COVID NEWS: अब एयर सुविधा मंच पर नहीं डालनी होगी चीन समेत 5 देशों के यात्रियों को कोविद जांच रिपो​र्ट

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COVID NEWS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Feb 2023 07:20 PM
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COVID NEWS:  नई दिल्ली। चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से भारत आने वाले आगंतुकों को 13 फरवरी से ‘एयर सुविधा’ मंच पर प्रस्थान-पूर्व ‘कोविड जांच रिपोर्ट’ डालने और अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी।

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सरकार ने देशों में पिछले चार हफ्तों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के लगातर कम होने के मद्देनजर यह फैसला किया है। नागर विमानन मंत्रालय में अपने समकक्ष राजीव बंसल को बृहस्पतिवार को भेजे एक पत्र में भूषण ने कहा कि उनका मंत्रालय कोरोनो वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार कमी के मद्देनजर अपनी ‘गाइडलाइन्स फॉर इंटरनेशनल अराइवल्स’ में बदलाव कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 की स्थिति से जुड़ी अद्यतन जानकारी के अनुसार, पिछले 28 दिन में (उससे पहले के 28 दिन की तुलना में) वैश्विक स्तर पर नए मामलों की संख्या में 89 प्रतिशत गिरावट आई है। भारत में कोरोनो वायरस संक्रमण के मामलों में गिरावट जारी है, एक दिन में 100 से कम नए मामले सामने आ रहे हैं। पत्र में कहा गया कि उपरोक्त स्थिति के मद्देनजर मंत्रालय अपने अंतरराष्ट्रीय आगमन से जुड़े दिशानिर्देश में बदलाव कर रहा है और नागर विमानन मंत्रालय के मंच ‘हवाई सुविधा’ पर चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, थाईलैंड और जापान से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए प्रस्थान पूर्व ‘कोविड जांच रिपोर्ट’ डालने और अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने की अनिवार्यता समाप्त कर रहा है।

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International News : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उचित संतुलन के लिए भारत के साथ संबंधों में निवेश कर रहे: अमेरिका

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International News : Investing in relations with India for proper balance in the Indo-Pacific region: America
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Feb 2023 04:24 PM
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International News : अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय ‘पेंटागन’ के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को सांसदों से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत का उचित संतुलन बनाए रखने के लिए अमेरिका भारत के साथ रक्षा संबंधों में निवेश कर रहा है।हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के रक्षा सहायक मंत्री एली रैटनर ने चीन पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी समिति से कहा कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चीन द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने के महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।

International News :

  उन्होंने कहा, ‘‘इस महीने की शुरुआत में, अमेरिका सरकार ने भारत के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पहल की शुरुआत की, जिसमें प्रमुख रक्षा मंचों के सह-निर्माण के अवसरों पर गहन चर्चा शामिल है।’’रैटनर ने कहा, ‘‘ हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत के उचित संतुलन को बनाए रखने के लिए भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों में महत्वपूर्ण निवेश कर रहे हैं।’’अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने कहा कि अमेरिका ने भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय समूह) साझेदारी में निवेश किया है।उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने साझा हितों व मूल्यों जैसे लोकतंत्र, स्पष्टता और निष्पक्षता को मजबूत करने के लिए और पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया भर में समान विचारधारा वाले भागीदारों को एकसाथ ला रहे हैं।’’ सीनेट की विदेश संबंधों से जुड़ी समिति के अध्यक्ष सीनेटर रोजर विकर ने कहा कि चीन दशकों से क्षेत्र में अपने दावों को मजबूत करने में सक्रिय है और आक्रामकता दिखा रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले 60 वर्षों में, चीन ने सोवियत संघ के साथ एक परमाणु संघर्ष का लगभग जोखिम उठाया, वियतनाम के साथ युद्ध लड़ा और हाल में भारत के साथ कई हिंसक झड़पें कीं ताकि अपने क्षेत्रीय दावे को मजबूत कर सके। ’’विकर ने कहा कि वह ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ की पहुंच बढ़ाने के नाम पर दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में आक्रामक क्षेत्रीय दावे करना जारी रखता है। हिंद-प्रशांत पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति की अध्यक्ष यंग किम ने दावा किया कि भारत और अन्य देश चीन के जासूसी गुब्बारों का निशाना हैं।किम ने कहा कि जासूसी गुब्बारे ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ (सीसीपी) के एक बड़े अभियान का हिस्सा हैं, जिसके जरिए ताइवान, जापान, भारत और फिलीपीन जैसे हिंद-प्रशांत देशों में सैन्य संपत्ति की जानकारी एकत्र की गई।

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International News : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उचित संतुलन के लिए भारत के साथ संबंधों में निवेश कर रहे: अमेरिका

International News : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उचित संतुलन के लिए भारत के साथ संबंधों में निवेश कर रहे: अमेरिका
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userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:23 PM
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International News : अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय ‘पेंटागन’ के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को सांसदों से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत का उचित संतुलन बनाए रखने के लिए अमेरिका भारत के साथ रक्षा संबंधों में निवेश कर रहा है।हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के रक्षा सहायक मंत्री एली रैटनर ने चीन पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी समिति से कहा कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चीन द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने के महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।

International News :

  उन्होंने कहा, ‘‘इस महीने की शुरुआत में, अमेरिका सरकार ने भारत के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पहल की शुरुआत की, जिसमें प्रमुख रक्षा मंचों के सह-निर्माण के अवसरों पर गहन चर्चा शामिल है।’’रैटनर ने कहा, ‘‘ हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत के उचित संतुलन को बनाए रखने के लिए भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों में महत्वपूर्ण निवेश कर रहे हैं।’’अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने कहा कि अमेरिका ने भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय समूह) साझेदारी में निवेश किया है।उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने साझा हितों व मूल्यों जैसे लोकतंत्र, स्पष्टता और निष्पक्षता को मजबूत करने के लिए और पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया भर में समान विचारधारा वाले भागीदारों को एकसाथ ला रहे हैं।’’ सीनेट की विदेश संबंधों से जुड़ी समिति के अध्यक्ष सीनेटर रोजर विकर ने कहा कि चीन दशकों से क्षेत्र में अपने दावों को मजबूत करने में सक्रिय है और आक्रामकता दिखा रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले 60 वर्षों में, चीन ने सोवियत संघ के साथ एक परमाणु संघर्ष का लगभग जोखिम उठाया, वियतनाम के साथ युद्ध लड़ा और हाल में भारत के साथ कई हिंसक झड़पें कीं ताकि अपने क्षेत्रीय दावे को मजबूत कर सके। ’’विकर ने कहा कि वह ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ की पहुंच बढ़ाने के नाम पर दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में आक्रामक क्षेत्रीय दावे करना जारी रखता है। हिंद-प्रशांत पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति की अध्यक्ष यंग किम ने दावा किया कि भारत और अन्य देश चीन के जासूसी गुब्बारों का निशाना हैं।किम ने कहा कि जासूसी गुब्बारे ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ (सीसीपी) के एक बड़े अभियान का हिस्सा हैं, जिसके जरिए ताइवान, जापान, भारत और फिलीपीन जैसे हिंद-प्रशांत देशों में सैन्य संपत्ति की जानकारी एकत्र की गई।

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