Shardiya Navratri 2022 माँ का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी, करती है संयम प्रदान

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Shardiya Navratri 2022
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calendar01 Dec 2025 07:55 AM
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Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां का ये रूप बेहद ही शांत, सौम्य और मोहक है। मां के इस रूप का पूजन करने से व्यक्ति को तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम जैसे गुणों की प्राप्ति होती है जो उसको जीवन में आगे ले जाने में मदद करते हैं।

Shardiya Navratri 2022

मां के दूसरे स्वरूप की कथा माँ दुर्गा की नवशक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। यहाँ ब्रह्म शब्द का अर्थ तपस्या है। ब्रह्मचारिणी अर्थात तप की चारिणी-तप का आचरण करने वाली। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल है। अपने पूर्व जन्म में जब ये हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं, तब नारद के उपदेश से इन्होंने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी। इसी दुष्कर तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया। इन्होंने एक हज़ार वर्ष तक केवल फल खाकर व्यतीत किए और सौ वर्ष तक केवल शाक पर निर्भर रहीं। उपवास के समय खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के विकट कष्ट सहे, इसके बाद में केवल ज़मीन पर टूट कर गिरे बेलपत्रों को खाकर तीन हज़ार वर्ष तक भगवान शंकर की आराधना करती रहीं। कई हज़ार वर्षों तक वह निर्जल और निराहार रह कर व्रत करती रहीं।

पत्तों को भी छोड़ देने के कारण उनका नाम अपर्णा भी पड़ा। इस कठिन तपस्या के कारण ब्रह्मचारिणी देवी का पूर्वजन्म का शरीर एकदम क्षीण हो गया था। उनकी यह दशा देखकर उनकी माता मैना देवी अत्यन्त दुखी हो गयीं। उन्होंने उस कठिन तपस्या विरत करने के लिए उन्हें आवाज़ दी उमा, अरे नहीं। तब से देवी ब्रह्मचारिणी का पूर्वजन्म का एक नाम श्उमाश् पड़ गया था। उनकी इस तपस्या से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया था। देवता, ॠषि, सिद्धगण, मुनि सभी ब्रह्मचारिणी देवी की इस तपस्या को अभूतपूर्व पुण्यकृत्य बताते हुए उनकी सराहना करने लगे। अन्त में पितामह ब्रह्मा जी ने आकाशवाणी के द्वारा उन्हें सम्बोधित करते हुए प्रसन्न स्वरों में कहा- श्हे देवी । आज तक किसी ने इस प्रकार की ऐसी कठोर तपस्या नहीं की थी। तुम्हारी मनोकामना सर्वतोभावेन पूर्ण होगी। भगवान चन्द्रमौलि शिव जी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे। अब तुम तपस्या से विरत होकर घर लौट जाओ।श्

माँ दुर्गा का यह दूसरा स्वरूप भक्तों को अनन्त फल देने वाला है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम की वृद्धि होती है। सर्वत्र सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन इन्हीं के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन स्वाधिष्ठान चक्र में होता है। इस चक्र में अवस्थित मन वाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्त्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता। माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।

ध्यान वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखराम्। जपमाला कमण्डलु धरा ब्रह्मचारिणी शुभाम्॥ गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गां त्रिनेत्राम। धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥ परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन। पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

स्तोत्र पाठ तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्। ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥ शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी। शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

कवच त्रिपुरा में हृदयं पातु ललाटे पातु शंकरभामिनी। अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥ पंचदशी कण्ठे पातु मध्यदेशे पातु महेश्वरी॥ षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो। अंग प्रत्यंग सतत पातु ब्रह्मचारिणी।

यह प्रार्थना अवश्य करें हे जगतजननी, करूणामयी, आनंद व स्नेहीमयी आपकी सदा जय हो। हे अम्बे, पंखहीन पक्षी और भूख से पीड़ित बच्चे जिस प्रकार अपनी मां की राह देखते हैं, उसी प्रकार मैं आपकी दया की प्रतिक्षा कर रहा हूं। हे अमृतमयी मां आप शीघ्र ही आकर मुझे दर्शन दें। मैं आपका रहस्य जान सकूं, ऐसी बुद्धि मुझे प्रदान करें।

क्षमा मांगे पाठ पूर्ण करने पर मां को मौसमी फल, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं और आरती अवश्य करें। आरती करने के बाद अपने दोनों कान पकड़ मां से क्षमा याचना करें। बोले, परमेश्वरी मेरे द्वारा दिन रात सहस्त्रों अपराध होते रहते हैं। यह मेरा दास है, ऐसा जानकर मेरे उन अपराधों को आप कृपा पूर्वक क्षमा करो। परेमश्वरी, मैं आह्वान नहीं जानता, विसर्जन करना नहीं जानता तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता। मुझे क्षमा करो। देवी सुरेश्वरी, मैंने जो मंत्रहीन, क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी दया से पूर्ण हो। मैं आपकी दया का पात्र हूं, जैसा चाहे, वैसा करो। देवी परमेश्वरी, अज्ञानता से अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो, वह सब क्षमा करो और प्रसन्न हों। सच्चिदानंद स्वरूपा परमेश्वरी, जगत्माता, आप प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझ पर प्रसन्न रहो।

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Bigg Boss 16- नागिन फेम एक्ट्रेस सुरभि ज्योति होंगी इस साल की सबसे महंगी कंटेस्टेंट

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calendar27 Sep 2022 05:42 PM
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Bigg Boss 16- टेलीविजन जगत का बेहद पॉपुलर और कॉन्ट्रोवर्सिल रियलिटी शो बिग बॉस का 16वां सीजन अक्टूबर के पहले सप्ताह में ऑन एयर होने जा रहा है। इस सीजन के लिए कई बड़े सेलिब्रिटीज को अप्रोच किया गया था। इस बार मेकर्स बिग बॉस में कई सारे बड़े बदलाव लेकर आ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार टेलीविजन जगत के कई पॉपुलर और चर्चित चेहरों को शो का हिस्सा बनाने का प्रयास किया गया है। इसी में से एक नाम है 'कुबूल है' और 'नागिन' जैसे टीवी सीरियल्स के जरिए टेलीविजन इंडस्ट्री में पॉपुलैरिटी हासिल करने वाली अभिनेत्री सुरभि ज्योति का। सुरभि ज्योति टेलीविजन के अलावा फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। इसके साथ ही वेब सीरीज में भी इन्होंने अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा है। अब सुरभि टेलीविजन जगत के सबसे पॉपुलर रियलिटी शो बिग बॉस का हिस्सा बनने जा रही हैं। सुरभि ज्योति (Surabhi Jyoti) इस सीजन की पहली कंफर्म कंटेस्टेंट बन गई है। यह भी खबर सामने आ रही है कि सुरभी ज्योति इस सीजन (Surabhi Jyoti in Bigg Boss 16) की सबसे हाईएस्ट पेड कंटेस्टेंट होंगी। सुरभि ज्योति के अलावा जाने-माने टीवी अभिनेता शिविन नारंग (Shivin Narang) का नाम भी इस सीजन के कंफर्म कंटेस्टेंट के रूप में सामने आया है। बिग बॉस सीजन 16 (Bigg Boss 16 Confirm contestant list) के सभी कंफर्म कंटेस्टेंट की लिस्ट अभी सामने नहीं आ पाई है। शो के होस्ट सलमान खान और कलर्स टीवी ने शो के प्रोमो का प्रोमो पहले ही जारी कर दिया है। 1 अक्टूबर 2022 से यह शो ऑन एयर हो जाएगा।
Bigg Boss 16 Promo- पहली बार बिग बॉस खुद खेलेंगे गेम, जारी हुआ प्रोमो
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International news : संबंधों की नई ऊंचाइयों को छुएंगे भारत-जापान के रिश्ते: पीएम मोदी

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calendar30 Nov 2025 11:22 AM
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International News :  टोक्यो। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टोक्यो पहुंच गए हैं। आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने से पहले पीएम मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इससे पहले प्रधानमंत्री ने दिवंगत शिंजो आबे के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने भारत-जापान साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण की अवधारणा में शिंजो आबे के योगदान को सराहा। पीएम मोदी ने जापानी पीएम से कहा, मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान संबंध और गहरे होंगे और नई ऊंचाइयों को छुएंगे। हम दुनिया की समस्याओं को हल करने में एक उपयुक्त भूमिका निभा पाएंगे।   भारत और जापान के पीएम ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर गहन चर्चा की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर भी बात की। नेताओं ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को गहरा करने के साथ-साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समूहों में सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। अपनी जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री बुडोकन में राजकीय अंतिम संस्कार समारोह में शामिल हुए। इसके बाद टोक्यो के अकासाका महल में एक स्वागत समारोह में शामिल हुए। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सौ से अधिक देशों के अधिकारी, जिनमें 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और 700 से अधिक विदेशी प्रतिनिधिमंडल जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुए। पीएम मोदी पूर्व पीएम शिंजो आबे की विधवा अकी आबे से भी मुलाकात करेंगे।