Diabetes डायबिटीज के लिए रामबाण औषधि है अशोक के पेड़ की छाल

Ashok 1
Diabetes
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:26 PM
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Diabetes : बदलते खानपान और दिनचर्या के कारण भारत देश में शुगर यानि (Diabetes) डायबिटीज के रोगियों की संख्या में हर वर्ष इजाफा (Diabetes) हो रहा है। वृद्ध ही नहीं अब युवा भी इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। जंक फूड का सेवन और शारीरिक कसरत न करना भी इस बीमारी के होने का एक बड़ा कारण माना जाता है। यदि आपके परिवार में भी कोई शुगर का रोगी है तो उसके लिए आज हम रामबाण देसी उपाय लेकर आए हैं।

Diabetes remedy

अशोक के पेड़ का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह पेड़ हर शहर और गांव में आसानी से मिल जाता है। बड़े शहरों में तो यह पेड़ घरों में साज सज्जा के लिए लगाया जाता है। इस पेड़ की छाल शुगर के रोगियों के लिए बड़े ही काम की है। एक रिसर्च के अनुसार अशोक के पेड़ की छाल में ऐसे गुण पाए जाते हैं जोकि एंटी डायबिटिक होते हैं और जो आपके खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से रोकते हैं। अगर आप अशोक के फूलों का सेवन करते हैं तो उनसे भी आपकी इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है और आपकी ब्लड शुगर नियंत्रित होती है।

>> Green moong शुगर समेत कई रोगों में फायदेमंद है हरी मूंग, जानें इसके हेल्थ बेनिफिट

अगर आप अशोक के फूलों का सेवन करना चाहते हैं तो उन्हें सूखा कर पहले उनका पाउडर बना लें। जब भी आपको ब्लड शुगर नियंत्रित करनी हो तो इस पाउडर को एक से तीन ग्राम के बीच खा लें।

अशोक के पेड़ की छाल उतार लें और कुछ जामुन लेकर एक जैसी मात्रा में इन दोनों चीजों को पीस लें। पीस कर इन्हें चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का ही आपको सेवन करना है और इसका सेवन गर्म पानी में हर रोज रात में सोने से पहले जरूर करें।

अगर आप अन्य तरीका ढूंढ रहे हैं तो आपके पास एक और विकल्प उपलब्ध है। इसके लिए आपको अशोक की छाल के साथ साथ नीम के पेड़ की छाल की भी आवश्यकता होगी। इन दोनों छालों को ले और साथ में हल्दी को एक समान मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। पाउडर बनाने के बाद लगभग 100 ग्राम पानी लें और इस पाउडर को पानी में पकाएं। जब पकने के बाद यह आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें और इस काढ़े का रोजाना सुबह सुबह खाली पेट सेवन करें।

यह तीनों ही उपाय डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। आपको रोजाना इसका सेवन करने के बाद अच्छे नतीजे जरूर देखने को मिलेंगे। एक बार पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से भी राय जरूर लें।

महामंडलेश्वर संत कमल किशोर

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Diabetes डायबिटीज के लिए रामबाण औषधि है अशोक के पेड़ की छाल

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Diabetes : बदलते खानपान और दिनचर्या के कारण भारत देश में शुगर यानि (Diabetes) डायबिटीज के रोगियों की संख्या में हर वर्ष इजाफा (Diabetes) हो रहा है। वृद्ध ही नहीं अब युवा भी इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। जंक फूड का सेवन और शारीरिक कसरत न करना भी इस बीमारी के होने का एक बड़ा कारण माना जाता है। यदि आपके परिवार में भी कोई शुगर का रोगी है तो उसके लिए आज हम रामबाण देसी उपाय लेकर आए हैं।

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अशोक के पेड़ का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह पेड़ हर शहर और गांव में आसानी से मिल जाता है। बड़े शहरों में तो यह पेड़ घरों में साज सज्जा के लिए लगाया जाता है। इस पेड़ की छाल शुगर के रोगियों के लिए बड़े ही काम की है। एक रिसर्च के अनुसार अशोक के पेड़ की छाल में ऐसे गुण पाए जाते हैं जोकि एंटी डायबिटिक होते हैं और जो आपके खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से रोकते हैं। अगर आप अशोक के फूलों का सेवन करते हैं तो उनसे भी आपकी इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है और आपकी ब्लड शुगर नियंत्रित होती है।

>> Green moong शुगर समेत कई रोगों में फायदेमंद है हरी मूंग, जानें इसके हेल्थ बेनिफिट

अगर आप अशोक के फूलों का सेवन करना चाहते हैं तो उन्हें सूखा कर पहले उनका पाउडर बना लें। जब भी आपको ब्लड शुगर नियंत्रित करनी हो तो इस पाउडर को एक से तीन ग्राम के बीच खा लें।

अशोक के पेड़ की छाल उतार लें और कुछ जामुन लेकर एक जैसी मात्रा में इन दोनों चीजों को पीस लें। पीस कर इन्हें चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का ही आपको सेवन करना है और इसका सेवन गर्म पानी में हर रोज रात में सोने से पहले जरूर करें।

अगर आप अन्य तरीका ढूंढ रहे हैं तो आपके पास एक और विकल्प उपलब्ध है। इसके लिए आपको अशोक की छाल के साथ साथ नीम के पेड़ की छाल की भी आवश्यकता होगी। इन दोनों छालों को ले और साथ में हल्दी को एक समान मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। पाउडर बनाने के बाद लगभग 100 ग्राम पानी लें और इस पाउडर को पानी में पकाएं। जब पकने के बाद यह आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें और इस काढ़े का रोजाना सुबह सुबह खाली पेट सेवन करें।

यह तीनों ही उपाय डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। आपको रोजाना इसका सेवन करने के बाद अच्छे नतीजे जरूर देखने को मिलेंगे। एक बार पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से भी राय जरूर लें।

महामंडलेश्वर संत कमल किशोर

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Green moong शुगर समेत कई रोगों में फायदेमंद है हरी मूंग, जानें इसके हेल्थ बेनिफिट

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Green Moong Benefits
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Feb 2022 05:30 PM
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Green moong : मूंग की दाल (Green moong) एक ऐसी दाल है, जो सभी भारतीय रसोई में आसानी से लि जाएगी। धुली हुई यानि छिलका रहित मूंग (Green moong)  की दाल का प्रयोग जहां हलवा और लड्डू बनाने में प्रयोग की जाती है, वहीं यह सब्जी के रुप में भी सेवन की जाती है, लेकिन साबुत हरी मूंग एक ऐसी दाल है, जिसके सेवन से शुगर, मोटापा झेल रहे लोगों समेत स्वास्थ्य संबंधी अनेक परेशानियों को दूर करती है। हालांकि साबुत हरी मूंग का सेवन बहुत कम लोग ही करते हैं।

Green Moong Benefits

साबुत हरी मूंग में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनमें, विटामिन बी6, डाइटरी फाइबर और फोलेट जैसे तत्व प्रमुख हैं। बी ग्रुप विटामिन्स की मौजूदगी के कारण यह दाल उन लोगों के लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकती है जो शारीरिक कमजोरी से परेशान हैं। इसी तरह फोलेट को ब्रेन हेल्थ के लिए एक अच्छा तत्व माना जाता है इसीलिए, हरी मूंग के सेवन से बच्चों और दिमागी काम करने वाले लोगों को बहुत अधिक लाभ हो सकता है।

शुगर रोगियों के लिए साबुत हरी मूंग एक लो-जीआई फूड है और इसीलिए शुगर के मरीजों के लिए इसका सेवन सुरक्षित और लाभकारी माना जाता है। दरअसल, जिन खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है उनके सेवन से रक्त में ग्लूकोज का लेवल तेज गति से नहीं बढ़ता और इस तरह शुगर के मरीजों के लिए उनकी स्थिति को नियंत्रित कर पाना आसान हो सकता है।

वजन घटाने के लिए वजन घटाने के लिए मूंग का सेवन अच्छा माना जाता है। कई लोग वेट लॉस करने के लिए मूंग डाइट भी फॉलो करते हैं। दरअसल, मूंग में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिससे पेट भरने की संतुष्टि होती है। इससे व्यक्ति सीमित मात्रा में ही भोजन करता है और अनहेल्दी फूड्स खाने की क्रेविंग भी कम ही होती है। इसी तरह मूंग के सेवन से शरीर की मेटाबॉलिक रेट भी बेहतर होती है। जिससे वेट लॉस की प्रक्रिया तेज होती है।

दिल के रोगियों के लिए कुछ स्टडीज में पाया गया है कि जो लोग सप्ताह में एक बार हरी मूंग का सेवन करते हैं उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। इसी तरह ब्लड प्रेशर स्थिति को नियंत्रित करने में भी सहायता होती है जिससे, कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ बेहतर बनती है।

महामंडलेश्वर संत कमल किशोर