Bride विदाई के समय दुल्हन क्यों फेंकती है चावल, क्या है इसका राज

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Bride
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:18 PM
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Bride : हिंदू धर्म में शादियों में हर रस्म और रिवाज का अपना महत्व है। शादी (Marriage) के दौरान होने वाली हर रस्म किसी न किसी वजह से की जाती है। सबकी अपनी-अपनी मान्यता है। जैसा कि आप सबने देखा होगा कि शादी (Marriage) की विदाई के दौरान लड़की (Bride) थाली से चावल (Rice) पीछे की ओर फेंक देती है और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखती।

आप में से कई लोगों को ये रस्म अजीब लग सकती है, लेकिन क्या आपने कभी चावल फेंकने की रस्म के महत्व के बारे में जानने की कोशिश की है, अगर नहीं तो आइए जानें ऐसा क्यों किया जाता है।

दरअसल, शादी में चावल फेंकने की रस्म आखिरी रस्म होती है। उस पल के बाद लड़की दूसरे घर चली जाती है। जब लड़की विदाई के समय चावल को पीछे की ओर फेंकती है तो लड़की के माता-पिता या घर का कोई बड़ा सदस्य उसे अपने पल्लू में इकट्ठा कर लेता है।

शादी में सभी रस्मों के बाद और डोली में बैठने से ठीक पहले, जब दुल्हन अपना घर छोड़ रही होती है, तो उसकी बहन, दोस्त या घर की कोई भी महिला हाथ में चावल की थाली लिए उसके पास खड़ी होती है। इस थाली में से दुल्हन को दोनों हाथों से चावल को 5 बार उठाना होता है। दुल्हन अपने दोनों हाथों से चावल को पांच बार पीछे की ओर फेंक देती है। चावल को इतनी जोर से फेंकना पड़ता है कि वह पीछे खड़े पूरे परिवार पर गिर जाए। दुल्हन के पीछे खड़ा परिवार अपने बैग, पल्लू या हाथ फैलाकर इन चावलों को अपने पास रखता है। रस्म के अनुसार ये चावल जिस किसी के भी पास जाते हैं, उन्हें सुरक्षित रखना होता है। खासकर वह जो बैग में चावल ले रहा है।

क्या है मान्यता है दरअसल ऐसा माना जाता है कि कन्या को घर की लक्ष्मी होती है, अगर वह विदाई के समय ये रस्म करती है, तो उसके घर में कभी भी भोजन और धन की कमी नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि जब दुल्हन चावल को पीछे की ओर फेंकती है, तो वह कामना करती है कि वह धन से भरपूर हो।

वहीं दूसरी ओर ऐसी भी मान्यता है कि ये रस्म अपने माता-पिता और परिवार को धन्यवाद कहने का एक तरीका है। उन्होंने बचपन से लेकर बड़े होने तक उनके लिए जो कुछ किया उसके लिए आभार व्यक्त करती है। दुल्हन मायके वालों को इस रस्म के रूप में दुआएं देकर जाती है।

पंडित रामपाल भट्ट

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Bride विदाई के समय दुल्हन क्यों फेंकती है चावल, क्या है इसका राज

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calendar01 Dec 2025 04:18 PM
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Bride : हिंदू धर्म में शादियों में हर रस्म और रिवाज का अपना महत्व है। शादी (Marriage) के दौरान होने वाली हर रस्म किसी न किसी वजह से की जाती है। सबकी अपनी-अपनी मान्यता है। जैसा कि आप सबने देखा होगा कि शादी (Marriage) की विदाई के दौरान लड़की (Bride) थाली से चावल (Rice) पीछे की ओर फेंक देती है और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखती।

आप में से कई लोगों को ये रस्म अजीब लग सकती है, लेकिन क्या आपने कभी चावल फेंकने की रस्म के महत्व के बारे में जानने की कोशिश की है, अगर नहीं तो आइए जानें ऐसा क्यों किया जाता है।

दरअसल, शादी में चावल फेंकने की रस्म आखिरी रस्म होती है। उस पल के बाद लड़की दूसरे घर चली जाती है। जब लड़की विदाई के समय चावल को पीछे की ओर फेंकती है तो लड़की के माता-पिता या घर का कोई बड़ा सदस्य उसे अपने पल्लू में इकट्ठा कर लेता है।

शादी में सभी रस्मों के बाद और डोली में बैठने से ठीक पहले, जब दुल्हन अपना घर छोड़ रही होती है, तो उसकी बहन, दोस्त या घर की कोई भी महिला हाथ में चावल की थाली लिए उसके पास खड़ी होती है। इस थाली में से दुल्हन को दोनों हाथों से चावल को 5 बार उठाना होता है। दुल्हन अपने दोनों हाथों से चावल को पांच बार पीछे की ओर फेंक देती है। चावल को इतनी जोर से फेंकना पड़ता है कि वह पीछे खड़े पूरे परिवार पर गिर जाए। दुल्हन के पीछे खड़ा परिवार अपने बैग, पल्लू या हाथ फैलाकर इन चावलों को अपने पास रखता है। रस्म के अनुसार ये चावल जिस किसी के भी पास जाते हैं, उन्हें सुरक्षित रखना होता है। खासकर वह जो बैग में चावल ले रहा है।

क्या है मान्यता है दरअसल ऐसा माना जाता है कि कन्या को घर की लक्ष्मी होती है, अगर वह विदाई के समय ये रस्म करती है, तो उसके घर में कभी भी भोजन और धन की कमी नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि जब दुल्हन चावल को पीछे की ओर फेंकती है, तो वह कामना करती है कि वह धन से भरपूर हो।

वहीं दूसरी ओर ऐसी भी मान्यता है कि ये रस्म अपने माता-पिता और परिवार को धन्यवाद कहने का एक तरीका है। उन्होंने बचपन से लेकर बड़े होने तक उनके लिए जो कुछ किया उसके लिए आभार व्यक्त करती है। दुल्हन मायके वालों को इस रस्म के रूप में दुआएं देकर जाती है।

पंडित रामपाल भट्ट

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Anjeer benifit : कई बीमारियों की अकेली दवा है ये चमत्कारी फल

Anjeer benifit
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Dec 2021 06:02 PM
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Anjeer-benifit : वर्तमान की भागदौड़ के कारण लोगों का खान पान भी बिगड़ रहा है। जिस कारण कब्ज और पेट से जुड़ी बीमारी रहना आम बात हो गई है। आज हम आपको एक ऐसे फल की जानकारी देंगे, जो न केवल कब्ज जैसी समस्या से निजात दिलाएगा, बल्कि बवासीर को दूर कर आपके शरीर को फौलाद सी ताकत प्रदान करता है। यह फल मर्दाना ताकत के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

अंजीर को फल और ड्राई फ्रूट दोनों तरह से खाया जाता है। एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर अंजीर (anjeer) में इतने सारे औषधीय गुण होते हैं कि इसे सुपरफूड कहा जाता है। अंजीर में विटामिन-ए, बी, सी, के और कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक, कॉपर और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। आमतौर पर लोग ड्राईफ्रूट के रूप में इसका सेवन करते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दो अंजीर (anjeer-benifit) को नियमित रूप से डाइट में शामिल कर लिया जाए तो ये कई बीमारियों में राहत दे सकता है।

अंजीर खाने के फायदे/ Anjeer benifit 

अस्थमा के लिए : अस्थमा के मरीजों के लिए अंजीर का सेवन काफी लाभकारी माना जाता है। अंजीर खाने से शरीर के अंदर म्यूकस झिल्लियों को नमी मिलती है और कफ साफ होता है। अस्थमा के रोगियों को 2 सूखे अंजीर रोजाना सुबह-शाम दूध में गर्म करके लेना चाहिए।

ब्लड प्रेशर के लिए : हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी अंजीर का सेवन फायदेमंद माना जाता है। दरअसल अंजीर में फाइबर, पोटैशियम, ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड पाए जाते हैं जो हाई बीपी को नियंत्रित करते हैं। हाई बीपी के मरीजों को रोजाना रात में अंजीर को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए।

हड्डियों की मजबूती : अंजीर में कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए ये सभी पोषक तत्व जरूरी माने जाते हैं। इसका सेवन रात को सोते समय दूध में उबालकर करने से ज्यादा लाभ मिलता है। हीमोग्लोबिन की कमी भी अंजीर खाने से जल्दी ही पूरी हो जाती है।

दिल के लिए : हार्ट की सेहत के लिए अंजीर को बहुत लाभकारी माना जाता है। इसमें मौजूद ऐंटीऑक्सिडेंट्स फ्री रैडिकल्स को समाप्त करते हैं और हार्ट को सुरक्षित रखते हैं। अंजीर खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और कोरोनरी धमनियां जाम होने से बचाव होता है।

पेट के लिए : पेट से जुड़ी तमाम समस्याओं के लिए भी अंजीर का सेवन काफी अच्छा माना जाता है। रात को दो अंजीर को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं और उसका पानी पी लें। इसके बाद करीब एक घंटे तक कुछ न खाएं।

कब्ज : 1-2 पके अंजीर दूध में उबालकर रात को सोने से पहलें खाएं और ऊपर से दूध का सेवन करें। इससे कब्ज में लाभ होता है या 1 अंजीर को रात को सोते समय पानी में डालकर रख दें। सुबह इसे अच्‍छे से चबाकर खा लें और इसका पानी पी लें। कुछ ही दिनों में कब्ज की समस्‍या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

बवासीर : 3-4 सूखे अंजीर को शाम के समय पानी में भिगोकर रख दें। सुबह अंजीरों को मसलकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट खाने से बवासीर दूर होती है।

संत कमल किशोर, आयुर्वेदाचार्य