कब मनायी जाएगी गुरु नानक जयंती ? जानें इस पर्व के बारे में सबकुछ

Guru nanak
Guru Nanak Jayanti 2021
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:38 PM
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कहते हैं कि पूर्णिमा (Purnima) पर जिन लोगों का जन्म होता है, वह महान और पूजनीय व्यक्ति बनते हैं। पूर्णिमा पर कई ऐसे महापुरुषों का जन्म हुआ, जो आज भी अमर हैं और पूजनीय हैं, इनमें से ही एक हैं गुरु नानक देव जी। गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev ji) की जयंती को प्रकाश पर्व के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व सिक्ख धर्म के लिए बड़ा महत्व रखता है। आगामी 19 नवंबर 2021 को गुरु नानक जयंती (Guru Nanak jayanti)  मनायी जाएगी। कार्तिक की पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती को मनायी जाती है।

क्या कहता है इतिहास गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 ई. को हुआ था। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को पंजाब (पाकिस्तान) क्षेत्र में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नाम गांव में हुआ। हालांकि अब गुरु नानक जी का ये जन्म स्थल अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद ननकाना साहिब में है।

अब इस जगह का नाम नानक देव के नाम से जाना जाता है। यहां देश विदेश से लोग चर्चित गुरुद्वारा ननकाना साहिब के दर्शन के लिए आते हैं। बताया जाता है कि सिक्ख साम्राज्य के राजा महाराजा रणजीत सिंह ने यह गुरुद्वारा ननकाना साहिब बनवाया था।

कौन थे गुरु नानक देव जी गुरुनानक देव जी मूर्तिपूजा को निरर्थक माना और हमेशा ही रूढ़ियों और कुरीतियों के विरोध किया। यही कारण है कि कहा जाता है कि गुरु नानक जी ने ही सिक्ख समाज की नींव रखी थी। सिक्ख समुदाय के गुरुनानक देव जी पहले गुरु भी इस कारण से ही उनकी विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। गुरु नानक देव जी को उनके भक्त नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह के पुकारते हैं।

इतना ही नहीं, बताया जाता है कि लद्दाख और तिब्बत क्षेत्र में नानक लामा भी कहा जाता है। गुरु नानकदेव जी की मृत्यु 22 सितंबर 1539 ईस्वी को हुई। इन्‍होंने अपनी मृत्यु से पहले अपने शिष्य भाई लहना को अपना उत्तराधिकारी बनाया, जो बाद में गुरु अंगद देव नाम से जाने गए। आपको बता दें कि बता दें कि गुरु नानक देव अपनी जिंदगी मानव समाज के कल्याण में लगा दी थी।

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कहते हैं कि पूर्णिमा (Purnima) पर जिन लोगों का जन्म होता है, वह महान और पूजनीय व्यक्ति बनते हैं। पूर्णिमा पर कई ऐसे महापुरुषों का जन्म हुआ, जो आज भी अमर हैं और पूजनीय हैं, इनमें से ही एक हैं गुरु नानक देव जी। गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev ji) की जयंती को प्रकाश पर्व के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व सिक्ख धर्म के लिए बड़ा महत्व रखता है। आगामी 19 नवंबर 2021 को गुरु नानक जयंती (Guru Nanak jayanti)  मनायी जाएगी। कार्तिक की पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती को मनायी जाती है।

क्या कहता है इतिहास गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 ई. को हुआ था। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को पंजाब (पाकिस्तान) क्षेत्र में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नाम गांव में हुआ। हालांकि अब गुरु नानक जी का ये जन्म स्थल अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद ननकाना साहिब में है।

अब इस जगह का नाम नानक देव के नाम से जाना जाता है। यहां देश विदेश से लोग चर्चित गुरुद्वारा ननकाना साहिब के दर्शन के लिए आते हैं। बताया जाता है कि सिक्ख साम्राज्य के राजा महाराजा रणजीत सिंह ने यह गुरुद्वारा ननकाना साहिब बनवाया था।

कौन थे गुरु नानक देव जी गुरुनानक देव जी मूर्तिपूजा को निरर्थक माना और हमेशा ही रूढ़ियों और कुरीतियों के विरोध किया। यही कारण है कि कहा जाता है कि गुरु नानक जी ने ही सिक्ख समाज की नींव रखी थी। सिक्ख समुदाय के गुरुनानक देव जी पहले गुरु भी इस कारण से ही उनकी विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। गुरु नानक देव जी को उनके भक्त नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह के पुकारते हैं।

इतना ही नहीं, बताया जाता है कि लद्दाख और तिब्बत क्षेत्र में नानक लामा भी कहा जाता है। गुरु नानकदेव जी की मृत्यु 22 सितंबर 1539 ईस्वी को हुई। इन्‍होंने अपनी मृत्यु से पहले अपने शिष्य भाई लहना को अपना उत्तराधिकारी बनाया, जो बाद में गुरु अंगद देव नाम से जाने गए। आपको बता दें कि बता दें कि गुरु नानक देव अपनी जिंदगी मानव समाज के कल्याण में लगा दी थी।

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बृहस्पति की बदलती चाल से 2022 में कैसी रहेगी आपकी लाइफ, देखें अपनी राशि

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calendar15 Nov 2021 09:16 AM
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देवगुरु बृहस्पति (Jupiter) एक वर्ष में अपनी राशि बदलते हैं और दूसरी राशि में गोचर करते हैं। बृहस्पति (Jupiter) को दो राशियों धनु और मीन के स्वामी हैं। गुरु (Jupiter) जब भी कर्क राशि में आते हैं तब वे उच्च के होते हैं अच्छा फल प्रदान करते हैं जबकि मकर राशि ( zodiac)  में नीच के होते हैं।

गुरु 12 अप्रैल 2022 को अपनी राशि बदलेंगे और स्वराशि मीन में गोचर करेंगे, जबकि साल के शुरुआती महीने में यह कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति अस्त होंगे। जहां से ये 27 मार्च 2022 को वापस से उदय होंगे। 13 अप्रैल 2022 को बृहस्पति अपनी खुद की राशि मीन में गोचर करेंगे। इसके बाद पूरे वर्ष ये मीन राशि में ही मौजूद रहेंगे।

वर्ष 2022 में सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि- मेष राशि के जातकों के लिए साल 2022 के शुरुआती महीनों में गुरु ग्यारहवें भाव में मौजूद रहेंगे। साल 2022 मिला-जुला रहेगा।

वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु का साल 2022 में गोचर दसवें भाव में हो रहा है। कैरियर में बदलाव का समय रहेगा। अच्छे परिणाम की प्राप्ति होगी।

मिथुन राशि- मिथुन राशि के जातकों के लिए साल के शुरुआती कुछ महीनों के लिए गुरु का गोचर नौवें भाव में हो रहा है जो भाग्य का भाव है। अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी।

कर्क राशि- कर्क राशि के जातकों के लिए साल 2022 में गुरु का राशि परिवर्तन आठवें भाव में होगा। आपके लिए साल 2022 मिलाजुला रहने वाला रहेगा। संभलकर रहें और कोई निर्णय जल्दी में न करें।

सिंह राशि- सिंह राशि वालों के लिए साल के शुरुआत में देवगुरु बृहस्पति सातवें भाव में स्थित रहेंगे। व्यापार में स्थितियां पहले के मुकाबले में बेहतर रहेगी। पारिवारिक जीवन में कुछ परेशानियां रहेगी, लेकिन ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।

कन्या राशि- कन्या राशि के जातकों के लिए साल 2022 में गुरु शुरुआती महीनों में छठे भाव में मौजूद रहेंगे। आपके लिए साल बहुत ही बेहतरीन बीतेगा। बिजनेस करने वाले जातक व्यापार में नई ऊंचाई को प्राप्त करेंगे।

तुला राशि- वर्ष 2022 में तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति का गोचर पांचवें भाव में रहेगा। इस वर्ष आपके लिए धन के नए-नए और अच्छे मौके प्राप्त होंगे।

वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर साल 2022 में चौथे भाव में होगा। साल मिला जुला रहेगा। घर या कोई संपत्ति की खरीदारी के लिए साल बहुत ही शुभ रहेगा।

धनु राशि- वर्ष 2022 में गुरु का राशि परिवर्तन धनु राशि के जातकों के लिए तीसरे भाव में होगा। इस वर्ष आपको चुनौतियों का सामना करने और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समय प्रतिकूल रहेगा।

मकर राशि- मकर राशि वालों के लिए साल 2022 में गुरु का गोचर दूसरे भाव में होगा। खर्चे इस साल आपके जरूरत से ज्यादा रहेंगे। बीमारियां आपको परेशान कर सकती हैं।

कुंभ राशि- कुंभ राशि के जातकों के लिए गुरु साल 2022 के शुरुआती दिनों में लग्न राशि में रहेगा। आर्थिक गतिविधियों की दृष्टि से शानदार गुजरेगा। नए-नए कार्यों में आप अपना भाग्य आजमा सकते हैं।

मीन राशि- वर्ष 2022 में मीन राशि के जातकों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन शुरुआत में बारहवें भाव में रहेगा। विदेश की यात्रा कर सकते हैं। धन-संपदा में इस साल इजाफा होने के संकेत हैं।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी