दिन बाद केस दर्ज कर जांच शुरू की है।

युवक के गले से झपटी सोने की चेन (Noida News)

नोएडा के सेक्टर-49 अंजनी होम्स निवासी उत्कर्ष भार्गव ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह अपनी पत्नी पूजा शर्मा के साथ 19 अक्टूबर को सेक्टर-76 के सब्जी मंडी तिराहे के पास कुछ सामान खरीद रहा था। इस दौरान काले रंग की यामाहा बाइक पर आए दो बदमाशों ने उसके गले से सोने की चेन झपट ली। उसने शोर मचाकर बदमाशों को पकडऩे का प्रयास किया लेकिन वह फरार हो गए। उत्कर्ष के मुताबिक यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है।

बदमाशों ने युवक से की लूटपाट (Noida News)

नोएडा के सेक्टर-78 स्थित अंतरिक्ष गोल्फ व्यू सोसायटी में शिवांशु भसीन परिवार के साथ रहता हैं। वह 19 अक्टूबर की रात करीब साढ़े 9 बजे सोसायटी की मार्केट के सामने से गुजर रहा था। तभी अचानक से बाइक पर आए दो बदमाशों ने उसका मोबाइल छीना और फरार हो गए। पीड़ित की शिकायत पर थाना सेक्टर-113 पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस ने दी जानकारी

पुलिस इस मामले में आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस के अनुसार, शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही आरपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

नोएडा के विभिन्न क्षेत्रों से कई लोग लापता, मुकदमा दर्ज

ग्रेटर नोएडा – नोएडाकीखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएचेतनामंचसेजुड़ेरहें। देशदुनियाकीलेटेस्टखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएहमेंफेसबुकपरलाइककरेंयाट्विटरपरफॉलोकरें।
अगली खबर पढ़ें

नोएडा में अपराध का बढ़ता ग्राफ, बदमाश बेखौफ कर रहे है लूटपाट

Noida News 9
Noida News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 09:47 PM
bookmark
Noida News : नोएडा में बाइक सवार लुटेरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। वे रोज लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। हाल ही में, थाना सेक्टर-49 और सेक्टर-113 क्षेत्र में लुटेरों ने मोबाइल और सोने की चेन लूट ली, जिसकी शिकायत पीड़ितों ने पुलिस से की है। घटना 19 अक्तूबर की है, लेकिन पुलिस ने 6 दिन बाद केस दर्ज कर जांच शुरू की है।

युवक के गले से झपटी सोने की चेन (Noida News)

नोएडा के सेक्टर-49 अंजनी होम्स निवासी उत्कर्ष भार्गव ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह अपनी पत्नी पूजा शर्मा के साथ 19 अक्टूबर को सेक्टर-76 के सब्जी मंडी तिराहे के पास कुछ सामान खरीद रहा था। इस दौरान काले रंग की यामाहा बाइक पर आए दो बदमाशों ने उसके गले से सोने की चेन झपट ली। उसने शोर मचाकर बदमाशों को पकडऩे का प्रयास किया लेकिन वह फरार हो गए। उत्कर्ष के मुताबिक यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है।

बदमाशों ने युवक से की लूटपाट (Noida News)

नोएडा के सेक्टर-78 स्थित अंतरिक्ष गोल्फ व्यू सोसायटी में शिवांशु भसीन परिवार के साथ रहता हैं। वह 19 अक्टूबर की रात करीब साढ़े 9 बजे सोसायटी की मार्केट के सामने से गुजर रहा था। तभी अचानक से बाइक पर आए दो बदमाशों ने उसका मोबाइल छीना और फरार हो गए। पीड़ित की शिकायत पर थाना सेक्टर-113 पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस ने दी जानकारी

पुलिस इस मामले में आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस के अनुसार, शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही आरपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

नोएडा के विभिन्न क्षेत्रों से कई लोग लापता, मुकदमा दर्ज

ग्रेटर नोएडा – नोएडाकीखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएचेतनामंचसेजुड़ेरहें। देशदुनियाकीलेटेस्टखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएहमेंफेसबुकपरलाइककरेंयाट्विटरपरफॉलोकरें।
अगली खबर पढ़ें

बादशाह होते हुए भी कब्र का ठिकाना नहीं, बादशाही के बावजूद आखिर क्यों जिल्लत भरी मौत?

Bahadur Shah Zafar
Bahadur Shah Zafar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:23 AM
bookmark
Bahadur Shah Zafar: तकरीबन तीन सौ बागी सिपाही 11 मई 1857 को लाल किले में दाखिल हो चुके थे। उनमें से एक ने शाही ख्वाजासरा महबूब अली खां पर पिस्तौल तानते हुए अनाज की मांग की। महबूब अली ने जवाब दिया, "हमारे पास देने को कुछ नहीं है। खुद बादशाह सलामत भिखारी जैसी हालत में जी रहे हैं। अस्तबल के घोड़ों के लिए एक महीने का राशन है, चाहो तो उसे ले लो। लेकिन वो कब तक चलेगा?" बादशाह बहादुर शाह ज़फर अभी तक बागियों से मिलने नहीं आए थे। सिपाहियों का धैर्य टूट रहा था, और उन्होंने दीवाने-खास के सामने फायरिंग शुरू कर दी। वे चाहते थे कि बादशाह खुद उनकी अगुवाई करें। आखिरकार ज़फर बाहर आए और उन्हें वापस जाने को कहा, लेकिन बागी टस से मस नहीं हुए। ज़फर ने दुखी होकर कहा, “एक बूढ़े आदमी के साथ इतनी बेइज्जती क्यों की जा रही है? मेरी जिंदगी का सूरज ढल चुका है। न मेरे पास फौज है, न हथियार, और न ही खजाना। मैं तुम्हारी कैसे मदद कर सकता हूं?” बागियों ने जवाब दिया, "हम देश से लगान वसूल कर आपका खजाना भर देंगे।" सच तो ये था कि ज़फर के पास न तो अंग्रेजों से लड़ने की ताकत थी और न ही किले में घुसे बागियों को निकालने की।

शुरुआती संघर्ष और अंग्रेजों की बढ़त

शुरुआत में बागी अंग्रेजी फौज के लिए चुनौती बने रहे, लेकिन सितंबर 1857 तक हालात बदलने लगे। बागियों के पास राशन और हथियारों की कमी थी। अंग्रेजी फौज ने धीरे-धीरे दबदबा बना लिया। ज़फर ने शुरुआत में ही अपनी कमजोर आर्थिक हालत बयान कर दी थी, लेकिन अब अगुवाई की जिम्मेदारी उन पर थी। उन्होंने कहा, "घोड़ों का साजो-सामान और चांदी की कुर्सी बेच दी जाए ताकि कुछ पैसे जुटाए जा सकें। हमारे पास और कुछ नहीं बचा है।"

82 साल के ज़फर की लड़ाई

82 साल के बीमार ज़फर से उम्मीदें बहुत अधिक थीं। अंग्रेजों के बढ़ते दबाव के बीच उनसे कहा गया कि वे जवाबी हमले की अगुवाई करें। उन्हें समझाया गया कि कैद होने से अच्छा है लड़ते हुए कुर्बानी देना। आखिरकार 14 सितंबर 1857 को उन्होंने किले से बाहर निकलने का फैसला किया। उनकी पालकी बाहर निकली तो सिपाही उत्साहित हो गए, लेकिन अंग्रेजी तोपखाने की गोलाबारी से आगे बढ़ना मुश्किल था। हकीम अहसनुल्लाह ने उन्हें आगाह किया कि आसपास अंग्रेजी सिपाही मौजूद हैं। ज़फर ने नमाज का बहाना बनाकर लौटने का फैसला किया।

लालकिले में ज़फर की आखिरी रात

16 सितंबर की रात ज़फर ने आखिरी बार लालकिले में बादशाह के तौर पर गुजारी। 17 सितंबर की सुबह वे कुछ खिदमतगारों और शाही जेवरात के साथ किले से निकले। वे यमुना पार करके निजामुद्दीन की दरगाह पहुंचे और वहां पर पैगंबर की दाढ़ी के तीन बाल समेत तैमूर खानदान की पवित्र चीजें सौंप दीं। ज़फर ने दरगाह पर दुआ मांगी और फूट-फूट कर रोए। Bahadur Shah Zafar

आगे लड़ने से इनकार

दरगाह से निकलने के बाद ज़फर ने हुमायूं के मकबरे में शरण ली। 20 सितंबर की रात जनरल बख्त खान ने उनसे लखनऊ चलकर लड़ाई जारी रखने का आग्रह किया, लेकिन हकीम अहसनुल्लाह ने ज़फर को समझाया कि अंग्रेज उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। ज़फर ने मकबरे में ही रुकना बेहतर समझा।

अंग्रेजों के सामने समर्पण

21 सितंबर को अंग्रेज अफसर विलियम होडसन ने ज़फर को समर्पण का संदेश भेजा। कुछ देर बाद ज़फर की पालकी हुमायूं के मकबरे से बाहर आई। ज़फर ने विलियम होडसन से अपनी जान बख्शने की गारंटी मांगी। होडसन ने उनकी जान सलामत रहने की बात कही, लेकिन अपने सैनिकों को आदेश दिया कि कोई भी हिले तो गोली मार दी जाए। Bahadur Shah Zafar

जिल्लत भरी जिंदगी

ज़फर की जान तो बच गई, लेकिन उनकी जिंदगी बेहद जिल्लत भरी हो गई। अंग्रेजों की कैद में रहते हुए उन्हें अपमानित किया गया। लालकिले में कैद के दौरान उन्हें अंग्रेज अफसरों के सामने खड़े होकर सलाम करना पड़ता था। एक अंग्रेज सिपाही ने अपने पत्र में लिखा, "मैंने उस बूढ़े बादशाह को देखा, वह एक मामूली खिदमतगार जैसा लग रहा था।" ज़फर की जिंदगी की दुर्दशा यहीं खत्म नहीं हुई। उन्हें वतन से दूर रंगून भेज दिया गया, जहां उनकी बाकी जिंदगी गुरबत और तन्हाई में गुजरी।

भारत सरकार का बड़ा फैसला करेगा बहुत बड़ा कमाल, आकाश में गाड़ेगा झंडा

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। 
देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।