West Bengal: केंद्र और राज्य के बीच सेतु की तरह काम करुंगा: बंगाल के नव नियुक्त राज्यपाल सी वी आनंद बोस

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calendar29 Nov 2025 10:25 AM
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West Bengal: पश्चिम बंगाल के नव नियुक्त राज्यपाल सी वी आनंद बोस का मानना है कि राज्यपाल का कार्य प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार और राजभवन के बीच ‘सभी विवादों के समाधान’ के लिए सेतु की तरह काम करना है।

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बोस को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच मतभेदों को विवाद की तरह नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि ‘विचारों में अंतर’ की तरह देखा जाना चाहिए क्योंकि दोनों एक-दूसरे की पूरक संस्थाएं हैं।

उन्होंने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं विवादों के समाधान को तरजीह देता हूं क्योंकि हर समस्या का समाधान होता है और हमें सही समाधान पर पहुंचना चाहिए। हमें सभी को एकजुट रखना होगा। इसलिए, मैं वहीं कहूंगा जो संविधान हमसे अपेक्षा रखता है-राज्यपाल को रास्ता जानना होगा, दिखाना होगा और उस पर चलना होगा।’’

पूर्व राज्यपाल एवं वर्तमान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अनेक विषयों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ गतिरोध रहता था।

राजभवन और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच मतभेदों के समाधान के बारे में पूछे जाने पर बोस ने कहा कि राज्यपाल को केंद्र तथा राज्य के बीच सेतु के रूप में काम करना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उन्हें राज्य सरकार का सहयोग मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों (राजभवन और राज्य सरकार) एक-दूसरे की पूरक संस्थाएं हैं। संविधान के निर्माता निश्चित रूप से कोई दायित्वहीन पद सृजित नहीं करना चाहते थे। निश्चित रूप से, एक उद्देश्य था। संविधान में राज्यपाल का उद्देश्य स्पष्ट रूप से परिभाषित है। राज्यपाल को राज्य तथा केंद्र के बीच सेतु की तरह काम करना होता है।’’

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी बोस ने कहा, ‘‘राज्यपाल की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि सरकार संविधान के दायरे के भीतर काम करे और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को सभी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।’’

गैर-भाजपा शासित राज्यों में सरकारों तथा राज्यपाल के बीच बढ़ते गतिरोध के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ये ‘विचारों में अंतर’ हैं और इन्हें विवाद की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे विवाद के रूप में नहीं, बल्कि विचारों के अंतर के रूप में देखता हूं। एक अलग दृष्टिकोण और विचारों में अंतर लोकतंत्र की बुनियाद है। मतभेद का मतलब लोकतंत्र की कमजोरी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की ताकत है।’’

बोस ने कहा, ‘‘हमारे जैसे बहुलतावादी समाज में मुद्दों पर लोगों की जो भी राय हो, उस पर मुक्त अभिव्यक्ति होनी चाहिए। भारत में लोकतंत्र इतना शक्तिशाली है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं है जिसे लोकतंत्र संभाल नहीं सकता। संविधान मौजूद है, यह कथित संघर्षों के सभी समाधान प्रदान करता है।’’

केंद्र में भाजपा के शासन के तहत राजभवन को 'भगवा खेमे का विस्तारित पार्टी कार्यालय' बनाने के विपक्षी दलों के आरोपों पर नव नियुक्त राज्यपाल ने कहा, ‘‘आरोप तो आरोप हैं, मैं तथ्यों पर भरोसा करता हूं।’’ केरल के कोट्टायम से ताल्लुक रखने वाले बोस ने अभी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर पदभार नहीं संभाला है।

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National News : ’विक्रम-एस’ का सफल परीक्षण भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण : प्रधानमंत्री

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Prime Minister Narendra Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:25 PM
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New Delhi : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के पहले निजी रॉकेट ‘विक्रम-एस’ के सफल परीक्षण को देश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया और शुक्रवार को कहा कि यह देश के निजी अंतरिक्ष उद्योग की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इस उपलब्धि के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और निजी क्षेत्र की कंपनी ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ को बधाई दी।

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उन्होंने कहा कि स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा विकसित रॉकेट ‘विक्रम-एस’ का आज श्रीहरिकोटा से उड़ान भरना भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस उपलब्धि के लिए इसरो और स्काईरूट एयरोस्पेस को बधाई।

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भारत ने चार साल पुराने एक स्टार्टअप द्वारा विकसित रॉकेट के जरिए तीन उपग्रहों को कक्षा में शुक्रवार को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया और इसी के साथ देश की अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र के प्रवेश का ‘प्रारंभ’ हो गया। अभी तक सरकारी संस्था इसरो का ही इस क्षेत्र पर आधिपत्य था।

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मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि यह उपलब्धि हमारे युवाओं की अपार प्रतिभा का प्रमाण है, जिन्होंने जून 2020 के ऐतिहासिक अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों का पूरा लाभ उठाया। स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा बनाए गए ‘विक्रम-एस’ का पहला मिशन सफल रहा। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देते हुए इस रॉकेट का नाम ‘विक्रम-एस’ रखा गया है। नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में इस मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है। स्काईरूट एयरोस्पेस भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बन गयी है जिसने 2020 में केंद्र सरकार द्वारा अंतरिक्ष उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में कदम रखा है।
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Shraddha Murder Case: आफताब ने गांजे के नशे में की थी श्रद्धा की हत्या

Aftabpoonawala
Shraddha Murder Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Nov 2022 09:59 PM
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Shraddha Murder Case: चर्चित श्रद्धा हत्याकांड को लेकर पुलिस की जांच कदम दर कदम आगे बढ़ रही है। अब पता चला है कि हत्या के वक्त आरोपी आफताब गांजे के नशे में था। उसने नशे की हालत में ही श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे।

Shraddha Murder Case

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हत्यारोपी आफताब नशे का आदी था और गांजा पीता था। 18 मई को जब श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या की तो वह गांजे के नशे में था। पुलिस पूछताछ में आफताब ने बताया कि गांजे का सेवन करने पर श्रद्धा उसे अक्सर डांटती भी थी। पता चला है कि श्रद्धा और आफताब मुंबई से दिल्ली आए थे, जिसके बाद दोनों रुपयों की किल्लत से जूझ रहे थे।

आफताब की जब श्रद्धा के काफी लड़ाई हुई थी तो वह बाहर गांजा पीने के लिए गया था और जब वह वापस आया तो उसने इस घटना को अंजाम दिया। आफताब ने पुलिस को बताया कि वह श्रद्धा को मारना नहीं चाहता था, लेकिन नशे में उसने श्रद्धा का गला घोंट दिया। 18 मई को श्रद्धा की रात 9 से 10 बजे के बीच मौत हो गई थी, इसके बाद आफताब पूरी रात शव के पास ही बैठा रहा और नशा करता रहा।

सूत्रों के अनुसार आफताब को अब दिल्ली पुलिस उत्तराखंड या हिमाचल प्रदेश लेकर जा सकती है, जहां पर वह श्रद्धा के साथ गया था। पूछताछ के दौरान आफताब ने बताया कि उसने श्रद्धा के शरीर के कुछ हिस्सों को देहरादून में भी फेका है। श्रद्धा के शव के टुकड़ों की मेहरौली के जंगल में दो दिन तक पड़ताल के बाद इस मामले में कई बड़ी जानकारी सामने आई है। जिस पर अब पुलिस आगे की जांच कर रही है और मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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