सर्द रात का सन्नाटा बदल गया चीख पुकार में, ताज होटल में बिछी थी लाशों की गठरी, पढ़िए 26/11 की दर्दनाक दस्तां

शाम को निकले थे नापाक मंसूबों को अंजाम देने
एक नाव के जरिए पाकिस्तान के कराची से सभी 10 आतंकी मुंबई के लिए निकले थे। समंदर के रास्ते ही आतंकवादियों ने मुंबई में एंट्री की। भारतीय नौसेना को चकमा देने के लिए रास्ते में उन्होंने एक भारतीय नाव को अगवा किया और नाव में सवार सभी लोगों को मार गिराया। इसी नाव के जरिए वे रात करीब 8 बजे कोलाबा के पास मछली बाजार में उतरे। कुछ नए चेहरों को देखकर स्थानीय मछुआरों को उनपर शक हुआ। जिसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में ले लिया। 26 नवंबर के दिन आतंकवादियों ने पहलें मुंबई में सबकुछ चेक कर लिया और शाम को अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए निकल पड़े।छत्रपति शिवाजी टर्मिनल को बनाया निशाना
बताया जाता है कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कोलाबा से 4-4 के समूहों में टैक्सी पकड़ी और अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए आगे बढ़ गए। आतंकियों का एक दस्ता रात साढ़े 9 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पहुंचा। सभी के हाथों में एके-47 राइफलें थीं, उन्होंने यहां ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी थी। इन हमलावरों में अजमल कसाब भी शामिल था। जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ लिया था। सीएसटी रेलवे स्टेशन पर फायरिंग की घटना पर पुलिस जैसे ही निकली। विले पारले इलाके में भी गोलाबारी की खबर मिली। इसके बाद आतंकियों ने मुंबई की कई नामचीन जगहों को टारगेट किया। जिसमें मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था।तीन दिनों तक चलता रहा मुठभेड़
26/11 हमले में मुंबई के ताज होटल में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच तीन दिनों तक मुठभेड़ चलती रही। जब पुलिस और सेना के ऑपरेशन फेल होते नजर आ रहे थे। तब एनएसजी कमांडोज को बुलाया गया। एनएसजी कमांडोज ने एक-एक कर सभी आतंकियों को मौत की नींद सुला दी। उनकी बहादुरी के चलते भारत पर आया ये संकट टला। 26/11 हमले में मुंबई के ताज होटल में काफी नुकसान हुआ था।ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के ऐलान पर चीन का पलटवार, कहा-‘जीत तो किसी की भी नही होगी’
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शाम को निकले थे नापाक मंसूबों को अंजाम देने
एक नाव के जरिए पाकिस्तान के कराची से सभी 10 आतंकी मुंबई के लिए निकले थे। समंदर के रास्ते ही आतंकवादियों ने मुंबई में एंट्री की। भारतीय नौसेना को चकमा देने के लिए रास्ते में उन्होंने एक भारतीय नाव को अगवा किया और नाव में सवार सभी लोगों को मार गिराया। इसी नाव के जरिए वे रात करीब 8 बजे कोलाबा के पास मछली बाजार में उतरे। कुछ नए चेहरों को देखकर स्थानीय मछुआरों को उनपर शक हुआ। जिसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में ले लिया। 26 नवंबर के दिन आतंकवादियों ने पहलें मुंबई में सबकुछ चेक कर लिया और शाम को अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए निकल पड़े।छत्रपति शिवाजी टर्मिनल को बनाया निशाना
बताया जाता है कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कोलाबा से 4-4 के समूहों में टैक्सी पकड़ी और अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए आगे बढ़ गए। आतंकियों का एक दस्ता रात साढ़े 9 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पहुंचा। सभी के हाथों में एके-47 राइफलें थीं, उन्होंने यहां ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी थी। इन हमलावरों में अजमल कसाब भी शामिल था। जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ लिया था। सीएसटी रेलवे स्टेशन पर फायरिंग की घटना पर पुलिस जैसे ही निकली। विले पारले इलाके में भी गोलाबारी की खबर मिली। इसके बाद आतंकियों ने मुंबई की कई नामचीन जगहों को टारगेट किया। जिसमें मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था।तीन दिनों तक चलता रहा मुठभेड़
26/11 हमले में मुंबई के ताज होटल में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच तीन दिनों तक मुठभेड़ चलती रही। जब पुलिस और सेना के ऑपरेशन फेल होते नजर आ रहे थे। तब एनएसजी कमांडोज को बुलाया गया। एनएसजी कमांडोज ने एक-एक कर सभी आतंकियों को मौत की नींद सुला दी। उनकी बहादुरी के चलते भारत पर आया ये संकट टला। 26/11 हमले में मुंबई के ताज होटल में काफी नुकसान हुआ था।ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के ऐलान पर चीन का पलटवार, कहा-‘जीत तो किसी की भी नही होगी’
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