Hindi Kavita – स्त्रियाँ




Hindi kahani : एक बार की बात है। एक शहर में एक बहुत ही मशहूर चित्रकार रहता था। एक दिन उस चित्रकार ने एक बहुत खूबसूरत तस्वीर बनाई और उसे शहर के बीच चौराहे पर लगा दिया और नीचे लिखा कि जिसको जहाँ भी इस तस्वीर में कोई कमी नजर आये तो वो वहाँ निशान लगा दे।
जब शाम को चित्रकार वापस वहां गया और तस्वीर देखी। वो स्तब्ध रह गया क्योंकि उसकी पूरी तस्वीर निशानों से ख़राब हो चुकी थी।
उसे यह सब देखकर बहुत दुख हुआ।
उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करे। वह दुःखी बैठा हुआ था।
तभी चित्रकार का एक दोस्त वहाँ से गुजरा।
उसके दोस्त ने पूछा, दोस्त क्या हुआ, इतना दुखी क्यो बैठे हो।
तब चित्रकार ने सारी घटना दोस्त को बता दी।
तब दोस्त ने कहा, ”एक काम करो कल एक ओर तस्वीर बनाना और उस पर लिखना कि जिसको भी इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी दिखे, उसे सही कर दे।”
अगले दिन चित्रकार ने ऐसा ही किया।
उस शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा कि तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया, तस्वीर वैसी की वैसी ही थी।
अब चित्रकार संसार की रीति समझ चुका था। वह जान गया कि “कमी निकालना, निंदा करना, दुसरों की बुराई करना आसान हैं लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यधिक कठिन होता हैं।”
शिक्षा : दोस्तों हमें अपनी एनर्जी को दूसरों की बुराई करने में या उनमे कमियां निकालने में बर्बाद नहीं करना चाहिए। अपनी एनर्जी को रचनात्मक कार्यो में लगाये।
————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।Hindi kahani : एक बार की बात है। एक शहर में एक बहुत ही मशहूर चित्रकार रहता था। एक दिन उस चित्रकार ने एक बहुत खूबसूरत तस्वीर बनाई और उसे शहर के बीच चौराहे पर लगा दिया और नीचे लिखा कि जिसको जहाँ भी इस तस्वीर में कोई कमी नजर आये तो वो वहाँ निशान लगा दे।
जब शाम को चित्रकार वापस वहां गया और तस्वीर देखी। वो स्तब्ध रह गया क्योंकि उसकी पूरी तस्वीर निशानों से ख़राब हो चुकी थी।
उसे यह सब देखकर बहुत दुख हुआ।
उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करे। वह दुःखी बैठा हुआ था।
तभी चित्रकार का एक दोस्त वहाँ से गुजरा।
उसके दोस्त ने पूछा, दोस्त क्या हुआ, इतना दुखी क्यो बैठे हो।
तब चित्रकार ने सारी घटना दोस्त को बता दी।
तब दोस्त ने कहा, ”एक काम करो कल एक ओर तस्वीर बनाना और उस पर लिखना कि जिसको भी इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी दिखे, उसे सही कर दे।”
अगले दिन चित्रकार ने ऐसा ही किया।
उस शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा कि तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया, तस्वीर वैसी की वैसी ही थी।
अब चित्रकार संसार की रीति समझ चुका था। वह जान गया कि “कमी निकालना, निंदा करना, दुसरों की बुराई करना आसान हैं लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यधिक कठिन होता हैं।”
शिक्षा : दोस्तों हमें अपनी एनर्जी को दूसरों की बुराई करने में या उनमे कमियां निकालने में बर्बाद नहीं करना चाहिए। अपनी एनर्जी को रचनात्मक कार्यो में लगाये।
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