Ajab : इस मंदिर में महिलाएं करती हैं अपने बाल दान, जानिए रोचक जानकारी

भारत देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) से कई रहस्य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए देश-विदेश से बड़ी तादाद में भक्त पहुंचते हैं। हालांकि कोरोना के कारण फिलहाल यहां कई पाबंदियां लगाई गईं हैं।
इस मंदिर को लेकर सबसे खास बात है कि यहां भक्त अपने सिर के बाल दान करके जाते हैं। खास बात यह है कि यहां पर महिलाएं भी अपने बाल दान करती हैं और पूरी तरह से सिर गंजा कराती हैं। ऐसा शायद ही दुनिया के किसी अन्य मंदिर में होता है। कहते हैं कि तिरुपति बालाजी में व्यक्ति अपने जितने बाल दान करता है भगवान उससे 10 गुना धन लौटाते हैं। यहां बाल दान करने वालों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है।
महिलाएं भी दान करती हैं अपने बाल भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर में न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी अपने बाल दान करती हैं। महिलाएं धन प्राप्ति के अलावा भी कई मन्नतें मांगती हैं और मन्नत पूरी होने पर अपने लंबे बाल दान करती हैं। यह भी कहा जाता है जो व्यक्ति तिरुपति बालाजी में अपने बाल दान करके जाता है, वह बालों के रूप में अपने पाप और बुराइयों को भी यहां छोड़कर चला जाता है। इससे भगवान उन पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। आमतौर पर रोज यहां 20 हजार लोग अपने बाल दान करते हैं। इसके लिए 500 से ज्यादा नाई यहां पर हर रोज अपनी सेवाएं देते हैं।
क्यों किए जाते हैं बाल दान तिरुपति में बाल दान करने से मां लक्ष्मी की कृपा पाने और मनोकामनाएं पूरी होने के पीछे एक पौराणिक वजह छिपी हुई है। पौराणिक कथा के मुताबिक प्राचीन काल में भगवान बालाजी के विग्रह पर चीटियों का पहाड़ बन गया था। उस पहाड़ पर रोजाना एक गाय आती थी और दूध देकर चली जाती थी। इससे गाय का मालिक नाराज हो गया और उसने कुल्हाड़ी से गाय का वध कर दिया। इस हमले के दौरान बालाजी के सिर पर भी चोट आ गई, साथ ही उनके सिर के बाल भी गिर गए। तब उनकी मां नीला देवी ने अपने बाल काटकर बालाजी के सिर पर रख दिए। ऐसा करते ही भगवान का जख्म तुरंत ठीक हो गया।
इससे प्रसन्न होकर भगवान नारायण ने कहा कि बाल शरीर को सुंदरता देते हैं और आपने मेरे लिए उनका आसानी से त्याग कर दिया। इसलिए आज से जो भी मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी। तब से ही भक्त बालाजी मंदिर में अपने बाल कर रहे हैं। आज भी तिरुपति बालाजी के मंदिर के पास एक पहाड़ को नीलादरी हिल्स कहते हैं और इसके पास मां नीला देवी का मंदिर भी है।
भारत देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) से कई रहस्य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए देश-विदेश से बड़ी तादाद में भक्त पहुंचते हैं। हालांकि कोरोना के कारण फिलहाल यहां कई पाबंदियां लगाई गईं हैं।
इस मंदिर को लेकर सबसे खास बात है कि यहां भक्त अपने सिर के बाल दान करके जाते हैं। खास बात यह है कि यहां पर महिलाएं भी अपने बाल दान करती हैं और पूरी तरह से सिर गंजा कराती हैं। ऐसा शायद ही दुनिया के किसी अन्य मंदिर में होता है। कहते हैं कि तिरुपति बालाजी में व्यक्ति अपने जितने बाल दान करता है भगवान उससे 10 गुना धन लौटाते हैं। यहां बाल दान करने वालों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है।
महिलाएं भी दान करती हैं अपने बाल भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर में न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी अपने बाल दान करती हैं। महिलाएं धन प्राप्ति के अलावा भी कई मन्नतें मांगती हैं और मन्नत पूरी होने पर अपने लंबे बाल दान करती हैं। यह भी कहा जाता है जो व्यक्ति तिरुपति बालाजी में अपने बाल दान करके जाता है, वह बालों के रूप में अपने पाप और बुराइयों को भी यहां छोड़कर चला जाता है। इससे भगवान उन पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। आमतौर पर रोज यहां 20 हजार लोग अपने बाल दान करते हैं। इसके लिए 500 से ज्यादा नाई यहां पर हर रोज अपनी सेवाएं देते हैं।
क्यों किए जाते हैं बाल दान तिरुपति में बाल दान करने से मां लक्ष्मी की कृपा पाने और मनोकामनाएं पूरी होने के पीछे एक पौराणिक वजह छिपी हुई है। पौराणिक कथा के मुताबिक प्राचीन काल में भगवान बालाजी के विग्रह पर चीटियों का पहाड़ बन गया था। उस पहाड़ पर रोजाना एक गाय आती थी और दूध देकर चली जाती थी। इससे गाय का मालिक नाराज हो गया और उसने कुल्हाड़ी से गाय का वध कर दिया। इस हमले के दौरान बालाजी के सिर पर भी चोट आ गई, साथ ही उनके सिर के बाल भी गिर गए। तब उनकी मां नीला देवी ने अपने बाल काटकर बालाजी के सिर पर रख दिए। ऐसा करते ही भगवान का जख्म तुरंत ठीक हो गया।
इससे प्रसन्न होकर भगवान नारायण ने कहा कि बाल शरीर को सुंदरता देते हैं और आपने मेरे लिए उनका आसानी से त्याग कर दिया। इसलिए आज से जो भी मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी। तब से ही भक्त बालाजी मंदिर में अपने बाल कर रहे हैं। आज भी तिरुपति बालाजी के मंदिर के पास एक पहाड़ को नीलादरी हिल्स कहते हैं और इसके पास मां नीला देवी का मंदिर भी है।





