Ahoi Ashtami 2021 : अहोई अष्टमी व्रत के इन नियमों का पालन करना भी है जरुरी

Ahoi Ashtami 2021 : संतान (children) की मंगल कामना के लिए, अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami fast) का व्रत इस बार 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को विशेष संयोगों, सवार्थसिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है। इस दिन व्रत के अतिरिक्त सोना, चांदी, मकान, घरेलू सामान, विद्युत या इलैक्ट्रानिक सामान, कंप्यूटर या दीर्घ काल में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीदने का भी अक्षय तृतीया या धन त्रयोदशी जैसा ही शुभ दिन होगा।
इस व्रत को विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए करती हैं। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वे क्या नियम हैं, जो इस व्रत को सफल बनाते हैं।
अहोई अष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त-
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ- 28 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से
अष्टमी समापन- 29 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से
अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक है। पूजा का समय कुल मिलाकर 01 घंटा 17 मिनट रहेगा। तारों को देखने का संभावित समय- शाम को 06 बजकर 03 मिनट पर
अहोई अष्टमी व्रत नियम-
इस व्रत में किसी भी तरह से धारदार चीजों का उपयोग करना मना होता है जैसे व्रत रखने वाली महिला चाकू से सब्जी आदि भी नहीं काट सकती हैं।
अहोई के दिन बनाई गई चांदी के मोती की माला को महिलाएं दीपावली तक अपने गले में पहनती हैं।
दिवाली का पूजन करने के बाद अगले दिन इस माला को उतार कर संभाल कर रख देना चाहिए।
इस दिन व्रत पारण करते समय या दिन में, कोई सफेद चीज जैसे चावल, दूध, दही आदि का सेवन करना वर्जित माना जाता है।
पूजन के बाद किसी बुजुर्ग महिला को वस्त्र आदि भेंट करके आशीर्वाद लेना चाहिए।
- ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़
Ahoi Ashtami 2021 : संतान (children) की मंगल कामना के लिए, अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami fast) का व्रत इस बार 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को विशेष संयोगों, सवार्थसिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है। इस दिन व्रत के अतिरिक्त सोना, चांदी, मकान, घरेलू सामान, विद्युत या इलैक्ट्रानिक सामान, कंप्यूटर या दीर्घ काल में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीदने का भी अक्षय तृतीया या धन त्रयोदशी जैसा ही शुभ दिन होगा।
इस व्रत को विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए करती हैं। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वे क्या नियम हैं, जो इस व्रत को सफल बनाते हैं।
अहोई अष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त-
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ- 28 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से
अष्टमी समापन- 29 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से
अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक है। पूजा का समय कुल मिलाकर 01 घंटा 17 मिनट रहेगा। तारों को देखने का संभावित समय- शाम को 06 बजकर 03 मिनट पर
अहोई अष्टमी व्रत नियम-
इस व्रत में किसी भी तरह से धारदार चीजों का उपयोग करना मना होता है जैसे व्रत रखने वाली महिला चाकू से सब्जी आदि भी नहीं काट सकती हैं।
अहोई के दिन बनाई गई चांदी के मोती की माला को महिलाएं दीपावली तक अपने गले में पहनती हैं।
दिवाली का पूजन करने के बाद अगले दिन इस माला को उतार कर संभाल कर रख देना चाहिए।
इस दिन व्रत पारण करते समय या दिन में, कोई सफेद चीज जैसे चावल, दूध, दही आदि का सेवन करना वर्जित माना जाता है।
पूजन के बाद किसी बुजुर्ग महिला को वस्त्र आदि भेंट करके आशीर्वाद लेना चाहिए।
- ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़



