बड़ी खबर: भारत में जल्दी ही लागू हो जाएगी समान नागरिक संहिता

Uniform Civil Code
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:31 AM
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Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता कहें या फिर कॉमन सिविल कोड (Uniform Civil Code) यह मुददा भारत का बहुत बड़ा मुद्दा है। समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की मांग बार-बार उठती रही है। भारत की सत्तारूढ पार्टी भाजपा के एजेंडे में समान नागरिक संहिता हमेशा तीसरे नम्बर पर रही है। अयोध्या में राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर से धारा-376 का खात्मा तथा समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी एजेंडा रहा है। अब वह दिन दूर नहीं है कि जब भारत में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी।

समान नागरिक संहिता लागू होने के स्पष्ट संकेत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को भारत में समान नागरिक संहिता यानि कि कॉमन सिविल कोड लागू करने के साफ संकेत दे दिए हैं। लालकिले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ-साफ बोल दिया है कि अब देश को एक सेक्युलर कॉमन सिविल कोड की तुरंत आवश्यकता है। अपने पहले दो कार्यकाल में प्रधानमंत्री भाजपा के दो बड़े एजेंडे धारा-376 का खात्मा तथा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा कर चुके हैं। इस बार प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में समान नागरिक संहिता का नम्बर है। दुनिया भर के विश्लेषकों का दावा है कि भारत में अगले पांच साल के अंदर समान नागरिक संहिता यानि कि कॉमन सिविल कोड लागू कर दिया जाएगा। समान नागरिक संहिता क्या है? यह जानना भी जरूरी है। हम आपको साधारण भाषा में समझा देते हैं कि समान नागरिक संहिता क्या होती है।

क्या है समान नागरिक संहिता ? Uniform Civil Code

समान नागरिक संहिता अथवा कॉमन सिविल कोड ( Uniform Civil Code ) एक प्रकार की खास व्यवस्था है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि समान नागरिक संहिता का मतलब है कि देश में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून व्यवस्था। भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी नागरिकों को अपने-अपने धर्मों के हिसाब से जीने की आजादी है। समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम भी एक समान हो जाएंगे। फिलहाल देश में हिंदुओं, मुस्लिमों के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। भारत के संविधान निर्माताओं ने संविधान में अनुच्छेद 44 में भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का प्रावधान लागू करने की बात कही गई है।

समान नागरिक संहिता का इतिहास

कॉमन सिविल कोड को लेकर 1835 में ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराधों, सबूतों और कॉन्ट्रैक्ट जैसे मुद्दों पर समान कानून व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। वहीं इसी रिपोर्ट में हिंदू-मुसलमानों के धार्मिक कानूनों से छेड़छाड़ की बात नहीं की गई है। इसके बाद 1941 में हिंदू कानून पर संहिता बनाने के लिए बीएन राव की समिति भी बनाई गई और और हिंदुओं, जैनियों व सिखों के उत्तराधिकार मामलों में कई सुधार किए गए।

समान नागरिक संहिता के मार्ग में बाधा

भारत में एक कहावत प्रचलित है कि 'कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी'। दरअसल भारत में विविधता से भरे समाज व धर्म अलग-अलग रीति रिवाज के कारण एक समान नागरिक संहिता पर आम सहमति बनना काफी चुनौतीपूर्ण है। उत्तर भारत के हिंदुओं के रीति-रिवाज दक्षिण भारत के हिंदुओं से बहुत अलग हैं। वहीं उत्तर-पूर्व भारत में भी स्थानीय रीति-रिवाजों को मान्यता दी जाती है। मुसलमानों के पर्सनल लॉ बोर्ड और ईसाइयों के भी अपने पर्सनल लॉ हैं। मुस्लिम समुदाय में पुरुषों को कई शादी करने की इजाजत है, वहीं हिंदू अधिनियम में इस पर पाबंदी है। ऐसे में समान नागरिक संहिता लागू हो जाती है तो देश में सभी लोगों के लिए एक समान कानून लागू हो जाएगा। यह व्यवस्था लागू करना आसान काम नहीं होगा।

महिलाओं को होगा बड़ा फायदा

देश में यदि समान नागरिक संहिता लागू होती है तो सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को होगा। महिलाओं को समान हक मिलने से उनकी स्थिति में सुधार होगा। महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव खत्म होगा और विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संरक्षण से संबंधित मामलों में समान अधिकार प्राप्त होगा। समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून व्यवस्था रहेगी। यह कानून में भेदभाव या असंगति के जोखिम को कम करेगी। Uniform Civil Code

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इस दिन लगेगा साल का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण, जानें क्या है खास?

Second Solar Eclipse
Second Solar Eclipse
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:10 AM
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Second Solar Eclipse : इस साल का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। हिंदू कैलेंडर की मानें तो यह दूसरा सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा, जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। दरअसल वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता है, जिससे सूर्य का बाहरी हिस्सा एक चमकदार रिंग के रूप में नजर आता है। भारत में अगर लोगों को देखना है तो इसे ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के के जारिए ही देख सकते है।

इस दिन लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण

आपकी जानकारी के लिए बता दें इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है। इस दिन हिंदू कैलेंडर में अश्विन मास की अमावस्या तिथि होगी। वहीं भारतीय समय अनुसार यह सूर्य ग्रहण 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होकर और 3 अगस्त तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगा। यानी यह वलयाकार सूर्य ग्रहण कुल मिलाकर लगभग 6 घंटे 4 मिनट तक रहेगा।

दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर आएगा या नहीं। क्योंकि पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखा था, बताया जा रहा है कि दूसरा सूर्य ग्रहण का असर भी भारत में नहीं दिखेगा। ऐसा होने का मुख्य कारण यह है कि ग्रहण भारतीय समयानुसार रात के समय में लगेगा।

कहां दिखाई देगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण?

आपको बता दें कि इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण ब्राजील, कूक आइलैंड, चिली, पेरू, अर्जेंटीना, मैक्सिको, होनोलूलू, फिजी, उरुग्वे, अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, आर्कटिक, ब्यूनस आयर्स और बेका आइलैंड आदि देशों में नजर आएगा। Second Solar Eclipse

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लाल किले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी- 'देश में एक सेकुलर सिविल कोड हो'

Pm modi
National News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 01:11 PM
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PM Modi : 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से अपने भाषण में कई मुद्दों पर आवाज उठाई।पीएम मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ी बात कही। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के लिए चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हिलाओं पर अत्याचार करने वालों को तुरंत सजा मिलनी चाहिए। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच की जानी चाहिए। ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा पर बात उस टाइम की है, जब कोलकाता रेप मर्डर केस चर्चा में बना हुआ है। दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मेडिलकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या कर दी गई। पहले उसके साथ बलात्कार किया गया, फिर उसकी दर्दनाक तरीके से मार डाला। इसको लेकर पूरे देश में आक्रोश है। बंगाल से लेकर पूरे देश में इसको लेकर उबाल है, प्रदर्शन कर रहे हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द जांच हो- PM Modi

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी बोले- आज लाल किले से एक बार फिर अपना दर्द व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। देश में इसके खिलाफ गुस्सा भरा हुआ है, मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं। देश, समाज, राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द जांच हो।

क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड? PM Modi

वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर भाषण देते हुए कहा कि हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है। इसलिए देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे कानून की जरूरत है। सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून होना चाहिए। अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक जैसा कानून होगा। संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्व का विस्तृत ब्यौरा है जिसके अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है।आपको बता दें पीएम मोदी ने 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया ।

वन नेशन, वन इलेक्शन पर भी बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा वन नेशन, वन इलेक्शन पर भी बात कही, उन्होंने कहा की बार-बार चुनाव प्रगति में रुकावट बन जाते है। हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है। राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए, संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जनसामान्य के लिए हो, इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन में हमारा साथ देना चाहिए, इसके लिए आगे आए। PM Modi

यूपी में रचा गया साइबर ठगी का सबसे बड़ा खेल, महिला डॉक्टर से ठगे करोड़ों रुपये

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