Political : विस और लोस चुनावों में एमवीए के घटक दलों को साथ रखने की कोशिश : पवार

Sharad
Efforts to keep MVA constituents together in Vis and Lok Sabha elections: Pawar
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userचेतना मंच
calendar06 Mar 2023 06:27 PM
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पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाह रहे हैं। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दल राज्य का अगला विधानसभा चुनाव तथा 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ें।

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पवार ने पुणे शहर के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक रवींद्र धंगेकर से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह टिप्पणी की। धंगेकर राकांपा प्रमुख से मिलने के लिए पुणे स्थित उनके आवास पहुंचे थे। पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गढ़ कस्बा पेठ में हुए विधानसभा उपचुनाव में आम लोगों ने धंगेकर को चुना, क्योंकि वह पिछले कई वर्षों से उनके लिए काम कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी निकाय चुनावों में एमवीए के घटक दल साथ लड़ने का फॉर्मूला दोहराएंगे, पवार ने कहा कि राकांपा में उनके सहयोगी इस पहलू पर गौर कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि हालांकि मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि एमवीए के घटक दल एक साथ रहें, संयुक्त फैसले लें और राज्य विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों का मिलकर सामना करें। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं राज्य में घूम रहा हूं और इस दौरान लोग मुझसे कह रहे हैं कि वे बदलाव चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम (विपक्ष) साथ आएं। यह लोगों की भावना है। एमवीए का गठन 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद हुआ था, जब उद्धव ठाकरे और उनकी पुरानी सहयोगी भाजपा की राहें जुदा हो गई थीं। इसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।

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कस्बा पेठ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस-एमवीए उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने भाजपा प्रत्याशी हेमंत रासने पर 10,800 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। दो मार्च को नतीजों की घोषणा के बाद पवार ने कहा था कि भाजपा के गढ़ में उसकी हार यह संकेत देती है कि देशभर में बदलाव की बयार बह रही है। महाराष्ट्र में भाजपा एकनाथ शिंदे गुट के साथ सत्ता साझा करती है, जिसे चुनाव आयोग ने हाल ही में ‘शिवसेना’ के रूप में मान्यता दी है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political : भाजपा की ‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने का वक्त : शिवसेना (यूबीटी)

Shivsena
Time to stand up against BJP's 'corruption washing machine': Shiv Sena (UBT)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Mar 2023 06:16 PM
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मुंबई। शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत गुट ने सोमवार को कहा कि देश को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने का वक्त आ गया है। साथ ही उसने विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का हवाला दिया जिसमें निरंकुश शासन का जिक्र किया गया है।

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शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि विपक्ष को परेशान करना और सत्ता में बने रहना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव समेत नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के घोर दुरुपयोग का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र से इस पत्र पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने हस्ताक्षर किए हैं।

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सामना में कहा गया है कि ‘अब भाजपा की ‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने और देश को बचाने का वक्त आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने एक पत्र लिखा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि देश तानाशाही की ओर जा रहा है।’

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शिवसेना (यूबीटी) नेता भ्रष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल करने तथा उन्हें संरक्षण देने को लेकर भाजपा पर निशाना साधने के लिए वॉशिंग मशीन शब्द का इस्तेमाल करते हैं। संपादकीय में कहा गया है कि पत्र में कहा गया है कि देश में 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई बढ़ गयी है, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे जो नेता भाजपा में शामिल हो गए, उन्होंने कभी किसी कार्रवाई का सामना नहीं किया। ऐसे ज्यादातर मामले झूठे हैं। इसमें कहा गया है कि स्वायत्त सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। यह अल कायदा और तालिबान से भी ज्यादा खतरनाक है। भारत का निर्वाचन आयोग भाजपा के आगे नतमस्तक है जिसके कारण उच्चतम न्यायालय ने भविष्य में उसकी नियुक्तियों के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है।

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संपादकीय में प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल द्वारा शुरू किए गए एक मंच ‘इंसाफ के सिपाही’ का भी उल्लेख किया गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण की भाजपा द्वारा आलोचना किए जाने पर भी सवाल उठाया गया है। राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है और उनके समेत कई नेताओं की जासूसी करायी जाती है। उसने कहा कि अगर उन्होंने देश को बदनाम किया तो फिर यह पूछने की जरूरत है कि क्या नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश की उनकी पूर्व की यात्राओं के दौरान दिए गए भाषणों में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और उनकी सरकारों के खिलाफ किए गए दावों से देश की बदनामी नहीं हुई? पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दबाए जा रहे हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Health : स्वास्थ्य क्षेत्र में विदेशों पर भारत की निर्भरता कम करने की कोशिश : मोदी

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Trying to reduce India's dependence on foreign countries in the health sector: Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Mar 2023 05:42 PM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान दवाओं, टीकों और चिकित्सकीय उपकरणों जैसे जीवन रक्षकों का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया गया। उनकी सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में विदेशों पर भारत की निर्भरता कम करने की लगातार कोशिश कर रही है।

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‘स्वास्थय एवं चिकित्सकीय अनुसंधान’ विषय पर आयोजित बजट के बाद एक वेबिनार में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दशकों से स्वास्थ्य क्षेत्र में एकीकृत दृष्टिकोण व दीर्घकालिक नजरिये की कमी से जूझ रहा था, लेकिन उनकी सरकार ने इसे केवल स्वास्थ्य मंत्रालय तक ही सीमित नहीं रखा और इसे संपूर्ण सरकार का नजरिया बनाया। उन्होंने क्षेत्र में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे उद्यमियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत को किसी भी प्रौद्योगिकी का आयात न करना पड़े और वह आत्मनिर्भर बने।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इलाज को वहनीय बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत (सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना) और ‘जन औषधि’ केंद्रों (जहां सस्ती दरों पर दवाएं बेची जाती हैं) ने नागरिकों के क्रमश: 80 हजार करोड़ और 20 हजार करोड़ रुपये बचाए हैं। मोदी ने कहा कि देश के दवा क्षेत्र ने वैश्विक महामारी के दौरान वैश्विक स्तर पर विश्वास अर्जित किया। उन्होंने इस क्षेत्र में विश्वास का निर्माण और पूंजीकरण करने का आग्रह किया।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार केवल स्वास्थ्य देखभाल पर ही नहीं, बल्कि नागरिकों के पूर्ण कल्याण पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि अब महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को टियर-2 शहरों और छोटी बस्तियों में ले जाया जा रहा है, जिससे वहां एक स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है कि लोगों को उनके घरों के पास जांच सुविधाओं सहित इलाज भी मुहैया कराया जाए। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।