नि:संकोच : भव्य होते मृत्युभोज!

WhatsApp Image 2021 11 13 at 10.02.47 AM
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Nov 2021 04:48 AM
bookmark

विनय संकोची

राजस्थान में 'मौसर' बोले तो मृत्युभोज के नाम पर धन का अपव्यय कर के तमाम लोग कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं। बहुत से गरीब लोग मृत्यु भोज के लिए महाजन से पैसा उधार लेते हैं और पूरी जिंदगी उसे चुकाते-चुकाते मर जाते हैं। अनेक महान संतों ने इस कुप्रथा को समाप्त करने का प्रयास किया, परिणाम भी सामने आए लेकिन 'मौसर' पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।

मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि आने वाले दिनों में हमारे यहां भी किसी या किन्हीं समाजसेवियों को दिखावे और भव्यता की ओर बढ़ती तेरहवीं (मृत्युभोज) के विरोध में आवाज उठाने की जरूरत पड़ने वाली है। मैं और मेरी पीढ़ी के लोग कम से कम पांच छह दशक से तेरहवीं के स्वरूप को बदलते हुए देखते आ रहे हैं। सबसे ज्यादा परिवर्तन पिछले एक दशक से देखने को मिल रहा है।

'तेरहवीं' घर के आंगन , घर के आगे की गली या आसपास की छोटी-बड़ी धर्मशालाओं अथवा पार्कों से निकलकर महंगे फार्म हाउसों और बैंक्वेट हालों तक पहुंच गई है। अब यह आयोजन सस्ता नहीं रहा है। 'उसका कुर्ता मेरे कुर्ते से सफेद कैसे' की तर्ज पर तेरहवीं भी वैभव प्रदर्शन का मामला बन गई है। मेरी बात बुरी नहीं लगनी चाहिए तेरहवीं श्रद्धा से ज्यादा दिखावे की पटरी पर दौड़ रही है। बैंक्विट हॉल सजाए जाने लगे हैं। काशीफल, आलू, रायते और पूरी, लड्डू की जगह अब मटर पनीर, दमआलू, शाही पनीर और भांति-भांति की कचौरियों और मिठाई-पकवानों ने ले ली है। बड़े आदमी द्वारा किए जाने वाले भव्य मृत्यु भोज मध्यमवर्गीय लोगों को कुंठित करते हैं, क्योंकि उन्हें इन आयोजनों का हिस्सा बनना पड़ता है और जब उनकी बारी आती है तो वह धन के अभाव में तेरहवीं को भव्य नहीं बना पाते हैं। बड़ों को बुलाना है, तो पैसा चाहिए, पैसा होता नहीं तो कर्ज़ लेता है और कर्ज उस पर बोझ बन जाता है। उस बोझ से उसके कंधे झुक जाते हैं। तेरह ब्राह्मणों को जमीन पर बिठाकर जिमाया जाता है, जबकि शोक प्रकट करने वालों को सफेद मेजपोश वाली मेजों पर बिठाने की व्यवस्था करनी पड़ती है।

अब तो तेरहवीं में भाषण बाजी भी खूब होती है। भाषण देने वालों में वे लोग भी होते हैं, जो मरने वालों से कभी मिले नहीं होते। अंदर भाषण देकर बाहर निकल कर मरने वाले को बुरा भला कहने वाले भी खूब देखे जाते हैं। शोक संदेश के लिफाफे भी खूब-खूब आते हैं, जिन्हें पढ़ा जाना समय की बर्बादी है, क्योंकि मरने वाले के परिजनों के लिए वे संदेश होते हैं न कि उपस्थित समुदाय को यह जताने के लिए कि हम भी दु:खी हैं। मरने वाले के फोटो के सामने फूल की पंखुड़ी चढ़ाने वाले इस बात के प्रति ज्यादा सजग रहते हैं कि अखबार वाले फोटोग्राफर ने उनका फोटो लिया या नहीं। अब तो कंप्यूटर वालों के पास रेडीमेड शोक संदेश उपलब्ध रहते हैं। बस नाम आदि चेंज करा लो नीचे अपना नाम लिखवा लो, शोक संदेश तैयार। क्या मौसर बोले तो मृत्युभोज को बहुत सात्विक और सादगी भरा नहीं होना चाहिए?

अगली खबर पढ़ें

Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:06 PM
bookmark

Sanskrit : त्वं ह्यग्ने प्रथमो मनोतास्या धियो अभवो दस्म होता। त्वं सीं वृषन्नकृणोर्दुष्टरीतु सहो विश्वस्मै सहसे सहध्यै॥ ऋग्वेद ६-१-१॥

Hindi : हे प्रबुद्ध विद्वान जन! आप अग्नि के सदृश्य तेजस्वी हैं। आप अग्रणी हैं। आप वायु के समान तीव्र हैं। आप दुखों को का नाश करने वाले हैं। आप दूसरों की बुद्धि में वृद्धि करके प्रसन्न होते हैं। आप हमें ऐसी अचूक शक्ति प्रदान करें जिसको कोई दूसरा ना रोक सके। जिससे हम पापवृत्तियों पर विजय प्राप्त कर सकें। (ऋग्वेद ६-१-१) #vedgsawana

English : O enlightened scholars! You are as brilliant as fire. You are the leader. You are as fast as the wind. You are the destroyer of sorrows. You take pleasure in increasing the intelligence of others. You give us such infallible power that no one else can resist it, and then we can get victory over sinful tendencies. (Rig Veda 6-1-1) #vedgsawana

अगली खबर पढ़ें

शेयर बाजार में गिरावट के बाद हुई उछाल, सेंसेक्स 767 अंक बढ़कर हुआ बंद

Share market 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:38 AM
bookmark

मुंबई: शेयर बाजार (SHARE MARKET) में तीन दिनों से गिरावट देखने को मिली है। बीएसई (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 767.00 अंक या (1.28%) चढ़ने के बाद 60,686.69 के लेवल पर बंद हो चुका है। वहीं एनएसई (NSE) का निफ्टी 229.15 या 1.28% की तेजी के बाद 18,102.75 पर बंद हो गया है। बाजार में सबसे अधिक खरीदारी आईटी स्टॉक्स में हुई है। टेक महिंद्रा का शेयर 4.06% बढ़ोतरी होने के बाद 1583.70 पर बन्द हो गया है।

बीएसई की बात करें तो का मिडकैप इंडेक्स 149.71 या 0.57% की बढ़ोतरी करने के बाद 26,368.78 पर बंद हो गया है। वहीं स्मालकैप इंडेक्स 73.14 या 0.25% चढ़कर 29,232.53 के लेवल पर बंद हुआ।

निफ्टी पीएसयू बैंक और निफ्टी मीडिया इंडेक्स को छोड़कर बाकी सभी इंडेक्स हरे निशान में बंद हो चुके हैं। सबसे ज्यादा तेजी निफ्टी आईटी इंडेक्स में देखने को मिली। निफ्टी का आईटी इंडेक्स 2.10% की तेजी के साथ बंद हुआ। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 1.65% की तेजी हो गई है। वहीं फाइनेंशियल सर्विस इंडेक्स में 1.08% और निफ्टी मेटल इंडेक्स में 0.84% चढ़ गया है।