धर्म - अध्यात्म : बड़ा ही दुर्लभ है परमात्मा के प्रेम में जाग जाना!

Spritual 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Nov 2021 04:38 AM
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विनय संकोची

आज मनुष्य अज्ञानता के अंधेरे में इस तरह भटक गया है कि सत्य-असत्य, ज्ञान-अज्ञान, अच्छे-बुरे और अंधेरे-उजाले में पहचान करने का समय उसके पास नहीं है। मानव सांसारिक बाधाओं में इस तरह उलझ रहा है कि उसके जीवन में शांति और सौहार्द लगभग विदा से हो गए हैं। यूं तो कहने के लिए हर वक्त हर कोई शांति की ही बात कर रहा है, लेकिन शांति कहीं दिखाई नहीं दे रही, क्योंकि शांत होना बड़ी ही विलक्षण घटना है और इसका संबंध भीतर से है। जब-जब मनुष्य अपने को अंधकार में पाता है, तब-तब वह अशांति के भंवर में चला जाता है। उसमें से वह तब तक नहीं निकल पाता, जब तक उसका वह अंधेरा मिट नहीं जाता है।

वास्तविक अंधकार भी भीतर का है और वास्तविक दिव्य प्रकाश भी भीतर ही घटता है। जब हम कहते हैं - 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' तो वह किसी वाह्य प्रकाश की बात नहीं है। जीवन संसार से जुड़ा है और संसार जीवन से जुड़ा है। एक दूसरे का अस्तित्व एक एक दूसरे के साथ है। अलग-अलग नहीं। जीवन है, तो संसार भी है। इसीलिए जीवन पर सांसारिक छाया का पड़ना स्वाभाविक ही है। परंतु जब अंदर प्रकाश फूटता है तो सांसारिक अंधकार भीतर प्रवेश नहीं कर पाता है और अंतर की ज्योति सदैव हमारे चित्त को प्रकाशित करती रहती है। अंतर की इस व्यवस्था को जागरण कहते हैं।

हमारी परंपरा सनातनता की प्रतीक है। मानवता का पाठ पढ़ाने के लिए किसी नए पंथ और संप्रदाय की नींव रखने की आवश्यकता नहीं है। हमारे धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में वह सब मौजूद है जो इंसान को उसका अस्तित्व बताने और जताने के लिए पर्याप्त है। समाज को स्वस्थ शक्तिमान एवं संपूर्ण बनाने के लिए हमें अपने धर्म ग्रंथों में प्रतिपादित दर्शन की पुनर्स्थापना करनी होगी। उन्हें मनुष्य के जीवन में उतारना होगा उसके अनुरूप ही जीवन बनाना होगा। तब कहीं जाकर स्वयं की अनुभूति हो सकेगी, हम सत्य के निकट पहुंच सकेंगे, यही मात्र उपाय है मानवता और नैतिकता के पुनर्जागरण का।

सत्य की अनुभूति तब होगी, जब भीतर बाहर एक ही स्वर चले, एक ही संगीत बजे, एक ही सुगंध उठे। शरीर से किया गया हर पूजा-पाठ, जप-तप अंतर्मन की हिलोर से हो, हम जड़ से चेतन की यात्रा करें, स्थूल से सूक्ष्म का मार्ग ढूंढें, सीमित से निकलकर असीमित हों, क्योंकि जलने वाली आग भी अंतस में है और जलाने वाली लकड़ियां भी।

सत्य को पा लेना या परमात्मा के प्रेम में जाग जाना बड़ा ही दुर्लभ कार्य है। इस राह पर करोड़ों लोग चलते हैं पर कोई इक्का-दुक्का बुद्ध पुरुष ही अपनी मंजिल तय कर पाता है। कारण साफ है कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, मन से नहीं, प्राणों से नहीं, आत्मा से नहीं। मंदिर भी जाते हैं, मस्जिद में जाते हैं, चर्च भी जाते हैं, गुरुद्वारे भी जाते हैं, तीर्थ भी जाते हैं, पर हर जगह शरीर से, मन से नहीं, आत्मा से नहीं। आध्यात्मिक प्रवचन स्थलों पर भी पहुंच कर कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हम कोई गहन चिंतन नहीं करते, दूसरे की पीड़ाओं पर मंथन नहीं करते।

मानव परमात्मा का अमृत पुत्र है। मानव आत्मा के रूप में परमात्मा का अंश है। एक शरीर से दूसरे शरीर में आत्मा का आवागमन जीवन की अनवरतता एवं अमरता का द्योतक है। आत्मा किस योनि में जाती है, यह मनुष्य के कर्मों पर निर्भर है। महापुरुषों ने इस ज्ञान को आत्मसात कर मनुष्य में परमात्मा के प्रति भक्ति जगाने के लिए उसे मनुष्य बनाने के महत्व को समझा और जन्म से लेकर मृत्यु तक पहले से अंतिम सांस तक उसे उसके कर्तव्य के प्रति आगाह किया।

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विनय संकोची

आज मनुष्य अज्ञानता के अंधेरे में इस तरह भटक गया है कि सत्य-असत्य, ज्ञान-अज्ञान, अच्छे-बुरे और अंधेरे-उजाले में पहचान करने का समय उसके पास नहीं है। मानव सांसारिक बाधाओं में इस तरह उलझ रहा है कि उसके जीवन में शांति और सौहार्द लगभग विदा से हो गए हैं। यूं तो कहने के लिए हर वक्त हर कोई शांति की ही बात कर रहा है, लेकिन शांति कहीं दिखाई नहीं दे रही, क्योंकि शांत होना बड़ी ही विलक्षण घटना है और इसका संबंध भीतर से है। जब-जब मनुष्य अपने को अंधकार में पाता है, तब-तब वह अशांति के भंवर में चला जाता है। उसमें से वह तब तक नहीं निकल पाता, जब तक उसका वह अंधेरा मिट नहीं जाता है।

वास्तविक अंधकार भी भीतर का है और वास्तविक दिव्य प्रकाश भी भीतर ही घटता है। जब हम कहते हैं - 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' तो वह किसी वाह्य प्रकाश की बात नहीं है। जीवन संसार से जुड़ा है और संसार जीवन से जुड़ा है। एक दूसरे का अस्तित्व एक एक दूसरे के साथ है। अलग-अलग नहीं। जीवन है, तो संसार भी है। इसीलिए जीवन पर सांसारिक छाया का पड़ना स्वाभाविक ही है। परंतु जब अंदर प्रकाश फूटता है तो सांसारिक अंधकार भीतर प्रवेश नहीं कर पाता है और अंतर की ज्योति सदैव हमारे चित्त को प्रकाशित करती रहती है। अंतर की इस व्यवस्था को जागरण कहते हैं।

हमारी परंपरा सनातनता की प्रतीक है। मानवता का पाठ पढ़ाने के लिए किसी नए पंथ और संप्रदाय की नींव रखने की आवश्यकता नहीं है। हमारे धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में वह सब मौजूद है जो इंसान को उसका अस्तित्व बताने और जताने के लिए पर्याप्त है। समाज को स्वस्थ शक्तिमान एवं संपूर्ण बनाने के लिए हमें अपने धर्म ग्रंथों में प्रतिपादित दर्शन की पुनर्स्थापना करनी होगी। उन्हें मनुष्य के जीवन में उतारना होगा उसके अनुरूप ही जीवन बनाना होगा। तब कहीं जाकर स्वयं की अनुभूति हो सकेगी, हम सत्य के निकट पहुंच सकेंगे, यही मात्र उपाय है मानवता और नैतिकता के पुनर्जागरण का।

सत्य की अनुभूति तब होगी, जब भीतर बाहर एक ही स्वर चले, एक ही संगीत बजे, एक ही सुगंध उठे। शरीर से किया गया हर पूजा-पाठ, जप-तप अंतर्मन की हिलोर से हो, हम जड़ से चेतन की यात्रा करें, स्थूल से सूक्ष्म का मार्ग ढूंढें, सीमित से निकलकर असीमित हों, क्योंकि जलने वाली आग भी अंतस में है और जलाने वाली लकड़ियां भी।

सत्य को पा लेना या परमात्मा के प्रेम में जाग जाना बड़ा ही दुर्लभ कार्य है। इस राह पर करोड़ों लोग चलते हैं पर कोई इक्का-दुक्का बुद्ध पुरुष ही अपनी मंजिल तय कर पाता है। कारण साफ है कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, मन से नहीं, प्राणों से नहीं, आत्मा से नहीं। मंदिर भी जाते हैं, मस्जिद में जाते हैं, चर्च भी जाते हैं, गुरुद्वारे भी जाते हैं, तीर्थ भी जाते हैं, पर हर जगह शरीर से, मन से नहीं, आत्मा से नहीं। आध्यात्मिक प्रवचन स्थलों पर भी पहुंच कर कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हम कोई गहन चिंतन नहीं करते, दूसरे की पीड़ाओं पर मंथन नहीं करते।

मानव परमात्मा का अमृत पुत्र है। मानव आत्मा के रूप में परमात्मा का अंश है। एक शरीर से दूसरे शरीर में आत्मा का आवागमन जीवन की अनवरतता एवं अमरता का द्योतक है। आत्मा किस योनि में जाती है, यह मनुष्य के कर्मों पर निर्भर है। महापुरुषों ने इस ज्ञान को आत्मसात कर मनुष्य में परमात्मा के प्रति भक्ति जगाने के लिए उसे मनुष्य बनाने के महत्व को समझा और जन्म से लेकर मृत्यु तक पहले से अंतिम सांस तक उसे उसके कर्तव्य के प्रति आगाह किया।

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दैनिक राशिफल 10 नवंबर 2021- जानिए क्या कहते हैं आज आपके सितारे

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(PC- Jansatta)
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar10 Nov 2021 01:02 AM
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10 नवंबर 2021-(बुधवार) (Rashifal 10 November 2021) जानते हैं आपके दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) के मुताबिक कैसा बीतने वाला है आज आपका दिन-

मेष राशि -धन लाभ की संभावना है। व्यापारियों को बड़ा ऑर्डर मिलने की संभावना है। नौकरी पेशा लोग अपने काम को लेकर जागरूक होंगे। पारिवारिक रिश्तो में छोटी मोटी नोकझोंक हो सकती है। जीवन साथी के साथ रिश्ते मधुर होंगे। सर्वाइकल संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

वृषक राशि - मेहनत व पराक्रम का पूरा लाभ मिलेगा। कला क्षेत्र से जुड़े जातकों के लिए आज का दिन बेहतरीन साबित होने वाला है। सामाजिक व धार्मिक कार्यों में रुचि लेंगे। परिचित व्यक्ति से व्यापार के क्षेत्र में लाभ मिल सकता है। छात्रों को आज सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रेम संबंधों के लिए आज का दिन अनुकूल नहीं है। सम्बन्धों में खटास आ सकती हैं। ब्लड प्रेशर के मरीजों को सावधान रहने की आवश्यकता है। व्यायाम करना उचित रहेगा।

मिथुन राशि -आज का दिन खुशनुमा रहेगा। व्यवसाय के लिए आज का दिन अनुकूल है। नौकरी पेशा लोगों के लिए आज कोई खुशखबरी मिल सकती है। पारिवारिक रिश्तो में मिठास बढ़ेगा। संबंधों में नज़दीकियां आएंगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मानसिक तनाव हो सकता है।

कर्क राशि- दिन सुख सुविधा से परिपूर्ण व्यतीत होगा। कार्यक्षेत्र में थोड़ी कठिनता देखने को मिल सकती है। परिवार और बच्चों के साथ दिन अच्छा व्यतीत होगा। जीवनसाथी से मतभेद हो सकता है। माता का आशीर्वाद मिलेगा। दुर्घटना के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं।

सिंह राशि- व्यापार पर आकस्मिक धन लाभ की संभावना है। इंटीरियर डिजाइनिंग के कार्यक्षेत्र से जुड़े हुए जातकों के लिए आज का दिन शुभ फलदायक है। व्यापार में बड़ा ऑर्डर मिल सकता है। नौकरी पेशा लोगों को आज बड़े अधिकारियों से सराहना मिलेगी। परिवार में कलह की संभावना है। क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मन शांत रहेगा।

कन्या राशि -आज का दिन कार्यक्षेत्र में सम्मान दिलाने वाला होगा। आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ सकते हैं। व्यापार से जुड़े जातकों का दिन सामान्य रहेगा। पारिवारिक जीवन में मधुरता आएगी। जीवन साथी के साथ रिश्तो में मधुरता आएगी। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। थकान का अनुभव कर सकते हैं।

तुला राशि - व्यापारिक कार्यों में थोड़ी रूकावट हो सकती है। आर्थिक हानि की भी संभावना है। सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लालच से दूर रहने की आवश्यकता है। परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा। सायं काल के समय जीवनसाथी से किसी जरूरी मुद्दे पर बातचीत हो सकती है। स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

वृश्चिक राशि -परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहेंगी। आर्थिक विषयों में अधिक गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। कार्य क्षेत्र में अधिक मेहनत का दबाव रहेगा। पारिवारिक माहौल शांत रह सकता है। भाई के साथ संबंधों में थोड़ी कटुता आ सकती है। मौसमी बीमारियों का प्रकोप हो सकता है।

धनु राशि - आज का दिन सामान्य रहने वाला है। ऑटोमोबाइल से जुड़े जातकों के लिए आज का दिन बेहतरीन साबित होने वाला है। नौकरी पेशा चाहत को को कार्यक्षेत्र में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नए घर खरीदने की योग बनते दिखाई दे रहे हैं। वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी। प्रेम संबंधों में मिठास आएगी। बड़े बुजुर्गों का पूरा आशीर्वाद मिलेगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा, लेकिन आलस्य हावी रहेगा जिसकी वजह से शारीरिक ऊर्जा में कमी देखी जाएगी।

मकर राशि -व्यापार में विवाद का सामना करना पड़ सकता है। नौकरी पेशा लोगों को विवादों से बचने की आवश्यकता है। दूसरों के काम में दखल देने से बचें। पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। क्रोध एवं वाणी पर नियंत्रण रखें। डायबिटीज के मरीजों को लिए सावधानी रखने की आवश्यकता है।

कुंभ राशि -कार्य क्षेत्र में विवाद होने की संभावना है। नौकरी पेशा जातकों को किसी के काम में दखल देने से बचना चाहिए। बीमा व्यवसाय से जुड़े जातकों के लिए लाभ के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। घर का माहौल खुशनुमा रहेगा। पड़ोसियों के साथ संबंधों में मधुरता आएगी। सायं काल का समय धार्मिक कार्यों में व्यतीत हो सकता है।

मीन राशि - व्यापार से जुड़े जातकों को आज लाभ मिलेगा। नौकरीपेशा लोग अपने उच्च अधिकारियों को प्रभावित करने में सफल होंगे। संतान से सुख मिलेगा। जीवन साथी से बहस होने की उम्मीद है। किसी यात्रा पर जाने की योग बनते दिखाई दे रहे हैं। पेट संबंधी छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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