IT Rules : आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन प्रेस को दबाने का हथियार : डिजिपब

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IT Rules
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:13 PM
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IT Rules : नयी दिल्ली। देश में डिजिटल समाचार संगठनों के संघ ‘डिजिपब’ ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में प्रस्तावित संशोधन संभावित रूप से ‘प्रेस को दबाने वाला सुविधाजनक संस्थागत हथियार’ साबित हो सकता है।

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‘डिजिपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन’ ने एक बयान में कहा कि सरकार को यह निर्धारित करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए कि कौन-सी सूचना या समाचार असली है और कौन-सी फर्जी। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया, जिसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों से प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) या तथ्य-जांच के लिए केंद्र सरकार की ओर से अधिकृत किसी अन्य एजेंसी द्वारा ‘फर्जी’ करार दिए जाने वाले समाचार लेखों को हटाने के लिए कहने का प्रावधान है। बयान में कहा गया है, ‘‘डिजिपब का दृढ़ता से मानना है कि गलत सूचना/भ्रामक सूचना के संकट से निपटने की आवश्यकता है। हालांकि, प्रस्तावित संशोधन भारत सरकार को बिना किसी प्रक्रिया के यह पता लगाने के लिए मनमानी और विवेकाधीन शक्ति प्रदान करते हैं कि कोई सामग्री ‘फर्जी’ है या नहीं।’’ डिजिपब ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए केवल सरकार ही एकमात्र हितधारक नहीं है। बयान में कहा गया है, ‘‘लिहाजा सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए कि कौन-सी सूचना/समाचार असली है और कौन-सी फर्जी।’’ इससे पहले, ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने बुधवार को सरकार से आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधनों को ‘वापस लेने’ का आग्रह किया था। उसने सरकार से डिजिटल मीडिया से “फर्जी” समाचार लेखों को हटाने के लिए प्रेस संगठनों, मीडिया कंपनियों और अन्य हितधारकों के साथ ‘सार्थक संवाद’ शुरू करने को भी कहा था।

Wrestlers Protest : पहलवान अड़े, खेल मंत्री के साथ बैठक बेनतीजा

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Wrestlers Protest : पहलवान अड़े, खेल मंत्री के साथ बैठक बेनतीजा

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Wrestlers Protest
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:00 AM
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Wrestlers Protest : नयी दिल्ली। शीर्ष भारतीय पहलवानों की केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ गुरुवार रात हुई बैठक बेनतीजा रही क्योंकि उन्होंने सरकार के भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को तुरंत भंग करने की अपनी मांग से पीछे हटने से इनकार कर दिया।

Wrestlers Protest

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के दूसरे दिन गुरुवार को रात करीब 10 बजे मैराथन बैठक शुरू हुई। पहलवान रात एक बजकर 45 मिनट पर ठाकुर के घर से निकले और बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बात नहीं की। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, रवि दहिया, साक्षी मलिक और विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट बैठक का हिस्सा थे। सरकारी अधिकारियों और विरोध कर रहे पहलवानों के बीच पूर्व में हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद ठाकुर हिमाचल प्रदेश से दिल्ली पहुंचे। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक पहलवान शुक्रवार को फिर से खेल मंत्री से मिलेंगे। मंत्रालय बृजभूषण शरण सिंह को तब तक इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता जब तक कि उसे डब्ल्यूएफआई से लिखित जवाब नहीं मिल जाता क्योंकि सरकार ने खुद कुश्ती संघ से स्पष्टीकरण मांगा है। डब्ल्यूएफआई ने अभी तक खेल मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है जिसने बुधवार को कुश्ती संघ को कई महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न और उसके अध्यक्ष द्वारा डराने-धमकाने के आरोपों का जवाब देने के लिए 72 घंटे का समय दिया था। सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि पहलवान अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म करें लेकिन खिलाड़ी इस बात पर अड़े हैं कि पहले डब्ल्यूएफआई को भंग किया जाए। पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘सरकार अन्य मुद्दों को बाद में सुलझा सकती है। हमें इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उसे पहले डब्ल्यूएफआई को भंग करना चाहिए।’’ बजरंग, विनेश, अंशु मलिक, साक्षी और उनके पति सत्यव्रत कादियान सहित पहलवानों की एक टीम ने गुरुवार को सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की और खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक संदीप प्रधान के साथ अपने मसलों पर चर्चा की। घंटे भर चली बैठक के दौरान पहलवानों से अपना विरोध खत्म करने को कहा गया और आश्वासन दिया गया कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। गतिरोध तोड़ने के लिए पूर्व पहलवान और भारतीय जनता पार्टी नेता बबीता फोगाट भी बैठक का हिस्सा थीं।

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Jammu and Kashmir में आतंकवाद केवल पाकिस्तान के साथ वार्ता से ही खत्म किया जा सकता है : फारूक अब्दुल्ला

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Jammu and Kashmir
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Jan 2023 04:04 PM
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Jammu and Kashmir : लखनपुर (जम्मू-कश्मीर)। नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब भी जिंदा है और इसे केवल पाकिस्तान (Pakistan) के साथ वार्ता के माध्यम से ही खत्म किया जा सकता है।

Jammu and Kashmir

अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भारत में ‘‘नफरत फैलाने’’ और देश की अखंडता को खतरे में डालने का आरोप भी लगाया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा कि मैं आपको अपने खून से लिखकर दे सकता हूं कि आतंकवाद अब भी जिंदा है और यह पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने तक खत्म नहीं होगा। जब आप चीन से बात कर सकते हैं, जो हमारी सीमा और जमीन में 16 बार घुस चुका है तो आप पाकिस्तान से बात करने से क्यों कतरा रहे हैं।

नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बृहस्पतिवार को राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने पर उसका स्वागत किया था। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अपने अंतिम चरण में बृहस्पतिवार शाम पंजाब के पठानकोट से केंद्र-शासित प्रदेश में दाखिल हुई थी।

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान से बात करने से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो जाएगा, अब्दुल्ला ने कहा कि हमें एक प्रयास करना होगा, लेकिन वे (भाजपा सरकार) अनिच्छुक हैं। उन्हें अपने वोट बैंक के लिए मुसलमानों और हिंदुओं को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के वास्ते नफरत फैलानी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि वे पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और हमारे देश के मुसलमानों की सुरक्षा की परवाह किए बिना नफरत फैला रहे हैं। लोगों के दिलों से नफरत नहीं निकाली गई तो भारत की अखंडता के सामने खतरा खड़ा हो जाएगा।

अब्दुल्ला ने फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ पर निशाना साधते हुए कहा कि नफरत फैलाने और वोट बटोरने के लिए उनकी (कश्मीरी पंडितों) दुर्दशा का इस्तेमाल करने के लिए एक फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) रिलीज की गई। वे (भाजपा) उनकी वापसी और पुनर्वास को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, लेकिन हुआ क्या? कश्मीर में जिन लोगों को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी दी गई... आतंकवाद से उनकी जान को भी खतरा है, लेकिन यह उन्हें नजर नहीं आता।

अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद शुरू होने के बाद से कश्मीरी पंडित और मुसलमान, दोनों प्रभावित हुए हैं और यहां तक कि नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता और मंत्री भी बड़ी संख्या में मारे गए हैं।

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