Agriculture : खराब मौसम के बावजूद पंजाब में गेहूं खरीद अधिक रहने की उम्मीद

Agriculture : खराब मौसम के बावजूद पंजाब में गेहूं खरीद अधिक रहने की उम्मीद
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Apr 2023 08:55 PM
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चंडीगढ़। पंजाब में मौजूदा रबी सत्र में गेहूं की खरीद खराब मौसम में फसल की बर्बादी के बावजूद इस साल बढ़कर 1.20 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। पंजाब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य की मंडियों में फसल की आवक को देखते हुए पंजाब में 1.20 करोड़ टन गेहूं खरीद होने की उम्मीद है। पिछले साल गेहूं खरीद 96.47 लाख टन रही थी।

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बारिश और ओले से कई जिलों में हुआ फसलों को भारी नुकसान

पिछले सत्र में मार्च के दौरान अचानक गर्मी बढ़ने के कारण फसल पर मौसम का विपरीत प्रभाव पड़ा था। इस साल मार्च और अप्रैल में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण पंजाब के फाजिल्का, मुक्तसर, मोगा और पटियाला जिलों समेत कई स्थानों पर गेहूं और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

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19 क्विंटल प्रति एकड़ उपज का अनुमान

खराब मौसम से राज्य में कुल 34.90 लाख हेक्टेयर फसल में से लगभग 14 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। हालांकि, फसल कटाई प्रयोगों के दौरान राज्य के कृषि विभाग ने 47.24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर या 19 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज का अनुमान लगाया है। इसके परिणामों से विभाग को उम्मीद है कि गेहूं का उत्पादन 160-165 लाख टन रहेगा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Business : खुदरा व्यापारियों पर सरकार मेहरबान, मिलेगा बीमा का लाभ

Traders 1
Government is kind to retail traders, will get the benefit of insurance
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:31 AM
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नई दिल्ली। सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में पंजीकृत व्यापारियों के लिए जल्द एक राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति और दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा कर सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित नीति से व्यापारियों को बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा और साथ ही वे अधिक कर्ज भी ले सकेंगे।

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खुदरा क्षेत्र में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाजार है भारत

अधिकारी ने कहा कि इस नीति में सस्ते और सुगम कर्ज, खुदरा व्यापार का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण, वितरण श्रृंखला के लिए आधुनिक ढांचागत समर्थन, कौशल विकास और श्रम उत्पादकता में सुधार और एक प्रभावी परामर्श और शिकायत निपटान तंत्र का प्रावधान हो सकता है। भारत वैश्विक स्तर पर खुदरा क्षेत्र में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा गंतव्य है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर सभी जीएसटी-पंजीकृत खुदरा व्यापारियों के लिए एक बीमा योजना पर भी काम कर रहा है।

राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति भी ला रही है सरकार

अधिकारी ने कहा कि सरकार न केवल ई-कॉमर्स में नीतिगत बदलाव की कोशिश कर रही है, बल्कि व्यापारियों के लिए एक राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति भी ला रही है, जिससे कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी, ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होंगी और व्यापारियों को ज्यादा कर्ज के साथ अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। प्रस्तावित नीति के तहत, एक केंद्रीकृत और कंप्यूटरीकृत निरीक्षण प्रणाली के अलावा व्यापारियों के लिए एकल खिड़की मंजूरी तंत्र विकसित किया जा सकता है।

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अब तक नहीं है खुदारा कारोबार के लिए कोई नीति

व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि खुदरा व्यापार नीति से निश्चित रूप से इस क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि खुदरा कारोबार अर्थव्यवस्था का एकमात्र क्षेत्र है, जिसके लिए कोई नीति नहीं है। व्यापारियों के लिए बीमा योजना से अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को मान्यता मिलेगी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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New Delhi : आपूर्ति श्रृंखला में ‘गुम कड़ी’ का पता लगा रहे हैं जीएसटी अधिकारी

Gst
GST officials are finding the 'missing link' in the supply chain
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Apr 2023 06:09 PM
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नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी किसी क्षेत्र विशेष की आपूर्ति श्रृंखला में कर चोरी को पकड़ने के लिए डेटा विश्लेषण का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके जरिये अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि आपूर्ति श्रृंखला में किसी स्तर पर कर चोरी तो नहीं हुई है।

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एक वर्ष में एक लाख करोड़ की जीएसटी की चोरी

बीते वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता चला है। ऐसे में जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने अनुपालन को बेहतर करने के लिए शुरुआती स्तर पर ही कर चोरी को पकड़ने के अपने प्रयासों को तेज किया है। एक अधिकारी ने कहा कि हम किसी क्षेत्र के लिए ‘एंड-टू-एंड’ विश्लेषण और आपूर्ति श्रृंखला में कर भुगतान का आकलन कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कोई ऐसी कड़ी तो नहीं छूट गई है, जिसमें कर का भुगतान नहीं हुआ है। डेटा विश्लेषण के तहत किसी क्षेत्र में कर भुगतान की पूर्ववर्ती उत्पाद एवं सेवा कर व्यवस्था के भुगतान से तुलना की जाती है।

जरूरत पड़ने पर कानून में बदलाव संभव

अधिकारी ने कहा कि अब जबकि जीएसटी प्रणाली स्थिर हो गई है, हम इसे और सुव्यवस्थित करने का प्रयास कर रहे हैं। हम यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या जीएसटी के तहत आने वाले सभी क्षेत्र करों के अपने हिस्से का भुगतान कर रहे हैं। विश्लेषण के बाद अगर विभाग को लगता है कि कानून या शुल्क में कुछ बदलावों की आवश्यकता है, तो इसे अनुमोदन के लिए जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जाएगा। डेटा विश्लेषण एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन विनिर्माण के चरण में ही जीएसटी चोरी की जांच करने के लिए यह जरूरी है। यह अनुपालन में सुधार सुनिश्चित करते हुए राजस्व बढ़ाने में मदद करेगा।

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सालाना आधार पर दोगुनी हो गई कर चोरी

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि डीजीजीआई को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए कई प्रौद्योगिकी उपकरणों के साथ सशक्त किया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 में कर अधिकारियों ने 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया है। सालाना आधार पर कर चोरी लगभग दोगुनी हो गई है। डीजीजीआई ने इस दौरान 21,000 करोड़ रुपये की वसूली की है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।