मकर संक्रांति पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब, श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

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Maha Kumbh 2025
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:21 PM
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Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज । प्रयागराज में पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर भजन-कीर्तन और जयकारों के साथ शुरू हुए महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) में आज पहला अमृत स्नान है। मकर संक्रांति के मौके पर विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई, जिसे ‘अमृत स्नान’ (शाही स्नान) कहा जाता है। यह महाकुंभ 12 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है, हालांकि संतों का दावा है कि इस आयोजन के लिए 144 वर्षों के बाद एक बहुत ही दुर्लभ मुहूर्त बना है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था। सबसे पहले परम्परानुसार अखाड़ा महानिर्वाणी ने संगम में अमृत स्नान किया उनके साथ श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा भी था। दोपहर 12 बजे तक संगम में 1 करोड़ 60 लाख श्रद्घालुओं ने डुबकी लगा ली थी। उप्र के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर कई अखाड़ों के साधु संतों ने ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:35 बजे ही संगम में डुबकी लगा ली। निरंजनी अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा ने पवित्र स्नान किया। सुबह 8 बजे तक 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगा ली थी और यह आंकड़ा बढ़ता ही जाएगा। [caption id="attachment_181933" align="aligncenter" width="800"]Maha Kumbh 2025 Maha Kumbh 2025[/caption]

तीर्थराज प्रयागराज  में जब उजाले की एक किरण तक नहीं निकली थी, हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मकर संक्रांति के पावन पर्व पर महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पहुंचे। पवित्र स्नान का यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाता नजर आ रहा था। ब्रह्म मुहूर्त में ही लोगों ने पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।

पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया।

Maha Kumbh 2025

नागवासुकी मंदिर और संगम क्षेत्र में तडक़े से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। बुजुर्ग, महिलाएं और युवा, सभी अपने सिर पर गठरी लादे आस्था से भरे हुए संगम की ओर बढ़ते दिखे। स्नान के लिए श्रद्धा ऐसी थी कि लोग रात से ही गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाना शुरू कर चुके थे।

Maha Kumbh 2025 :

महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए। हर मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की गहन जांच की गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती से पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा। डीआईजी कुम्भ मेला वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी समेत पुलिस टीम ने घोड़े के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया और अमृत स्नान जा रहे अखाड़ा साधुओं का मार्ग प्रशस्त किया।

Maha Kumbh 2025

महाकुम्भ के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम तट पर आस्था और दिव्यता का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। एक ओर अखाड़े के साधु-संत अपने विशिष्ट अंदाज में स्नान कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हजारों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। संगम तट पर ऐसे अनगिनत दृश्य देखने को मिले, जहां पिता अपने पुत्र को कंधे पर बिठाकर स्नान करा रहे थे। वहीं, कुछ स्थानों पर वृद्ध पिता को उनका पुत्र स्नान कराने लाया था। ये नजारे रिश्तों की गहराई और भारतीय संस्कृति के पारिवारिक मूल्यों की झलक पेश करते हैं।

भगवे और तिरंगे का संगम

महाकुंभ के अद्वितीय आयोजन में भगवा और तिरंगे का संगम भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बन गया है। संगम तट पर सनातन परंपरा का प्रतिनिधित्व करते भगवा ध्वज जहां धर्म और आस्था की गहराई को दर्शाते हैं, वहीं भारत की एकता और अखंडता का परिचायक तिरंगा भी शान से लहराता नजर आया। मंगलवार को तिरंगे ने कई अखाड़ों की राजसी शोभायात्रा का हिस्सा बनकर महाकुंभ के इस दिव्य आयोजन में गौरव का एक नया आयाम जोड़ा। यह दृश्य न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को जागृत करता है, बल्कि भारत की विविधता में एकता को भी खूबसूरती से दर्शाता है।

अनुभव करें अनुपम दिव्यता

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसा अलौकिक अनुभव है, जो कण-कण में दिव्यता का आभास कराता है। यह उत्सव केवल आंखों से देखा ही नहीं, बल्कि दिल से महसूस किया जाता है। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और समाज की सामूहिकता को भी दर्शाता है। यह उत्सव हर किसी के लिए एक अद्वितीय अनुभव और आत्मा को शांति प्रदान करने का माध्यम है।

श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

महाकुम्भ के इस पावन अवसर पर रात और दिन का कोई भेद नहीं रह गया है। पूरी रात श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा। चहल-पहल से गूंजते संगम तट पर हर व्यक्ति अपने हिस्से की आस्था और दिव्यता को आत्मसात करने में लीन दिखा। भारत की असंख्य विविधताओं के बीच अद्भुत एकता दिखाई दे रही है। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु अपनी परंपराओं, भाषाओं और वेशभूषाओं के साथ एक ही उद्देश्य से संगम पर पहुंचे हैं और वो है पवित्र स्नान और आध्यात्मिक अनुभव।

घाटों पर गूंजे हर-हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष

12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए। साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई। संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई। इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। Maha Kumbh 2025 :

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AMU प्रोफेसर के कारनामे का खुला झूठा नकाब, लम्बे समय से महिला बनकर देता था...

AMU
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:01 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) अक्सर सुर्खियों का हिस्सा बना रहता है। ऐसे में AMU एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है। दरअसल AMU के एक प्रोफेसर पर आरोप है कि उन्होंने महिलाओं और छात्रों के नाम से झूठी शिकायतें अपनी एक अन्य सहयोगी प्रोफेसर के खिलाफ भेजी। इन शिकायतों में प्रोफेसर पर छात्रों को परेशान करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन जब इस मामले का खुलासा हुआ तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

सीसीटीवी से खुली सारी सच्चाई

इस मामले में तब नया मोड़ आया जब विश्वविद्यालय प्रशासन को लगातार ऐसी झूठी शिकायतों की सूचना मिली। जब ये शिकायतें बहुत अधिक संख्या में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में पहुंचने लगीं, तो प्रशासन ने गंभीरता से मामले को देखा और पुलिस से जांच करने की मांग की। पुलिस ने जांच में कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज की मदद से यह पता लगाया कि प्रोफेसर खुद डाकघर जाकर ये झूठी शिकायतें भेज रहे थे। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत प्रोफेसर को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा। लेकिन जब वह जवाब देने में असफल रहे तो उन्हें निलंबित कर दिया गया। साथ ही, उन्हें यह चेतावनी दी गई कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक वह जिले से बाहर नहीं जा सकते। इधर, दूसरे प्रोफेसर (जिसके खिलाफ शिकायत की जा रही थी) को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

गलत तरीके से की जा रही थी शिकायत

AMU प्रॉक्टर वसीम अली ने जानकारी देते हए बताया कि, रसायन विभाग के प्रोफेसर के द्वारा दूसरे प्रोफेसर की गलत तरीके से शिकायत की जा रही थी। इसको लेकर उनसे जवाब मांगा गया था। प्रोफेसर के द्वारा कोई  संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया है पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इस पूरी घटना से AMU में हलचल पैदा हो गई है जिसके बाद छात्रों और शिक्षकों के बीच भी कई तरह की चर्चाएं हो रही है। UP News

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गोरखपुर मंदिर में CM योगी ने चढ़ाई पहली खिचड़ी, प्रदेशवासियों से की खास अपील

Mahakumbh
Mahakumbh 2025
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:54 PM
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Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर पहली खिचड़ी चढ़ाई और प्रदेशवासियों को इस पर्व की शुभकामनाएं दीं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मंदिर में पूजा-पाठ के बाद उन्होंने कहा कि, मकर संक्रांति भारतीय परंपरा का महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है और यह सामाजिक और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

CM योगी ने चढ़ाई पहली खिचड़ी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर मंदिर में पहली खिचड़ी चढ़ाकर कहा कि, आज मकर संक्रांति का पावन पर्व है। इस मौके पर मैं प्रदेश वासियों संतों, आम जनों को हार्दिक बधाई देता हूं। मकर संक्रांति भारत की पावन परंपरा का ऐसा पर्व है जो सूर्य देवता को अर्पण का पर्व है। पूरी श्रद्धा के साथ लोग इस आयोजन के साथ जुड़ते हैं। उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम में लोग इस पर्व को मनाते हैं। सनातन धर्म के लोगों को एक सूत्र में जोड़ने के लिए संतों ने इस परंपरा से जोड़ा। पूर्व में बिहू, पंजाब में लोहिड़ी, बंगाल-महाराष्ट्र में तिलुआ संक्रांति और उत्तर भारत मे खिचड़ी संक्रांति के रूप में मनाते हैं।

डेढ़ करोड़ लोग लगा चुके आस्था की डुबकी

सीएम योगी ने महाकुंभ के बारे में बात करते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ का रूप अकल्पनीय है। उन्होंने बताया कि इस सदी के पहले महाकुंभ में अब तक डेढ़ करोड़ लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, और लाखों लोग तीन बजे से संगम में स्नान करने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान विदेशी श्रद्धालु भी स्नान करने के लिए उपस्थित हैं, जो भारत की संस्कृति और आस्था के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाता है।

हजारों श्रद्धालुओं को खिचड़ी चढ़ाने का अवसर

सीएम योगी ने कहा कि, यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी अर्पित करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस दौरान उन्होंने मंदिर और तीर्थ स्थलों की स्वच्छता बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि हमें इस पवित्र दिन को मनाते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे धार्मिक स्थल और पर्यावरण स्वच्छ रहें। उन्होंने सभी से अपील की कि वे प्लास्टिक का उपयोग न करें और शासन-प्रशासन के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से मकर संक्रांति के इस पावन पर्व को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाने की अपील की और उन्हें इस अवसर पर ढेर सारी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व हम सभी को सशक्त और एकजुट बनाने का संदेश देता है और हम सभी मिलकर इस पर्व को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाएं। आपको बता दें कि करोड़ों लोग उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ का इंतजार कर रहे थे जो कि अब खत्म हो चुका है और करोड़ों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी है। इसके अलावा हजारों श्रद्धालुओं ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मंदिर में खिचड़ी भी चढ़ाई है। Mahakumbh 2025

घर में बैठे हुए भी कमा सकते हैं महाकुंभ में स्नान का पुण्य

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