देश - विदेश:-अफगानिस्तान में 2 दिन बाद बन जाएगी तालिबान की सरकार

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calendar04 Sep 2021 04:39 PM
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अफगानिस्तान - तालिबान की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया जा चुका है, जिसमें कहा गया है कि 2 से 3 दिन में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बना दी जाएगी। शनिवार को हुई बैठक में तालिबानी नेताओ ने यह खुलासा किया है कि सरकार में शामिल होने वाले सदस्यों के नाम की घोषणा भी सरकार के गठन के समय ही की जाएगी।

अफगानिस्तान में बन रही तालिबान सरकार का नेतृत्व तालिबान के सह संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर द्वारा किया जाएगा। खबर आ रही है कि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को सरकार का प्रमुख सदस्य बनाने की घोषणा जल्द ही सार्वजनिक रूप से की जाएगी।

तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मोहम्मद याकूब व शेर मोहम्मद अब्बास भी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के साथ अफगानिस्तान में बन रही सरकार के मुख्य सदस्य रहेंगे। तालिबान के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इन्नमुल्लाह सामंगनी ने बताया कि सरकार से जुड़े मुख्य सदस्य काबुल पहुंच चुके हैं, और सरदार के गठन से संबंधित बातों पर सबकी सहमति हो चुकी है। अब मंत्रिमंडल से जुड़े कुछ खास मुद्दों पर फैसला लेना बाकी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान में बन रही तालिबान सरकार में 12 मुस्लिम विद्वानों के साथ मंत्रिमंडल में कुल 25 सदस्य होंगे। एक वरिष्ठ तालिबानी अधिकारी के मुताबिक बन रही सरकार में राज व्यवस्था का ढांचा इस मुताबिक तैयार किया जाएगा कि धार्मिक मामले में इस्लाम के दायरे को ध्यान में रखा जा सके।

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प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी सम्मानित

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calendar02 Dec 2025 03:38 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में उद्धृत शे'र - मांझी, न रहबर, न हक़ में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफ़र है।

के रचयिता प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी को, ग़ज़ल के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 'काव्यलोक' द्वारा गाज़ियाबाद लायंस क्लब के सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया,जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री डॉ रमा सिंह ने की।

कार्यक्रम का उद्घाटन प्रसिद्ध समाज सेवी श्री देवेंद्र हितकारी ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा, श्री शैलेन्द्र जैन, राजऋषि ज्योतिषी पं.अरुण कौशिक, साहित्य सेवी श्री पवन जैन, मोइन अख़तर अंसारी सहित गाज़ियाबाद एवम देशभर से पधारे अनेक गणमान्य काव्य प्रेमी और शायर उपस्थित थे। विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने दीक्षित दनकौरी की ग़ज़ल मुम्बई विश्विद्यालय में बी.ए.तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम में शामिल हो जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर डॉ अल्पना सुहासिनी के संचालन में एक ग़ज़ल गोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें डॉ रमा सिंह, गोविंद गुलशन, मासूम गाज़ियाबादी, अंजू जैन ,राजीव सिंहल,कृष्ण कुमार 'नाज़',संतोष सिंह, सलिल तिवारी 'सलिल',महव जबलपुरी, मीनाक्षी शर्मा और दीक्षित दनकौरी ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

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क्या आप जानते हैं कि कैसे हुई अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की शुरुआत?

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calendar02 Dec 2025 04:18 AM
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शिक्षक का हम सभी के जीवन में सबसेअधिक महत्व होता है। जीवनभर हम किसी न किसी शिक्षक की छांव में ही रहते हैं और हम एक तरह से ये भी कह सकते हैं कि बिना शिक्षक के मानो हम सभी का जीवन अधूरा है।

अब दोस्तों शुरुआत हो चुकी है सितंबर की। हर तरफ शिक्षक दिवस के ही चर्चे आप सब सुन रहे होंगे। स्कूलों में तो इसका बहुत अधिक महत्व रहता है। स्कूली बच्चे तो साल भर इस दिन का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करते रहते हैं, कि कब शिक्षक दिवस आए और उन्हें शिक्षक बनने का मौका मिले।

हर वर्ष शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए शिक्षक दिवस 5 सितंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वहीं अगर बात की जाए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की तो ये हर वर्ष 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाता तो हर कोई है मगर इसकी शुरुआत कैसे हुई और इसका महत्व क्या है, इन चीज़ों के बारे में कोई नहीं जानता है। आज शिक्षक दिवस के मौके पर हम आप से इसी के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।

● शिक्षक दिवस का इतिहास- बात है 1966 कि। उस समय UNESCO और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के बीच एक बैठक हुई थी। इस बैठक में जिम्मेदारियों, शिक्षकों के अधिकारों तथा आगे की शिक्षा को लेकर गाइडलाइंस जारी करने की बात की गई थी। फिर 1994 में 100 देशों के समर्थन के साथ संयुक्त राष्ट्र में विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस को मनाने के लिए UNESCO की सिफारिश को पारित कर दिया गया था। बस इसी के बाद से 5 अक्टूबर को हर वर्ष विश्व मे शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है और इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

● शिक्षक दिवस का महत्व- महत्व की बात अगर हम आप से करें तो शायद ये आप सबको बताना जरूरी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिक्षक का महत्व तो बचपन से ही बच्चे को समझ मे आने लगता है। वैसे इस दिवस को मनाने के पीछे एक उद्देश्य छिपा हुआ है। इसका उद्देश्य ये है कि इस दिवस को मनाने से लोगों का शिक्षकों का शिक्षकों की ओर ध्यान केंद्रित होता है। लोगों को शिक्षकों को सराहना, उनका मूल्यांकन करने का मौका मिलता है। इसी दिन शिक्षण और शिक्षकों के मूलभूत मुद्दे पर बातचीत करने का भी अवसर प्राप्त हो पाता है।

● 2021 शिक्षक दिवस की थीम- हर साल इस दिन के लिए एक थीम को चुना जाता है। इस वर्ष की शिक्षक दिवस की जो थीम है वो है, 'शिक्षक: बढ़ते संकट के बीच भविष्य की नई कल्पना (Teachers: leading in crisis, re imagining the future), इस दिन को UNESCO, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के साथ साझेदारी में मनाया जाता है।