Ahoi Ashtami 2021 : अहोई अष्टमी व्रत के इन नियमों का पालन करना भी है जरुरी

Ahoi ashtami 2021
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:53 AM
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Ahoi Ashtami 2021 :  संतान (children) की मंगल कामना के लिए, अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami fast) का व्रत इस बार 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को विशेष संयोगों, सवार्थसिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है। इस दिन व्रत के अतिरिक्त सोना, चांदी, मकान, घरेलू सामान, विद्युत या इलैक्ट्रानिक सामान, कंप्यूटर या दीर्घ काल में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीदने का भी अक्षय तृतीया या धन त्रयोदशी जैसा ही शुभ दिन होगा।

इस व्रत को विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए करती हैं। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वे क्या नियम हैं, जो इस व्रत को सफल बनाते हैं।

अहोई अष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त-

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ- 28 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से

अष्टमी समापन- 29 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से

अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक है। पूजा का समय कुल मिलाकर 01 घंटा 17 मिनट रहेगा। तारों को देखने का संभावित समय- शाम को 06 बजकर 03 मिनट पर

अहोई अष्टमी व्रत नियम-

इस व्रत में किसी भी तरह से धारदार चीजों का उपयोग करना मना होता है जैसे व्रत रखने वाली महिला चाकू से सब्जी आदि भी नहीं काट सकती हैं।

अहोई के दिन बनाई गई चांदी के मोती की माला को महिलाएं दीपावली तक अपने गले में पहनती हैं।

दिवाली का पूजन करने के बाद अगले दिन इस माला को उतार कर संभाल कर रख देना चाहिए।

इस दिन व्रत पारण करते समय या दिन में, कोई सफेद चीज जैसे चावल, दूध, दही आदि का सेवन करना वर्जित माना जाता है।

पूजन के बाद किसी बुजुर्ग महिला को वस्त्र आदि भेंट करके आशीर्वाद लेना चाहिए।

 - ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़

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Ahoi Ashtami 2021 : अहोई अष्टमी व्रत के इन नियमों का पालन करना भी है जरुरी

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Ahoi Ashtami 2021 :  संतान (children) की मंगल कामना के लिए, अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami fast) का व्रत इस बार 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को विशेष संयोगों, सवार्थसिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है। इस दिन व्रत के अतिरिक्त सोना, चांदी, मकान, घरेलू सामान, विद्युत या इलैक्ट्रानिक सामान, कंप्यूटर या दीर्घ काल में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीदने का भी अक्षय तृतीया या धन त्रयोदशी जैसा ही शुभ दिन होगा।

इस व्रत को विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए करती हैं। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वे क्या नियम हैं, जो इस व्रत को सफल बनाते हैं।

अहोई अष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त-

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ- 28 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से

अष्टमी समापन- 29 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से

अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक है। पूजा का समय कुल मिलाकर 01 घंटा 17 मिनट रहेगा। तारों को देखने का संभावित समय- शाम को 06 बजकर 03 मिनट पर

अहोई अष्टमी व्रत नियम-

इस व्रत में किसी भी तरह से धारदार चीजों का उपयोग करना मना होता है जैसे व्रत रखने वाली महिला चाकू से सब्जी आदि भी नहीं काट सकती हैं।

अहोई के दिन बनाई गई चांदी के मोती की माला को महिलाएं दीपावली तक अपने गले में पहनती हैं।

दिवाली का पूजन करने के बाद अगले दिन इस माला को उतार कर संभाल कर रख देना चाहिए।

इस दिन व्रत पारण करते समय या दिन में, कोई सफेद चीज जैसे चावल, दूध, दही आदि का सेवन करना वर्जित माना जाता है।

पूजन के बाद किसी बुजुर्ग महिला को वस्त्र आदि भेंट करके आशीर्वाद लेना चाहिए।

 - ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़

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लड़की की शादी में बार-बार आ रही है रुकावट तो करें कोई एक सरल उपाय

Marriage 4 1
Vivah Muhurat 2022
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calendar01 Dec 2025 09:24 AM
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विवाह (girls marriage) होने में अड़चन या रुकावट आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे ग्रह दोष या वास्तु दोष। कई बार रिश्ता होते-होते ही रह जाता है और कई बार सगाई होने के बाद भी रिश्ता टूट जाता है।  लड़की के विवाह में देरी होने के कारण और उपाय के बारे में बता रहे हैं… कुंडली में विवाह के योग की स्थिति लड़की की कुंडली में गुरु कमजोर हो तो विवाह में अड़चने आती हैं। दूसरा यदि सप्तम भाव एवं सप्तमेश, पंचम भाव एवं पंचमेश बिगड़ा हुआ है तो भी समस्याएं आती हैं। कुछ ज्योतिष द्वादश भाव एवं द्वादशेश, द्वितीय भाव एवं द्वितीयेश, अष्टम भाव एवं अष्टमेश भी देखते हैं। विवाह में अड़चन का कारण मंगल दोष भी हो सकता है। मंगल दोष के कारण समस्या है तो ये उपाय करें… 1. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। 2. भाई सौतेला हो या सगा उससे अच्छे संबंध रखें। 3. मांस खाना छोड़ दें। कभी कभार खाते हैं तो भी छोड़ दें। 4. घर के दक्षिण में नीम का पेड़ लगाएं और उसे प्रतिदिन जल चढ़ाएं। 5. घर से बाहर निकलते समय गुड़ खाना चाहिए। गुड़ खाएं और खिलाएं। 6. विवाह पूर्व कुंभ या अश्वत्थ विवाह करें और भात पूजा भी करवाएं। लड़की के विवाह के लिेए सामान्य उपाय 1. खरगोश को प्रतिदिन खाना खिलाएं। 2. गुरुवार का व्रत रखें और मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें। 3. गुरुवार को वट वृक्ष, पीपल और केले के वृक्ष पर जल अर्पित करें। साथ शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। 4. माथे पर प्रदिदिन केसर या चंदन का तिलक लगाएं, तुलसी की माला पहनें। 5. पीले वस्त्र ही पहने और घर में पर्दों और चादरों का रंग गुलाबी रखें। 6. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है। यशराज कनिया कुमार